Highlights
- अर्जुन रणतुंगा की कप्तानी में श्रीलंका पहली बार बना था वर्ल्ड चैंपियन
- पूर्व कप्तान पर क्रिकेट बोर्ड की समिति की छवि खराब करने का आरोप
SLC on Arjuna Ranatunga: श्रीलंकाई क्रिकेट बोर्ड (एसएलसी) ने पूर्व क्रिकेटर और विश्व कप विजेता कप्तान अर्जुन रणतुंगा के खिलाफ कड़ा रूख अपनाया है। एसएलसी की कार्यकारी समिति ने अपने इस पूर्व कप्तान के खिलाफ झूठे और अपमानजनक बयान देने के लिए उचित कानूनी कार्रवाई करने का फैसला किया है और साथ ही भारी मुआवजे की मांग भी की है।
एसएलसी की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि उन्होंने राष्ट्रीय खेल परिषद के नए अध्यक्ष रणतुंगा को दो अरब रुपये (43 करोड़ रूपये) का लेटर ऑफ डिमांड (एलओडी) भेजा है। इसमें आगे लिखा गया है कि एसएलसी कार्यकारी समिति ने सोमवार को हुई एक आपात बैठक में रणतुंगा द्वारा हाल ही में दिए गए एक मीडिया इंटरव्यू में 'झूठे, अपमानजनक और तोड़-मरोड़कर दिए बयान' पर व्यापक विचार-विमर्श किया। इसके बाद पूर्व विश्व कप विजेता कप्तान के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का फैसला किया।
बयान में कहा गया है कि रणतुंगा ने "दुर्भावनापूर्ण इरादे से बात की है, एसएलसी की सद्भावना और प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया है और श्रीलंका क्रिकेट की कार्यकारी समिति के खिलाफ झूठे और मानहानिकारक आरोप लगाकर जानबूझकर सार्वजनिक टिप्पणी की है। इसी वजह से कार्यकारी समिति ने अर्जुन रणतुंगा को डिमांड लेटर भेजा है।
बता दें कि अर्जुन रणतुंगा श्रीलंका के महान क्रिकेटरों में शुमार रहे हैं। उन्होंने अपने 18 साल के लंबे अंतरराष्ट्रीय करियर में कई उपलब्धियां हासिल की। इस दौरान उन्होंने अपनी कप्तानी में श्रीलंका को 1996 में पहली बार वर्ल्ड कप चैंपियन बनाया था। उनके करियर की बात करें तो उन्होंने 1982 से 2000 के बीच 93 टेस्ट मैचों में 35.69 की औसत से 5105 रन बनाए। इस दौरान उन्होंने चार शतक और 38 अर्धशतक भी लगाए। इसके अलावा उन्होंने 1982-99 के बीच 269 वनडे मैच खेले और इसमें 35.84 की औसत से 7456 रन बनाए। इस दौरान उनके बल्ले से चार शतक और 49 अर्धशतक निकले।
रणतुंगा ने साल 2000 में क्रिकेट को अलविदा कहने के बाद 2001 में राजनीति में प्रवेश किया। वह 2015 से 2019 तक श्रीलंकाई सरकार में मंत्री भी रहे।