भारत बनाम बांग्लादेश टेस्ट सीरीज। 19 सितंबर को टीम इंडिया एक बार फिर से एक्शन में नजर आएगी। इस सीरीज के दौरान सवाल सबसे बड़ा यही रहेगा कि क्या टीम इंडिया के बल्लेबाज सही तरह से स्पिन खेल पाएंगे? दरअसल पाकिस्तान के खिलाफ हाल ही में खेली गई टेस्ट सीरीज के दौरान बांग्लादेश ने कमाल का प्रदर्शन किया और सीरीज 2-0 से जीती। वहीं टीम इंडिया अपना पहला मुकाबला बांग्लादेश के खिलाफ चेपॉक में खेलेगी। अपने स्पिन ट्रैक के लिए मशहूर चेपॉक का मैदान टीम इंडिया के बल्लेबाजों के लिए एक बड़ी चुनौती होने जा रहा है। बांग्लादेश के पास कई अनुभवी स्पिन गेंदबाज मौजूद हैं, जो इस सीरीज के दौरान टीम इंडिया की मुश्किलों को बढ़ा सकते हैं।
फैंस को बांग्लादेश सीरीज का इंतजार
बांग्लादेश के खिलाफ शुरू होने वाली इस सीरीज का फैंस बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। ऐसा अक्सर देखने को नहीं मिलता है जब भारत-बांग्लादेश टेस्ट सीरीज का इतनी उत्सुकता से इंतजार किया जा रहा हो। शायद इसके पीछे का कारण यह भी हो सकता है कि भारतीय क्रिकेट टीम 42 दिन के लंबे ब्रेक के बाद मैदान पर आ रही है और एक ऐसी टीम का सामना करने को तैयार है जिसने पाकिस्तान के खिलाफ ऐतिहासिक जीत दर्ज की है। कुछ भी हो सकता है, लेकिन सवाल अभी भी यही रहेगा कि क्या टीम इंडिया स्पिन के खिलाफ अपने कौशल को दिखा सकेगी। हाल ही में श्रीलंका के खिलाफ खेली गई वनडे सीरीज के दौरान टीम इंडिया के बल्लेबाजों को स्पिन खेलने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था।
टीम इंडिया को बांग्लादेश के खिलाफ यह टेस्ट सीरीज इस साल की शुरुआत में बड़ी आसान सी लग रही होगी। लेकिन श्रीलंका के खिलाफ टीम इंडिया के प्रदर्शन को देखते हुए दिमाग में एक ही बात सामने आती है कि क्या टीम इंडिया अभी भी बांग्लादेश के खिलाफ टेस्ट सीरीज को हलके में लेगी। बांग्लादेश ने जिस हिसाब ले पाकिस्तानी टीम को रौंदा है, उसे देखते हुए मेहमान टीम को हराना आसान नहीं होगा। बेशक, भारत ने इस साल की शुरुआत में घर पर इंग्लैंड के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन किया था। स्पिनर्स के खिलाफ टीम इंडिया के बल्लेबाजों ने अच्छा प्रदर्शन भी किया। मगर श्रीलंका सीरीज ने कई सवाल खड़े कर दिए, लेकिन भारत के लिए यह स्पिन के खिलाफ फंसने की समस्या नई सी नजर आ रही है।
इंग्लैंड सीरीज में खुल गई पोल
स्पिन गेंदबाजों के खिलाफ भारतीय बल्लेबाजों की असल समस्या के बारे में जानने से पहले कुछ आंकड़ों पर नजर डालते हैं। भारत ने इंग्लैंड के खिलाफ साल की शुरुआत में पांच टेस्ट मैचों में स्पिन के खिलाफ 62 विकेट गंवाए, जिसमें प्रति आउट 37 का औसत रहा। उस सीरीज के दौरान पिच काफी अच्छी थी और स्पिन गेंदबाजों को पिच से ज्यादा मदद भी नहीं मिल रही है। इसके अलावा इंग्लैंड के स्पिनर काफी नए थे। फिर भी भारतीय बल्लेबाजों को उन्होंने जमकर परेशान किया। इसलिए इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि स्पिनरों ने टेस्ट क्रिकेट में हाल ही में भारतीय बल्लेबाजों पर भारी असर डाला है। अब जब हम आंकड़ों में आ गए हैं, तो आइए थोड़ा और गहराई से देखें।
स्पिन के खिलाफ किसी का औसत 60+ नहीं
