वेस्टइंडीज दौरे के लिए चुनी गई भारतीय टेस्ट टीम में सरफराज खान को जगह नहीं मिलने पर सुनील गावस्कर जैसे पूर्व दिग्गज ने आलोचना की थी। इसके अलावा आकाश चोपड़ा ने भी इस पर बड़े सवाल उठाए थे। घरेलू क्रिकेट में सरफराज खान अच्छा प्रदर्शन कर रहे थे और उन्होंने रणजी ट्रॉफी में कई शानदार पारियां खेली थीं।
इस वजह से सरफराज को नहीं मिली जगह
सरफराज खान ने रणजी ट्रॉफी के पिछले तीन सीजन में 2566 रन बनाए हैं। उन्होंने अपने करियर में फर्स्ट क्लास के 37 मैचों में 79.65 की औसत से रन बनाए हैं। ऐसे में अंडर-19 वर्ल्ड कप में दो बार देश की तरफ से खेलने वाले खिलाड़ी को टीम में जगह नहीं देने पर सवाल उठ रहा है। टीम में ऋतुराज गायकवाड़ का चयन हुआ है, जिनके फर्स्ट क्लास करियर का औसत 42 के करीब है।
टीम के चयन से जुड़े बीसीसीआई के एक अधिकारी ने गोपनीयता की शर्त पर कहा कि इस तरह की नाराजगी वाली प्रतिक्रियाएं समझ में आती हैं लेकिन मैं आपको बता सकता हूं कि सरफराज को बार-बार नजरअंदाज किए जाने के पीछे का कारण सिर्फ क्रिकेट नहीं है। ऐसे कई कारण हैं जिनकी वजह से उनका चयन नहीं हो रहा है।
बल्लेबाजी के अलावा इस चीज पर करना होगा काम
उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि क्या सेलेक्टर्स नासमझ हैं? जो लगातार दो सीजन में 900 से अधिक रन बनाने वाले खिलाड़ी को नजरअंदाज करेंगे? टीम में चयन नहीं होने के पीछे एक बड़ा कारण उनकी फिटनेस है, जो इंटरनेशनल लेवल की नहीं है। सरफराज को इस मामले में काफी मेहनत करनी होगी और अपना वजन कम करके अधिक फिटनेस के साथ वापसी करनी होगी। सेलेक्ट होने के लिए केवल बल्लेबाजी फिटनेस ही पैमाना नहीं है।
यो-यो टेस्ट में हुए पास
सरफराज खान के एक करीबी सूत्र ने कहा कि हाल ही में नेशनल क्रिकेट एकेडमी में अपने रिलैबिलिटेशन के दौरान इस खिलाड़ी ने ‘यो यो टेस्ट’ में 16.5 अंक हासिल किए थे। बीसीसीआई के अधिकारी के मुताबिक फिटनेस के साथ ही सरफराज का मैदान के अंदर और बाहर का रवैया भी अनुशासन के पैमाने पर खरा नहीं रहा है। उसकी कुछ बातें और कुछ भाव भंगिमा अनुशासन की दृष्टिकोण से अच्छी नहीं रही है। उम्मीद है कि सरफराज और उनके पिता तथा कोच नौशाद खान के साथ इन पहलुओं पर काम करेंगे