ICC ने शुक्रवार को ऐलान किया कि T20I मैचों में अगर कोई टीम तय समय के अंदर निर्धारित ओवर नहीं फेंक पाती है तो उसे बाकी के ओवरों में तीस गज के दायरे के बाहर एक खिलाड़ी कम रखना होगा। ICC का ये नियम इस महीने की शुरुआते से लागू होगा।
बता दें, मौजूदा नियम के हिसाब से अभी पावरप्ले के बाद 30 गज के बाहर पांच फील्डर रखने का नियम हैं, लेकिन नय नियमों के लागू होने के बाद कोई भी टीम स्लो ओवर रेट के बाद बाकी के ओवरों में केवल चार फील्डर ही 30 गज के दायरे के बाहर रख पाएगी।
खिलाड़ियों और सहयोगी स्टाफ के लिये आईसीसी की आचार संहिता की धारा 2.22 के तहत स्लो ओवर रेट के लिये ICC के नियम पहले वाले बने रहेंगे। इसमें डिमेरिट पाइंट और टीम तथा कप्तान पर लगने वाला आर्थिक दंड भी शामिल है।
ICC ने द्विपक्षीय T20I मैच की पारी के बीच में एक वैकल्पिक ड्रिंक्स ब्रेक का नियम भी जारी किया है। इस नियम के मुताबिक, T20I मैच की एक पारी के दौरान ढाई मिनट का ब्रेक लिया जा सकता है। बशर्ते हर सीरीज की शुरूआत से पहले सदस्यों के बीच इस पर सहमति बने।
ICC ने अपने बयान में कहा, "ओवर रेट नियमों को प्लेइंग कंडीशंस के आर्टिकल 13.8 में दर्ज किया गया है, जो यह निर्धारित करता है कि एक फिल्डिंग टीम को आखिरी ओवर की पहली गेंद निर्धारित समय के भीतर डालनी होगी। यदि वे ऐसा नहीं कर पाती हैं, तो पारी के शेष ओवरों के लिए 30 गज के दायरे के बाहर एक फील्डर कम कर दिया जाएगा। मैच के दौरान ये सजा अनुच्छेद 2.22 में धीमी ओवर दर के लिए प्रतिबंधों के अतिरिक्त शामिल की गई है।"
ICC ने कहा कि स्लो ओवर रेट के लिए इन-मैच पेनल्टी को 2021 में इंग्लैंड में द हंड्रेड प्रतियोगिता में इसकी प्रभावकारिता को देखने के बाद शामिल किया गया था। नई प्लेइंग कंडीशंस में खेला जाने वाला पहला पुरुष मैच 16 जनवरी को जमैका के सबीना पार्क में वेस्टइंडीज और आयरलैंड के बीच एकमात्र मुकाबला होगा। वहीं, दक्षिण अफ्रीका और वेस्टइंडीज के बीच 18 जनवरी को सेंचुरियन में तीन मैचों की सीरीज का पहला T20I मैच प्लेइंग कंडीशंस में खेला जाने वाला पहला महिला मुकाबला होगा।
(With Bhahsa Inputs)