भारतीय क्रिकेट में एक समय हुआ करता था जब भारतीय बल्लेबाज स्पिन के खिलाफ काफी अच्छा करते थे। भारत में सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़, वीवीएस लक्ष्मण, वीरेंद्र सहवाग और सौरव गांगुली जैसे खिलाड़ी भी हुए। जिन्होंने स्पिन गेंदबाजों के खिलाफ अपना लोहा मनवाया। आज के बल्लेबाजों की तुलना इन खिलाड़ियों से करें तो आप इसे देखकर काफी हैरान हो जाएंगे। राहुल द्रविड़, सचिन तेंदुलकर, वीरेंद्र सहवाग का स्पिन के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में औसत 60 से ज्यादा का है। जोकि काफी शानदार है। राहुल द्रविड़ ने तो 80.45 की औसत से स्पिन गेंदबाजों को धोया था, वहीं आज के दौरे के किसी भी बड़े भारतीय बल्लेबाज का स्पिन के खिलाफ औसत 60 के पार नहीं है। विराट कोहली लिस्ट में टॉप पर हैं जिनका औसत 58.65 का है।
2001 से 2005 तक का स्वर्णिम दौर
भारतीय क्रिकेट ने साल 2001 से 2005 तक टेस्ट क्रिकेट में उस स्वर्णिम दौर के भी देखा है जब स्पिन गेंदबाजी के खिलाफ भारतीय टीम पूरी तरह से मजबूत नजर आती थी। उस वक्त पेस गेंदबाजी टीम इंडिया की कमजोरी हुआ करती थी। तेज गेंदबाजी के खिलाफ टीम इंडिया ने साल 2001 से 2005 तक 503 विकेट गंवाए थे। वहीं स्पिन के खिलाफ सिर्फ 224। वहीं अप्रैल 2019 से लेकर मार्च 2024 तक तेज गेंदबाजी के खिलाफ टीम इंडिया ने 409 विकेट खोए हैं और स्पिन के खिलाफ 264 विकेट। ये आंकड़े साफ तौर पर बता रहे हैं कि भारतीय बल्लेबाजी धीरे-धीरे स्पिन के खिलाफ कमजोर होती जी रही है।
वीरेंद्र सहवाग ने स्पिन गेंदबाजों को लेकर कही थी ये बात
टीम इंडिया के स्टार बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग अपने फियरलेस स्टाइल की बल्लेबाजी के लिए जाने जाते हैं। खासकर स्पिन गेंदबाजी के सामने उनका रिकॉर्ड गजब का रहा है। एक इंटरव्यू के दौरान वीरेंद्र सहवाग ने इस बात का खुलासा भी किया था कि वह ऑफ स्पिनरों को गेंदबाज मानते ही नहीं हैं। उनका यह भी कहना था कि स्पिन गेंदबाज सिर्फ रन खर्च करने के लिए बने होते हैं। उनके इस बयान पर काफी बवाल भी मचा था, लेकिन सहवाग के आंकड़े इस बात की गवाही देते हैं कि उन्होंने सच में कभी भी स्पिन गेंदबाजों के खिलाफ हार नहीं मानी और उन्हें जमकर धौया।
कहां से शुरू हुआ डाउनफॉल
स्पिन गेंदबाजी के खिलाफ भारतीय बल्लेबाजों के डाउनफॉल के बारे में बात करें तो, यह साल 2021 से शुरू हुआ। विराट कोहली स्पिन के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में 58.65 के औसत से बल्लेबाजी करते हैं, लेकिन 2021 के बाद से विराट कोहली के आंकड़ों पर नजर डालें तो, उन्होंने स्पिन के खिलाफ 11 पारियों में सिर्फ 29.42 की औसत से बल्लेबाजी की और उन्होंने 206 रन बनाए हैं। वहीं 7 बार वह स्पिन गेंदबाजों का शिकार बने हैं। विराट कोहली के अलावा केएल राहुल के आंकड़े भी 2021 के बाद से काफी खराब हुए हैं। केएल राहुल टेस्ट में स्पिन के खिलाफ 42.76 की औसत से बल्लेबाजी करते हैं, लेकिन 2021 के बाद से उनका औसत सिर्फ 27.85 का है। टीम इंडिया के कप्तान रोहित शर्मा अपने पूरे टेस्ट करियर में स्पिन के खिलाफ 38 बार आउट हुए हैं। वहीं 2021 के बाद उन्हें स्पिन गेंदबाजों ने 20 बार आउट किया है। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि 2021 के बाद भारतीय बल्लेबाजी को स्पिन के खिलाफ काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा है।
क्यों स्पिन के खिलाफ कमजोर होती जा रही टीम इंडिया की बल्लेबाजी?
