बांग्लादेश के खिलाफ टेस्ट सीरीज के पहले मैच में भारतीय बल्लेबाजों ने पहली पारी में 3 के रन रेट से स्कोर किया और दूसरी पारी में यह बढ़कर 4 तक पहुंच गया। आमतौर पर टीम इंडिया के बल्लेबाज टेस्ट क्रिकेट में इससे ज्यादा तेज रफ्तार से रन नहीं बनाते। इंग्लैंड के ‘बैजबॉल’ के युग में यह रफ्तार कम नजर आती है। सवाल यह है कि रनों के इस रफ्तार को टीम इंडिया कैसे बढ़ाए? मंगलवार 20 दिसंबर को मुंबई में इस सवाल का जवाब भी मिल गया। सूर्यकुमार यादव ने अपने प्रदर्शन से ऐलान कर दिया कि बदलते वक्त के साथ तालमेल बिठाने के लिए उनके लिए टेस्ट क्रिकेट के दरवाजे खोलने का वक्त आ गया है।
टीम इंडिया में जल्द शामिल हो सकता है ‘बैजबॉल’ का जवाब
सूर्यकुमार यादव ने लगभग तीन साल में अपना पहला रणजी ट्रॉफी मैच अपने होमटाउन में खेला। हैदराबाद के खिलाफ खेलते हुए सूर्या ने चार दिनों के इस मुकाबले में तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी की और 80 गेंद में 90 रन की पारी खेली। सूर्या ने 112.50 के स्ट्राइक रेट से बल्लेबाजी करते हुए अपनी पारी में 15 चौकों के साथ 1 छक्का भी लगाया। टी20 फॉर्मेट में 360 डिग्री की एंगल वाली बल्लेबाजी से सबको हैरान करने वाले यादव ने टेस्ट क्रिकेट के मिजाज वाले रणजी ट्रॉफी मैच में भी अपना वही जादू बरकरार रखा।
सूर्या ने खटखटाया टेस्ट टीम का दरवाजा
सूर्यकुमार यादव पिछले 12 महीने में लिमिटेड ओवर फॉर्मेट में भारत के बेस्ट बैटर के रूप में उभरे हैं। उन्होंने सफेद गेंद के साथ जारी अपनी आक्रामकता को लाल बॉल के साथ भी जारी रखा। बता दें कि मुंबई के इस बल्लेबाज ने अपना पिछला फर्स्ट क्लास मैच फरवरी 2020 में खेला था। सूर्यकुमार यादव भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट खेलने की इच्छा कई बार जाहिर कर चुके हैं। हैदराबाद के खिलाफ खेली इस पारी के बाद, भारतीय क्रेकट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) उन्हें टेस्ट फॉर्मेट में आजमाने पर गंभीरता से विचार कर सकता है।
रहाणे-जायसवाल ने खेली शतकीय पारियां
एलीट ग्रुप बी के इस मुकाबले के पहले दिन मुंबई के कप्तान अजिंक्य रहाणे और यशस्वी जायसवाल ने शतकीय पारियां खेली। सलामी बल्लेबाज जायसवाल ने अपनी शानदार फार्म जारी रखते हुए 195 गेंद में 162 रन की पारी खेली। वहीं रहाणे स्टंप के समय 190 गेंदों में 139 रन बनाकर क्रीज पर मुस्तैद थे। पहले दिन का खेल खत्म होने तक मुंबई ने हैदराबाद के खिलाफ 3 विकेट पर 457 रन बना लिए।