सचिन तेंदुलकर को क्रिकेटर बनाने में कई लोगों का योगदान रहा लेकिन उनके महान क्रिकेटर बनने की लंबी जर्नी में सबसे बड़ी भूमिका रही, उनके बचपन के कोच रमाकांत आचरेकर की। क्रिकेट की दुनिया को सबसे बड़ा सितारा खोजकर देने वाले रमाकांत आचरेकर भले ही आज इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन सचिन तेंदुलकर और उनके फैंस उन्हें हर साल गुरु पूर्णिमा पर याद करते हैं।
सचिन के बचपन के कोच रमाकांत आचरेकर का साल 2019 में 86 साल की उम्र में देहांत हो गया था। आचरेकर ने सचिन ही नहीं बल्कि कई क्रिकेटरों को निखारने में अहम भूमिका निभाई। इनमें अजीत अगरकर, प्रवीण आमरे, विनोद कांबली और रोमेश पवार भी शामिल थे। आचरेकर सर से क्रिकेट के गुर सीखकर कई क्रिकेटरों ने इंटरनेशनल और घरेलू क्रिकेट में खूब नाम कमाया। यही वजह है कि महाराष्ट्र सरकार ने भारतीय क्रिकेट में उनके अहम योगदान के लिए बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने रमाकांत आचरेकर को सम्मान देने के लिए शिवाजी पार्क में उनका एक स्मारक बनाने का फैसला किया है। सचिन तेंदुलकर ने सरकार के इस फैसले पर अपनी खुशी व्यक्त की और फैंस के साथ ये बड़ी खुशखबरी साझा की।
सचिन ने सरकार के फैसले का किया स्वागत
सचिन ने एक्स पर लिखा कि आचरेकर सर का उनके जैसे कई खिलाड़ियों के जीवन पर बड़ा प्रभाव रहा। शिवाजी पार्क में ही उनका जीवन क्रिकेट के इर्दगिर्द घूमता रहा। उनकी भी यही ख्वाहिश रही होगी कि वो हमेशा यहीं पर रहें. मैं उनकी कर्मभूमि पर स्टैच्यू बनाने के फैसले से बहुत खुश हूं।
गौरतलब है कि रमाकांत आचरेकर सर को 2010 में द्रोणाचार्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। खेल में उनके योगदान के लिए उन्हें 2010 में देश के चौथे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार यानी पद्मश्री पुरस्कार भी दिया गया था। साल 1932 में जन्में रमाकांत को भले ही सिर्फ 1 फर्स्ट क्लास मैच खेलने को मौका मिला हो लेकिन भारतीय क्रिकेट को सचिन तेंदुलकर जैसा बड़ा सितारे दिया जिन्होंने इंटरनेशनल क्रिकेट में रनों का अंबार खड़ा किया। यही वजह है कि पूरा क्रिकेट जगत आचरेकर को बड़े ही सम्मान की नजर से देखता है और सचिन का नाम उनके साथ जोड़ता है।
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