Highlights
- भारत ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीन मैचों की टी20 सीरीज 2-1 से जीती
- 28 सितंबर से 4 अक्टूबर तक साउथ अफ्रीका के साथ टी20 सीरीज खेलेगा भारत
- हैदराबाद में सीरीज जीतने के बाद रोहित शर्मा ने माना टीम में इस सुधार की जरूरत
Team India: भारतीय क्रिकेट टीम ने टी20 वर्ल्ड कप 2022 से पहले अपना एक बड़ा इम्तिहान पास करते हुए ऑस्ट्रेलिया को सीरीज में 2-1 से मात दे दी है। इस सीरीज में टीम इंडिया की तरफ से बल्लेबाजी में शानदार प्रदर्शन देखने को मिला। यही कारण रहा कि भारत ने नागपुर और फिर हैदराबाद में कंगारुओं को चारों खाने चित करते हुए सीरीज अपने नाम कर ली। लेकिन अभी भी टीम इंडिया एक टेंशन से पार नहीं पा पाई है। कप्तान रोहित शर्मा अभी भी उस बात को लेकर चिंतामुक्त नहीं हो पाए हैं।
भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया से सीरीज तो जीत गई है और अगले इम्तिहान के लिए साउथ अफ्रीका का सामना करने को भी तैयार है। 23 अक्टूबर को भारतीय टीम विश्व कप में पाकिस्तान के खिलाफ अपने अभियान की शुरुआत करेगी। लेकिन इन सबसे पहले एक ऐसा फेर है जिसमें टीम इंडिया बुरी तरह फंसी हुई है और निकल नहीं पा रही है। ऑस्ट्रेलिया सीरीज में हर मैच में अलग-अलग आजमाइश की गई लेकिन वो समस्या दूर नहीं हुई। आखिर क्या है वो समस्या और कप्तान रोहित शर्मा का उसे लेकर क्या कहना है।
'19' के फेर से कब निकलेगा भारत?
दरअसल लगातार भारतीय टीम डेथ ओवर में जूझ रही है। खासतौर से 19वां ओवर कप्तान रोहित शर्मा के जी का जंजाल बन गया है। या फिर कहें कि 19 के फेर में इन दिनों टीम इंडिया बुरी तरह फंसी हुई है। इसका सीधा आशय डेथ ओवर से ही है। मोहाली टी20 में भुवनेश्वर कुमार को 19वें ओवर में मैथ्यू वेड ने जमकर पीटा था। उसके बाद नागपुर में हुए 8-8 ओवर के मैच में 7वें ओवर में वेड के साम हर्षल पटेल फंस गए और उन्होंने 19 रन लुटा दिए। इसके बाद हैदराबाद में टीम इंडिया की गेंदबाजी में सबसे मजबूत कड़ी माने जाने वाले जसप्रीत बुमराह ने फेंका। लेकिन इस 19 के जाल में वो भी फंसे और 18 रन दे गए। इससे पहले भुवी ने 18वें ओवर में 21 रन लुटाए थे।
कप्तान रोहित शर्मा की क्या है सोच?
कप्तान रोहित शर्मा ने हैदराबाद में मैच और सीरीज जीत के बाद कहा था कि, कई विभागों में सुधार की गुंजाइश है विशेषकर डेथ ओवरों की गेंदबाजी में। भारतीय कप्तान ने यह भी कहा था कि, वह दोनों (हर्षल और बुमराह) काफी समय बाद खेल रहे हैं। उनके (ऑस्ट्रेलिया के) मध्य और निचले क्रम को गेंदबाजी करना काफी मुश्किल है। इस पर ध्यान नहीं देना चाहते। वे ब्रेक के बाद आ रहे हैं और उन्हें लय में आने में समय लगेगा। वहीं भुवी को लेकर रोहित बोले थे कि, भुवी को समय देने की जरूरत है क्योंकि टीम में उसके जैसा खिलाड़ी होने से हमें पता होता है कि वह क्या कर सकता है।
कप्तान ने भुवी का समर्थन करते हुए आगे यह भी कहा कि, उसका खराब फॉर्म ज्यादा दिन नहीं रहेगा। हम कुछ योजनाओं पर काम कर रहे हैं और उम्मीद है कि डैथ ओवरों में उसे गेंदबाजी के अधिक विकल्प दे सकेंगे। इससे वह पहले की तरह ही प्रदर्शन कर पाएगा।’’ उन्होंने कहा,"भुवनेश्वर में आत्मविश्वास की कमी नहीं है। मुझे नहीं लगता कि उसमें आत्मविश्वास की कोई कमी है। हमें उस पर और उसके कौशल पर भरोसा बनाए रखने की जरूरत है।’’