भारतीय टीम जुलाई के महीने में वेस्टइंडीज का दौरा करेगी। जहां टीम इंडिया को दो टेस्ट, तीन वनडे और पांच टी20 मुकाबले खेलने हैं। इस दौरे के लिए वनडे और टेस्ट टीम का ऐलान कर दिया गया है। बात करें टेस्ट टीम के बारे में तो इस स्क्वॉड में कई बड़े बदलाव किए गए हैं। टीम इंडिया के स्टार बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा को टीम से बाहर कर दिया गया है। वहीं अजिंक्य रहाणे की जिम्मेदारियों को बढ़ा दिया गया है। रहाणे इस बार बतौर उपपकप्तान टीम के साथ इस दौरे पर रहेंगे। आपको बता दे कि वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के दौरान रहाणे ने कुल 18 महीनों के बाद टेस्ट टीम में वापसी की थी। लेकिन वापसी के सिर्फ एक मैच के बाद उन्हें उपकप्तान बना दिया गया। इस पर अब बीसीसीआई के पूर्व प्रेसिडेंट सौरव गांगुली ने अपनी राय रखी है।
क्या बोले गांगुली
सौरव गांगुली को यह बेहद चौंकाने वाला लगा कि लगभग 18 महीने टीम से बाहर रहने के बाद अजिंक्य रहाणे को टेस्ट की उप कप्तानी सौंप दी गई। उन्होंने चयन प्रक्रिया में स्थिरता और निरंतरता की मांग की है। 35 वर्षीय रहाणे डेढ़ साल से टीम से बाहर थे, लेकिन इस महीने की शुरुआत में ओवल में 89 और 46 के स्कोर के साथ ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में भारत के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज थे। वापसी करने के सिर्फ एक टेस्ट बाद, शिव सुंदर दास की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय चयन समिति ने रहाणे को वेस्टइंडीज टेस्ट सीरीज के लिए टीम इंडिया के उप कप्तान के रूप में फिर से नियुक्त किया है।
गांगुली ने आगे पीटीआई द्वारा किए गए एक सवाल कि क्या उप कप्तान की भूमिका के लिए शुभमन गिल जैसे किसी खिलाड़ी को तैयार करना सही नहीं था? इस सावल का जवाब देते हुए गांगुली ने कहा कि ''हां, मुझे ऐसा लगता है।'' रहाणे ने इस बात पर भी जोर दिया कि टीम में कई अन्य विकल्प मौजूद थे। उन्होंने कहा कि वह यह नहीं कहेंगे कि यह एक कदम पीछे है। आप 18 महीने तक बाहर रहे हैं, फिर आप एक टेस्ट खेलते हैं और आप उप-कप्तान बन जाते हैं। वह इसके पीछे की विचार प्रक्रिया को समझ नहीं पा रहे हैं। वहां रवींद्र जडेजा हैं, जो लंबे समय से वहां हैं और निश्चित रूप से टेस्ट मैचों में वह एक उम्मीदवार हैं। लेकिन वापस आकर 18 महीने बाद सीधे उप-कप्तान बन जाना, उन्हें समझ नहीं आता। उन्होंने आगे कहा कि मेरी एकमात्र बात यह है कि चयन गर्म और ठंडा नहीं होना चाहिए। भारत के बेहतरीन टेस्ट कप्तानों में से एक गांगुली ने कहा, चयन में बस निरंतरता होनी चाहिए।
पुजारा को लेकर गांगुली ने कही ये बात
वेस्टइंडीज दौरे के लिए चेतेश्वर पुजारा को टेस्ट टीम से बाहर कर दिया गया है। उनकी जगह युवा खिलाड़ियों को टीम में मौका दिया गया है। इस पर भी गांगुली ने अपनी राय दी है। गांगुली के अनुसार भारतीय चयनकर्ताओं ने चेतेश्वर पुजारा जैसे दिग्गज बल्लेबाज को बाहर करके बदलाव का कदम उठाया है और गांगुली चाहते हैं कि भारत के लिए 100 से अधिक टेस्ट खेल चुके पुजारा के साथ मैनेजमेंट की बात पूरी तरह से स्पष्ट हो। उन्होंने कहा कि “चयनकर्ताओं को उनके (पुजारा) बारे में स्पष्ट विचार होना चाहिए। क्या उन्हें अब टेस्ट क्रिकेट खेलने के लिए उनकी जरूरत है या क्या वे युवाओं के साथ खेलना जारी रखना चाहते हैं और उन्हें यह बात बताना चाहते हैं। पुजारा जैसे खिलाड़ी को बार-बार टीम से बाहर या अंदर नहीं किया जा सकता। अजिंक्य रहाणे के साथ भी ऐसा ही है।