भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष सौरव गांगुली ने भारतीय क्रिकेट टीम के हेड कोच की तारीफ की है। उनका मानना है कि उनके पूर्व साथी क्रिकेटर राहुल द्रविड़ में भारतीय कोच के रूप में सफल होने के लिए सभी गुण हैं। गांगुली को लगता है कि द्रविड़ में ‘‘प्रखरता, सतर्कता और पेशेवरपन’’ जैसे गुण हैं जिससे उन्होंने भारतीय कोच के रूप में सफल होना चाहिए।
भारत के पूर्व कप्तान ने शनिवार को कोलकाता में आयोजित एक प्रचार कार्यक्रम से इतर कहा, ‘‘वह (द्रविड़) अपने खेल के दिनों की तरह ही प्रखर, सतर्क और पेशेवर हैं। अंतर केवल इतना है कि अब उन्हें भारत के लिए नंबर तीन पर बल्लेबाजी करने की ज़रूरत नहीं है, जिसमें उन्हें दुनिया के सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजों का सामना करना पड़ा था और उन्होंने लंबे समय तक अपनी भूमिका अच्छी तरह से निभायी।’’
उन्होंने आगे कहा, ‘‘कोच के रूप में भी वह शानदार भूमिका निभाएंगे क्योंकि वह निष्ठावान हैं और उनके पास कौशल है।’’ बीसीसीआई प्रमुख होने के कारण द्रविड़ को भारतीय कोच नियुक्त करने में गांगुली की भूमिका अहम रही। उन्होंने रवि शास्त्री की जगह ली है। गांगुली ने कहा, ‘‘प्रत्येक की तरह वह भी गलतियां करेंगे, लेकिन जब तक आप सही काम करने की कोशिश करते हैं, तब तक आप दूसरों की तुलना में अधिक सफलता हासिल करेंगे।’’
गांगुली ने हालांकि द्रविड़ की तुलना उनके पूर्ववर्ती शास्त्री से करने से इनकार कर दिया। गांगुली ने कहा, ‘‘उनका व्यक्तित्व अलग है। एक हमेशा चर्चा में रहता है जो उसका मजबूत पक्ष है जबकि दूसरा सर्वकालिक महान खिलाड़ी होने के बावजूद चुपचाप काम करेगा। दो व्यक्ति एक ही तरह से सफल नहीं हो सकते हैं।’’
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राहुल द्रविड़ ने पिछले साल न्यूजीलैंड सीरीज से भारत के हेड कोच का पद संभाला। साउथ अफ्रीका में मिली हार के अलावा सभी घरेलू सीरीज भारतीय टीम ने उनके प्रतिनिधित्व में जीती हैं। न्यूजीलैंड के खिलाफ उन्होंने जीत से आगाज किया फिर इसके बाद साउथ अफ्रीका से लौटने पर घरेलू सीरीज में वेस्टइंडीज और श्रीलंका को करारी शिकस्त दी। ऐसे में अभी तक स्वदेश में तो उनका कार्यकाल शानदार रहा है लेकिन शास्त्री से अगर उनकी तुलना करनी है तो मौजूदा हेड कोच को विदेश में खुद को साबित करना होगा।
सौरव गांगुली और राहुल द्रविड़ ने लंबे समय तक एक दूसरे के साथ क्रिकेट खेला और भारतीय टीम को बुलंदियों तक पहुंचाया। 2003 वर्ल्ड कप, ऑस्ट्रेलिया में जाकर ऑस्ट्रेलिया को हराना, इन सभी मौकों पर गांगुली कप्तान थे और द्रविड़ उपकप्तान। ऐसे में यह जोड़ी इस वक्त खेल नहीं रही लेकिन मैनेजमेंट में एक साथ काम कर भारतीय क्रिकेट को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभा रही है।
(With Bhasha Inputs)