पूर्व टेस्ट खिलाड़ी अशोक मल्होत्रा ने भी स्पिन के खिलाफ भारतीय बल्लेबाजों के खराब प्रदर्शन पर अपनी राय रखी है। अशोक मल्होत्रा ने इंडिया टीवी से बात करते हुए कहा कि...
टी20 क्रिकेट के आने से हमें विश्व स्तरीय स्पिनरों को खेलने का मौका नहीं मिल पा रहा है। भारतीय घरेलू सर्किट में मैच अब ग्रीन टॉप्स पर खेले जाते हैं इसलिए स्पिन स्वचालित रूप से घरेलू क्रिकेट में पीछे हो जाती है क्योंकि हम विदेशों में अच्छा खेलने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। यदि हमारे इंटरनेशनल बल्लेबाज घरेलू क्रिकेट खेलते हैं तो उन्हें किसी महान स्पिनर का सामना नहीं करना पड़ेगा क्योंकि घरेलू सर्किट में शायद ही कोई अच्छा स्पिनर बचा है, इसलिए स्पिन के खिलाफ सुधार करने के लिए घरेलू क्रिकेट खेलने का यह फंडा भी अब एक व्यर्थ विचार है...यह हमारे दिनों की तरह नहीं जब घरेलू क्रिकेट में भी हमें असाधारण स्पिन आक्रमण का सामना करना पड़ता था।
इसके अलावा उन्होंने आगामी बांग्लादेश टेस्ट सीरीज को लेकर भी अपनी राय रखी है। जहां उन्होंने कहा कि...
बांग्लादेशी स्पिनर हमें चुनौती देंगे लेकिन हमारे पास उन्हें खेलने का अनुभव और प्रतिभा है। हम बांग्लादेश के खिलाफ जीतेंगे। वास्तव में हमारा स्पिन आक्रमण बांग्लादेशियों के खिलाफ काफी अच्छा करेगा।
टीम मैनेजमेंट भी जानती है भारतीय बल्लेबाजी की कमजोरी
भारतीय टीम के नए सहायक कोच टेन डोएशेट का मानना है कि विदेशी परिस्थितियों में अच्छा प्रदर्शन करने की बेचैनी के कारण स्पिन गेंदबाजी के खिलाफ भारत की तैयारी पर असर पड़ा है और भारतीयों को फिर से दुनिया में स्पिन का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी बनाने के लिए सचेत प्रयास की आवश्यकता होगी। टेन डोएशेट ने कहा था कि भारत की मानसिकता ऐसी रही है कि वे विदेशों में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए बहुत बेताब रहे हैं। हमारा ध्यान ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड में अच्छा प्रदर्शन करने पर चला गया है इसलिए हमने स्पिन खेलने में थोड़ी कमी की है, जो हमेशा से भारतीय टीम की ताकत रही है। ऐसे में यह एक बड़ा कारण रहा है कि टीम इंडिया स्पिन के खिलाफ कमजोर होती चली गई है।
बांग्लादेश के खिलाफ बचकर रहे टीम इंडिया
टीम इंडिया ने जब पिछली बार बांग्लादेश के खिलाफ टेस्ट सीरीज खेली थी। उस दौरान बांग्लादेश के स्पिनरों ने काफी शानदार प्रदर्शन किया था। 4 पारियों में भारतीय बल्लेबाजों का औसत स्पिन गेंदबाजों के खिलाफ सिर्फ 33.28 का था। वहीं 25 विकेट स्पिन गेंदबाजों ने ही झटके थे। उस सीरीज में शाकिब अल हसन, मेहदी हसन मिराज और तैजुल इस्लाम की स्पिन गेंदबाजी ने भारतीय बल्लेबाजों को काफी परेशान किया था। एक पल के लिए ऐसा भी हो गया था कि टीम इंडिया सीरीज का दूसरा मुकाबला हार जाएगी, हालांकि श्रेयर अय्यर और आर अश्विन ने टीम इंडिया की पारी को संभाला और भारत को उस मैच में जीत दिलाई। उस वक्त साल 2022 में टीम इंडिया बांग्लादेश के दौरे पर गई थी। अब बांग्लादेश भारत के दौरे पर आ रहा है। शाकिब अल हसन, मेहदी हसन मिराज और तैजुल इस्लाम तीन ही स्पिन गेंदबाज बांग्लादेश की टीम का हिस्सा हैं और इन तीनों को प्लेइंग 11 में शामिल किया जा सकता है।