Highlights
- सौरव गांगुली ने रोहित शर्मा की तारीफ की
- गांगुली ने की रोहित को वक्त देने की गुजारिश
- रोहित की कप्तानी में भारत के प्रदर्शन पर बोले गांगुली
Sourav Ganguly on Rohit Sharma: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष सौरव गांगुली ने रोहित शर्मा की कप्तानी की खूब तारीफ की। उन्होंने बुधवार को एक कार्यक्रम में कहा कि रोहित धैर्य से काम लेने वाले कप्तान हैं लिहाजा उन्हें टीम के लिए रिजल्ट देने के लिए कुछ समय दिया जाना चाहिए।
मुंबई के इस क्रिकेटर को विराट कोहली की जगह सभी फॉर्मेट में फुल टाइम कप्तान बनने के बाद से वर्कलोड, मैनेजमेंट और कोविड संबंधी दिक्कतों के अलावा इंजरी से जुड़ी चिंताओं के बीच भारतीय टीम ने अलग अलग वक्त पर सात कप्तानों को आजमाया है। लेकिन गांगुली मुंबई इंडियंस के लिए रिकॉर्ड पांच आईपीएल खिताब जीतने वाले 35 साल के रोहित से प्रभावित हैं और उन्होंने कहा कि दिग्गज महेंद्र सिंह धोनी और कोहली जैसों से तुलना से पहले उन्हें पर्याप्त समय दिया जाना चाहिए।
गांगुली ने कोलकाता में ‘आधुनिक भारत में नेतृत्व क्षमता’ पर बंगाल पीयरलेस के कार्यक्रम के दौरान कहा, ‘‘रोहित शर्मा स्पष्ट रूप से थोड़े शांत हैं जो चीजों को बहुत धैर्यपूर्ण और सतर्क तरीके से लेते हैं, न कि कोई ऐसा जो काफी आक्रामक हो।’’
गांगुली अपने संन्यास के बाद से भारतीय कप्तानों से जुड़े सवाल का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा, ‘‘भारत ने पिछले कुछ वर्षों में कुछ महान कप्तान दिए हैं। धोनी जिन्होंने बदलाव के दौर को शानदार तरीके से संभाला और केवल भारत के लिए नहीं बल्कि अपनी फ्रेंचाइजी (चेन्नई सुपर किंग्स) के लिए भी सफलता हासिल की।’’
बीसीसीआई अध्यक्ष ने आगे कहा, ‘‘इसके बाद विराट कोहली आए जिनका रिकॉर्ड भी शानदार है। वह एक अलग तरह के कप्तान थे, उन्होंने चीजों को अलग तरह से किया। हर व्यक्ति अलग होता है लेकिन जो मायने रखता है वह परिणाम है और आपके पास कितनी जीत और हार हैं। मैं कप्तानों की तुलना नहीं करता, हर किसी का नेतृत्व करने का अपना तरीका होता है।’’
आस्ट्रेलिया के खिलाफ 2003 विश्व कप फाइनल में गांगुली के पहले गेंदबाजी करने के फैसले पर भी गांगुली बोले। इस मैच में रिकी पोटिंग की अगुवाई वाली टीम ने दो विकेट पर 359 रन बनाए लेकिन तत्कालीन भारतीय कप्तान को अपने फैसले पर कोई मलाल नहीं है। आस्ट्रेलिया ने 125 रन के विशाल अंतर से लगातार दूसरा विश्व कप खिताब जीता।
गांगुली ने 2003 वर्ल्ड कप फाइनल में अपने फैसले पर कहा, ‘‘मैं पीछे मुड़कर नहीं देखता। मैं निराश था कि मैं फाइनल हार गया लेकिन मुझे नहीं लगता कि टॉस फाइनल हारने का कारण था। हम अच्छा नहीं खेले।’’