Highlights
- सचिन तेंदुलकर को मिली डबल सेंचुरी वाली बॉल
- मध्य प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के क्यूरेटर से मिला यादगार उपहार
- सचिन ने बदले में चीफ क्यूरेटर को दी अनमोल गिफ्ट
Sachin Tendulkar Double Century Ball: दुनिया के सर्वकालीन महानतम बल्लेबाज माने जाने वाले सचिन तेंदुलकर ने 2010 में वनडे क्रिकेट के इतिहास का पहला दोहरा शतक लगाया था। आपको जानकर हैरानी होगी कि तेंदुलकर ने जिस गेंद पर ये कारनामा किया वह उनके पास कभी नहीं रही। यहां तक कि पिछले 12 सालों में उन्होंने उस ऐतिहासिक गेंद को कभी दोबारा देखा तक नहीं पर वो इसे भूले नहीं थे। मास्टर ब्लास्टर ने ये बॉल हासिल कर ली है। उन्हें ये बॉल मध्य प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (एमपीसीए) के चीफ क्यूरेटर समंदर सिंह चौहान से मिली।
यादगार उपहार के बदले मिली अनमोल गिफ्ट
सचिन रोड सेफ्टी वर्ल्ड सीरीज टूर्नामेंट के टी-20 मुकाबलों के सिलसिले में तेंदुलकर पिछले चार दिन से इंदौर में थे। इसी दौरान चीफ क्यूरेटर चौहान ने उन्हें ये खास बॉल बतौर गिफ्ट भेंट की। लेकिन ये गिफ्ट एकतरफा नहीं था। इसके बदले तेंदुलकर ने समंदर सिंह चौहान को ऐसे उपहार दिए जो बहुत कोशिश करने पर भी जल्दी किसी को नहीं मिलता। चौहान ने मंगलवार को कहा कि महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने उन्हें इंदौर में खास तोहफे के तौर पर अपने ऑटोग्राफ वाली टी-शर्ट और जूते दिए हैं। चौहान के मुताबिक तेंदुलकर ने उन्हें यह तोहफा उस गेंद के बदले दिया जिससे मास्टर ब्लास्टर ने 12 साल पहले ग्वालियर में वनडे इतिहास का पहला दोहरा शतक जड़ा था।
MPCA के चीफ क्यूरेटर के पास थी सचिन की वनडे डबल सेंचुरी वाली बॉल
चौहान के मुताबिक इंडिया लीजेंड्स और न्यूजीलैंड लीजेंड्स के बीच आयोजित मैच सोमवार रात बारिश से धुलने के बाद तेंदुलकर ने उन्हें अपनी टीम के ड्रेसिंग रूम में बुलाया और खास तोहफे के रूप में जूते व अपने ऑटोग्राफ वाली टी-शर्ट दी। दरअसल ये पूरी घटना ऐसे आगे बढ़ी कि तेंदुलकर जब अभ्यास के लिए रविवार को इंदौर के होलकर स्टेडियम पहुंचे, तो चीफ क्यूरेटर उनके पास वह बॉल लेकर गए जिस पर उन्होंने ग्वालियर में 2010 में डबल सेंचुरी लगाई थी।
सचिन को इंदौर में मिली डबल सेंचुरी वाली बॉल
चौहान ने सचिन से इस गेंद पर ऑटोग्राफ देने की गुजारिश की थी। चौहान ने बताया, ‘‘यह गेंद देखते ही बेहद खुश तेंदुलकर ने मुझसे पूछा था कि क्या मैं इसे उन्हें तोहफे में दे सकता हूं? मैं तुरंत सहमत हो गया क्योंकि यह मेरे लिए सौभाग्य की बात थी।’’
उन्होंने बताया कि ग्वालियर में 12 साल पहले भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच खेला गया एक दिवसीय मैच खत्म होने के बाद उन्होंने तेंदुलकर के दोहरे शतक के कीर्तिमान से जुड़ी गेंद को यादगार के तौर पर सहेज कर रख लिया था। विकेट तैयार करने में चार दशक से ज्यादा का अनुभव रखने वाले क्यूरेटर ने बताया कि ग्वालियर के कैप्टन रूपसिंह स्टेडियम के जिस पिच पर तेंदुलकर ने यह कीर्तिमान बनाया, उसे उन्होंने ही तैयार किया था।
सचिन तेंदुलकर ने लगाया था वनडे क्रिकेट का पहला दोहरा शतक
ग्वालियर में 24 फरवरी 2010 को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ वनडे मैच में तेंदुलकर ने 147 गेंदों पर 25 चौकों और तीन छक्कों की मदद से 200 रन की नाबाद पारी खेली थी। यह वनडे इंटरनेशनल क्रिकेट में किसी बल्लेबाज का पहला दोहरा शतक था। इस मुकाबले में भारत ने दक्षिण अफ्रीका पर 153 रन के बड़े अंतर से जीत दर्ज की थी और सचिन तेंदुलकर को प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया था।