बांग्लादेश के खिलाफ तीन मैचों की वनडे सीरीज और उससे पहले से भी लगातार वनडे क्रिकेट की पिछली कुछ पारियों से संघर्ष कर रहे शिखर धवन के ऊपर खतरे की तलवार लटक रही है। वहीं तीसरे वनडे मैच में ईशान किशन ने दोहरा शतक लगाकर ओपनिंग के लिए जो दावेदारी ठोकी है उससे भी धवन की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। इसी बीच शिखर धवन जो टी20 व टेस्ट टीम से पहले ही बाहर चल रहे हैं, अब उनके वनडे के भविष्य पर भी अब खतरे के बादल मंडराने लगे हैं। मीडिया रिपोर्ट के हवाले से बड़ी जानकारी सामने आई है कि बीसीसीआई की तरफ से जल्द ही शिखर के भविष्य पर कोई फैसला लिया जा सकता है।
कौन लेगा धवन के भविष्य पर फैसला?
रिपोर्ट से यह जानकारी मिली है कि भारतीय टीम की नई सेलेक्शन कमेटी के गठन के बाद पिछले कुछ समय से खराब लय में चल रहे धवन के भविष्य को लेकर चर्चा की जाएगी। आपको बता दें कि धवन ने अपने पिछले नौ वनडे में से आठ में बुरी तरह संघर्ष किया है। हालांकि, बाएं हाथ के स्टार बल्लेबाज का 2022 में ओवरऑल प्रदर्शन अच्छा रहा है और उन्होंने 22 मुकाबलों में 688 रन भी बनाए हैं, लेकिन पावर प्ले के ओवरों में उनकी धीमी बल्लेबाजी टीम के लिए हानिकारक साबित हो रही है। वहीं टी20 के इस युग में शुभमन गिल और ईशान की आक्रामक बल्लेबाजी के सामने पिछले कुछ समय से धवन फीके नजर आए हैं।
बांग्लादेश में एकदिवसीय श्रृंखला गंवाने के बाद बोर्ड टीम के प्रदर्शन को लेकर समीक्षा बैठक करेगा। इसमें हेड कोच द्रविड़ और एनसीए (राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी) प्रमुख वीवीएस लक्ष्मण के साथ भविष्य के खाके पर चर्चा होगी। इस बैठक में विराट कोहली और रोहित शर्मा के भी शामिल होने की जानकारी है। इसके अलावा पीटीआई-भाषा ने ऑस्ट्रेलिया में टी20 विश्व कप के दौरान बोर्ड के एक विश्वसनीय सूत्र के हवाले रिपोर्ट किया कि, अनुभवी खिलाड़ियों को टीम से बाहर करने की प्रक्रिया अगले साल से शुरू हो सकती है या उनके ऊपर फैसला लिया जा सकता है।
BCCI के सामने खड़ी हुई बड़ी समस्या
बीसीसीआई के एक वरिष्ठ सूत्र ने गोपनीयता की शर्त पर बताया,‘‘शिखर के भविष्य पर फैसला नई चयन समिति के गठन के बाद ही होगा, लेकिन इस मामले में हेड कोच राहुल द्रविड़ और कप्तान रोहित शर्मा के विचारों को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।’’ दरअसल शिखर धवन के साथ सबसे बड़ी समस्या यह आ रही कि वह पारी की शुरुआत में तेजी से रन नहीं बना पा रहे है। 2019 विश्व कप से पहले उनका स्ट्राइक रेट 100 से अधिक का हुआ करता था जबकि 2022 में उनका स्ट्राइक रेट सिर्फ 74.21 का है। वहीं ईशान किशन के दोहरे शतक और इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि उन्होंने टीम को वह आक्रामक रवैया दिया जिसकी जरूरत थी। उनकी इस पारी के बाद टीम मैनेजमेंट सेलेक्शन के मामलों पर विचार करने पर मजबूर होगा।
