Highlights
- T20 World Cup 2007 की ऐतिहासिक जीत के 15 साल पूरे
- एमएस धोनी की कप्तानी में भारत ने जीता था पहला ICC टूर्नामेंट
- 1983 के बाद 24 साल बाद भारत दोबारा बना विश्व चैंपियन
T20 World Cup 2007 Memories: भारतीय क्रिकेट टीम ने सबसे पहली बार 1983 में कपिल देव की कप्तानी में विश्व कप जीता था। उस वक्त वनडे विश्व कप ही खेला जाता था। तीसरे संस्करण में भारतीय टीम विश्व विजेता बनी थी। 24 साल तक टीम को उसके बाद अगले विश्व कप का इंतजार था। यह इंतजार मार्च 2007 में और बढ़ता दिख रहा था। राहुल द्रविड़ की कप्तानी में भारतीय टीम का 2007 वर्ल्ड कप में बेहद लचर प्रदर्शन दिखा और टीम विश्व कप से बाहर हो गई। लेकिन किसी को भी नहीं पता था अगले 6 महीने भारतीय क्रिकेट के लिए स्वर्णिम होने वाले हैं।
17 मार्च 2007 को टीम इंडिया को वनडे वर्ल्ड कप में बांग्लादेश के खिलाफ और उसके बाद श्रीलंका के खिलाफ हारकर टूर्नामेंट से बाहर होना पड़ा था। काफी उथल-पुथल मची राहुल द्रविड़ ने कप्तानी छोड़ी, ग्रेग चैपल को कोचिंग से हटाया गया। एमएस धोनी के रूप में टीम इंडिया को नया और युवा कप्तान मिला। इसी बीच टी20 क्रिकेट की शुरुआत हो चुकी थी और अब बारी थी पहले टी20 वर्ल्ड कप की जो साउथ अफ्रीका में खेला जा रहा था। यह नया टूर्नामेंट था, फॉर्मेट नया था, टीमों को एक दूसरे का खासा अंदाजा भी नहीं था।
युवा धोनी के नेतृत्व में उतरी थी युवा टीम
उस विश्व कप में टीम इंडिया भी उतरी और इससे पहले टीम को खास टी20 इंटरनेशनल मैचों का अनुभव नहीं था। सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली, राहुल द्रविड़ इन सीनियर्स ने इस फॉर्मेट से अपना नाम वापस लिया। एमएस धोनी के नेतृत्व में एक युवा टीम उतरी। वनडे विश्व कप की हार निश्चित ही धोनी के जहन में थी क्योंकि वह खुद भी उस टीम का हिस्सा थे। इस वर्ल्ड कप में टीम का पहला मैच स्कॉटलैंड के खिलाफ रद्द हुआ फिर अगले ही दिन टीम का सामना हुआ चिर-प्रतिद्वंद्वीय पाकिस्तान से। मुकाबला कांटे का था और टाई होने के बाद बॉल आउट से भारत ने विजयी आगाज किया।
पूरे विश्व कप में सिर्फ एक मैच हारा भारत
उसके बाद एमएस धोनी की यह टीम सिर्फ न्यूजीलैंड से हारी और साउथ अफ्रीका व इंग्लैंड को दूसरे राउंड में हराकर भारतीय टीम ने सेमीफाइनल में जगह बना ली। 22 सितंबर को अंतिम 4 के नॉकआउट मैच में भारत का सामना हुआ ऑस्ट्रेलिया से। इस मैच में टीम इंडिया ने बेहद जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए वनडे के विश्व चैंपियंस को चारों खाने चित कर दिया। अब बारी थी खिताबी मुकाबले की जिसमें भारत का सामना था सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड को हराने वाले पाकिस्तान से।
टी 20 विश्व कप 2007 में टीम इंडिया का प्रदर्शन
- बनाम स्कॉटलैंड- मैच रद्द
- बनाम पाकिस्तान- बॉल आउट में भारत 3-2 से जीता
- बनाम न्यूजीलैंड- भारत को मिली 10 रनों से हार
- बनाम इंग्लैंड: भारत 18 रनों से जीता
- बनाम साउथ अफ्रीका: भारत 37 रनों से जीता
- बनाम ऑस्ट्रेलिया: भारत 15 रनों से जीता (सेमीफाइनल)
- बनाम पाकिस्तान: भारत 5 रनों से जीतकर बना विश्व चैंपियन (फाइनल)
धोनी के मास्टरस्ट्रोक ने बदली भारत की किस्मत
अब वो दिन आ चुका था वही ऐतिहासिक दिन जिसे हम आज 15 साल भी याद कर रहे हैं। लीग राउंड में भारत और पाकिस्तान के बीच 2007 टी20 वर्ल्ड कप में मुकाबला हो चुका था। अब बारी थी फाइनल मैच की। एशिया की दो सबसे बड़ी टीमें और आर्च राइवल आमने-सामने थे। यह मैच भी काफी रोमांचक हुआ। कांटे की टक्कर देखने को मिली। लेकिन अंत में जोगिंदर शर्मा का वो ओवर, धोनी का मास्टरस्ट्रोक साबित हुआ। श्रीसंत का वो कैच आज भी भारतीय फैंस को हर्षोल्लास से भर देता है।
पाकिस्तान के कप्तान मिस्बाह उल हक का वो स्कूप शॉट मिस होना, श्रीसंत का कैच लेना, धोनी का जोगिंदर को ओवर देना यह सब आज भी चर्चा का विषय है। लेकिन इन सबके बीच सबसे बड़ी बात यह थी कि भारतीय टीम विश्व चैंपियन बन चुकी थी। एक वो भारतीय टीम जो 6 महीने पहले टूटी थी, बिखर गई थी। कोच, कप्तान, टीम कॉम्बिनेशन सब बदल गया था। उसी टीम ने विश्व कप का खिताब जीता था, देशवासियों के 24 साल के इंतजार को खत्म किया था। यह जीत इन सभी बातों के लिहाज से भारतीय क्रिकेट की सबसे बड़ी जीत में से एक थी।
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