एक तरफ जहां भारतीय क्रिकेट टीम न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज खेलने में व्यस्त हैं। वहीं, दूसरी तरफ देश में प्रतिष्ठित घरेलू टूर्नामेंट रणजी ट्रॉफी खेला जा रहा है। भारत के ज्यादातर स्टार खिलाड़ी टेस्ट सीरीज में खेल रहे हैं। लेकिन कुछ खिलाड़ी ऐसे भी हैं जो रणजी ट्रॉफी के बजाय ओमान में खेले जा रहे इमर्जिंग एशिया कप जैसे टूर्नामेंट में हिस्सा ले रहे हैं। इस बात से भारत के महान क्रिकेटर सुनील गावस्कर खफा हो गए हैं। गावस्कर का मानना है कि खिलाड़ियों को स्टेट टीमों के बजाय अन्य टूर्नामेंटों में भाग लेने से प्रतिष्ठित घरेलू क्रिकेट टूर्नामेंट रणजी ट्रॉफी की अहमियत कम हो रही है।
कम हो रही रणजी की अहमियत
रणजी ट्रॉफी के सत्र का आगाज 11 अक्टूबर से हुआ था, लेकिन दूसरे दौर के बाद से कई खिलाड़ी टूर्नामेंट में खेलने से चूक गए। तिलक वर्मा जैसे कई खिलाड़ी रणजी ट्रॉफी के बजाय इमर्जिंग एशिया कप में इंडिया-ए की ओर से खेल रहे हैं। गावस्कर ने कहा कि अभी भारत-न्यूजीलैंड टेस्ट सीरीज चल रही है। कुछ खिलाड़ी इमर्जिंग प्लेयर्स एशिया कप में भाग ले रहे हैं। रणजी ट्रॉफी सीजन शुरू हो चुका है और अगर खिलाड़ियों को इस तरह के आयोजनों में खेलने के लिए ले जाया जा रहा है, तो नेशनल टूर्नामेंट की अहमियत कम हो रही है।
गावस्कर ने स्पोर्टस्टार के लिए अपने कॉलम में लिखा कि अगले महीने ऑस्ट्रेलिया दौरे से पहले साउथ अफ्रीका में चार मैचों की T20 सीरीज होनी है। अगले महीने ही ऑस्ट्रेलिया का दौरा करने वाली 'ए' टीम भी होगी। ऐसे में लगभग 50 से 60 खिलाड़ी रणजी ट्रॉफी में अपनी स्टेट टीमों के लिए उपलब्ध नहीं होंगे।
IPL ने रणजी को किया पीछे
उन्होंने यह भी कहा कि जब से इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) शुरू हुआ है, तब से रणजी ट्रॉफी को अहमियत नहीं दी जा रही है। उन्होंने कहा कि कोई भी अन्य देश अपने नेशनल टूर्नामेंट को भारत की तरह लापरवाही से नहीं देखता। क्या आपने कभी इंग्लैंड या ऑस्ट्रेलिया को अपने घरेलू सत्रों के दौरान 'ए' टूर आयोजित करते या बेमतलब के टूर्नामेंट में भाग लेते देखा है? लेकिन जब से IPL शुरू हुआ है, तब से रणजी ट्रॉफी पीछे चली गई है।