Duleep Trophy: दलीप ट्रॉफी में इस साल भारतीय टीम के स्टार प्लेयर्स भी खेल रहे हैं, इसलिए इस वक्त इसका क्रेज बना हुआ है। जो खिलाड़ी भारत बनाम बांग्लादेश सीरीज के लिए नहीं चुने गए हैं, वे दिलीप ट्रॉफी में खेलकर अपने प्रदर्शन से सेलेक्टर्स को उनके बारे में सोचने के लिए मजबूर कर रहे हैं, वहीं कुछ खिलाड़ी ऐसे भी हैं, जो मौका मिलने के बाद भी खराब खेल दिखा रहे हैं। अब इसमें एक नया नाम संजू सैमसन का भी जुड़ गया है। वे इस साल की दलीप ट्रॉफी में पहला मैच खेल रहे हैं, लेकिन पहली ही पारी में वे कुछ खास किए बगैर वापस लौट गए।
संजू सैमसन से दलीप ट्रॉफी में भी नहीं बने रन
संजू सैमसन के बारे में ये मशहूर हैं कि वे बड़ी पारी नहीं खेल पाते हैं। हालांकि आईपीएल में वे लगातार बेहतर खेल दिखाने में कामयाब रहे थे, लेकिन जब इंटरनेशनल क्रिकेट की बात आती हो तो उनमें निरंतरता का अभाव दिखता है। शायद यही वजह है कि वे टीम से अंदर बाहर होते रहते हैं। अपने लंबे इंटरनेशनल करियर के दौरान संजू चुनिंदा मैच ही खेल पाए हैं। अब जब उन्हें पहले मैच के बाद दलीप ट्रॉफी के दूसरे मुकाबले में मौका मिला तो वे वहां भी नहीं चले। संजू सैमसन ने अपनी टीम के लिए 6 बॉल पर केवल 5 रन बनाए और आउट होकर वापस लौट गए।
अभी तक भारत के लिए टेस्ट नहीं खेल पाए हैं संजू सैमसन
बात अगर संजू के इंटरनेशनल करियर की करें तो अभी तक उन्हें भारत की टेस्ट टीम में मौका नहीं मिला है। उन्होंने अब तक भारत के लिए 16 वनडे मैच खेलकर 510 रन बनाए हैं, इसमें एक शतक भी शामिल है। वहीं टी20 इंटरनेशनल में उन्होंने 30 मुकाबले खेलकर 444 रन बनाए हैं। यहां वे केवल दो ही अर्धशतक लगा पाए हैं। अब जिस तरह का खेल उन्होंने दलीप ट्रॉफी में दिखाया है, उससे नहीं लगता कि उनकी वापसी जल्द हो पाएगी। हालांकि अभी इस मैच की एक पारी और उनके पास है, जहां वे अपनी दावेदारी पेश कर सकते हैं।
रुतुराज गायकवाड ने वापसी के बाद लगाया अर्धशतक
दूसरी ओर बात अगर रुतुराज गायकवाड की करें तो वे दूसरा मैच खेल रहे हैं। रुतुराज गायकवाड टीम सी के कप्तान हैं। पहले दिन केवल दो ही गेंद खेलकर वापस लौटने वाले गायकवाड शाम को एक बार फिर से बल्लेबाजी के लिए उतरे और दिन का खेल खत्म होने तक नाबाद रहे। इसके बाद अगले दिन यानी शुक्रवार को उन्होंनं 74 बॉल पर 58 रन की पारी खेली। पहले दिन नसों में खिचाव की बात सामने आई थी, लेकिन इसके बाद भी वे बल्लेबाजी के लिए उतरे और अपनी टीम को एक मजबूत स्थिति में पहुंचाने में मदद की।
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