एक तरफ ऐसे खिलाड़ी को बाहर करना आसान नहीं है जिसने 167 एकदिवसीय मैच खेले हैं। वह मौजूदा टीम में रोहित (9454) और विराट कोहली (12471) के बाद भारत के तीसरे सर्वाधिक रन बनाने वाले खिलाड़ी है। उनके नाम इस प्रारूप में 6793 रन दर्ज हैं। दूसरी तरफ दोहरा शतक लगाने वाले ईशान को भी नजरअंदाज करना अब मुश्किल होगा। इस मामले में दूसरा विचार यह भी हो सकता है कि, धवन को श्रीलंका और न्यूजीलैंड के खिलाफ जनवरी में कम से कम छह एकदिवसीय मैचों में मौका दिया जाना चाहिए और फिर प्रदर्शन के आधार पर मार्च के अंत में होने वाली ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे सीरीज पर फैसला किया जाना चाहिए।
शुभमन गिल को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। गिल पिछले छह महीने में भारत के सबसे निरंतर प्रदर्शन करने वाले एकदिवसीय बल्लेबाज रहे हैं। कुछ अजीब कारणों से चेतन शर्मा की अगुवाई वाली निवर्तमान समिति ने गिल को बांग्लादेश वनडे से आराम देने का फैसला किया। वह टी20 एशिया कप या विश्व कप टीम का हिस्सा नहीं थे, इसके बावजूद इस युवा बल्लेबाज को विश्राम देने का फैसला समझ से परे रहा। जुलाई में इंग्लैंड के खिलाफ एक टेस्ट के बाद भारत ने कोई भी टेस्ट नहीं खेला है। जब गिल और किशन जैसे बल्लेबाज टीम में अपनी बारी का इंतजार कर रहे हों तो उन्हें ज्यादा देर तक बाहर रखना मुश्किल होगा।
शुभमन गिल पर भी देना होगा ध्यान
भारतीय टीम के एक पूर्व चयनकर्ता ने कहा, ‘‘खेल के समय का कोई विकल्प नहीं है। क्या आपके कहने का मतलब है कि शिखर जनवरी के मध्य में अगले एक महीने तक बिना किसी मैच अभ्यास के वनडे खेलना शुरू करेंगे। यहां तक कि सूर्यकुमार यादव जैसा बल्लेबाज भी लय में रहने के लिए मुंबई के लिए रणजी ट्रॉफी मैच खेलने के लिए प्रतिबद्ध है।’’ भारतीय टीम का अगला कैलेंडर ईयर काफी व्यस्त है जिसकी शुरुआत तीन जनवरी को घरेलू सीरीज से होगी। तीन जनवरी से एक फरवरी के बीच भारत 29 दिनों के अंतराल में 12 लिमिटेड ओवर मैच खेलेगा। इसमें न्यूजीलैंड के खिलाफ छह (3-3 वनडे व टी20) और श्रीलंका के खिलाफ छह (3-3 वनडे व टी20) मैच शामिल हैं। इस दौरान एकदिवसीय टीम में ऐसे खिलाड़ी हो सकते हैं जो टीम मैनेजमेंट को लगता है कि 2023 विश्व कप का हिस्सा होंगे।
बीसीसीआई के एक पूर्व अधिकारी ने कहा, ‘‘आपको रोहित को टी20 कप्तानी से हटाने की जरूरत क्यों है? क्या 2023 में टी20 अंतरराष्ट्रीय सर्वोच्च प्राथमिकता हैं? नहीं। बीसीसीआई ने कभी भी जनता की भावनाओं के अनुसार काम नहीं किया। इसकी अपनी कार्यशैली है। हां आप, रोहित, विराट और लोकेश राहुल को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एकदिवसीय और टेस्ट श्रृंखला पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कह सकते हैं जो इस समय अधिक महत्वपूर्ण हैं और हार्दिक को छह टी20 मैचों में नेतृत्व करने दें।’’