भारतीय टीम इस वक्त एशिया कप के लिए श्रीलंका में मौजूद है। इस टूर्नामेंट से पहले टीम इंडिया के खिलाड़ियों का यो-यो टेस्ट किया गया था। जिसके बाद खिलाड़ियों को आगे खेलने के लिए बोर्ड द्वारा हरी झंडी दी गई थी। यो-यो टेस्ट के बाद टीम इंडिया के पूर्व कप्तान विराट कोहली ने अपना स्कोर सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था। यह बात बीसीसीआई अधिकारियों को रास नहीं आई, जिसके बाद बीसीसीआई द्वारा विराट कोहली को फटकार लगाई गई और गोपनीय जानकारी साझा न करने की सलाह दी गई।
इस घटना के कुछ दिनों बाद समाचार एजेंसी पीटीआई ने बताया कि शुभमन गिल ने कोहली से अधिक स्कोर हासिल किया है। शुभमन गिल का स्कोर 18.7 था, जबकि विराट कोहली ने 17.2 का स्कोर हासिल किया था। खिलाड़ियों को इस टेस्ट को पास करने के लिए कम से कम 16.5 स्कोर था, जिसके बाद लोगो ने कहा कि गिल के इस स्कोर ने एक मिसाल कायम की जिससे पता चलता है कि कोहली अब सबसे फिट भारतीय क्रिकेटर नहीं हैं। इस मुद्दे को लेकर अब टीम इंडिया के पूर्व बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने अपनी राय रखी है।
क्या बोले गावस्कर
गावस्कर ने मिड-डे के लिए अपने कॉलम में लिखा कि बहुत उत्साह था जब कोहली ने अपना योयो स्कोर बताया जो कि निर्धारित सीमा से अधिक था। शुभमन गिल ने विराट से भी बेहतर योयो स्कोर पोस्ट किया। विराट कोहली और शुभमन की उम्र में काफी अंतर है। बीसीसीआई ने तब निर्देश दिया कि किसी को भी अपना योयो टेस्ट स्कोर पोस्ट नहीं करना चाहिए, जिससे वास्तव में कुछ लोगों के लिए शर्मिंदगी बच सकती थी। अगर यह सच है कि जब तक योयो टेस्ट के न्यूनतम मानक पूरे नहीं किए जाते, तब तक खिलाड़ियों का चयन नहीं किया जाता है, तो यह और भी महत्वपूर्ण है कि यह टेस्ट सार्वजनिक डोमेन में किया जाए ताकि खेल पर नजर रखने वाले लाखों लोग जानें कि टीम में कोई भी ऐसा खिलाड़ी नहीं है जो न्यूनतम मानक को पूरा न करता हो।
क्या होता है यो-यो टेस्ट
यो-यो टेस्ट का इस्तेमाल खिलाड़ियों के फिटनेस की जांच करने के लिए होता है। इसको पहली बार साल 2019 के वनडे वर्ल्ड कप से पहले लागू किया गया था और इसकी वजह से टीम की फिटनेस में काफी बदलाव भी देखने को मिला था। यह एक प्रकार से बीप टेस्ट जैसा होता है, जिसमें खिलाड़ियों को 20 मीटर की दूरी वाली दो सेटों के बीच एक तय समय में दौड़ लगानी होती है। इस दौरान खिलाड़ियों को एक सेट से दूसरे सेट तक दौड़ना होता है और फिर दूसरे सेट से पहले सेट तक आना होता है। दोनों सेटों की दूरी पूरी करने पर इसे एक शटल माना जाता है। लेकिन टेस्ट की शुरुआत पांचवें लेवल से होती है जो 23वें लेवल तक चलती रहती है। हर एक शटल के बाद दौड़ने का समय कम होते रहता है, लेकिन दूरी में कमी नहीं होती है।
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