Highlights
- रॉस टेलर ने अपनी आत्मकथा में किए सनसनीखेज खुलासे
- टेलर ने न्यूजीलैंड क्रिकेट के अधिकारियों और खिलाड़ियों पर लगाए नस्लवाद के आरोप
- गुरुवार को रिलीज हुई रॉस टेलर की आत्मकथा
Ross Taylor’s shocking revelations: न्यूजीलैंड के पूर्व क्रिकेटर और महान कीवी खिलाड़ी रॉस टेलर ने नस्लवाद से जुड़े अपने अनुभव के कुछ खुलासे करके पूरी दुनिया को चौंका दिया। टेलर ने ये सारे खुलासे गुरुवार के रिलीज हुई अपनी आत्मकथा में किए। दाहिने हाथ के इस बल्लेबाज का न्यूजीलैंड के लिए 16 साल लंबा इंटरनेशनल करियर रहा। उन्होंने पहली बार कीवी टीम में नस्लवाद की मौजूदगी पर अपनी चुप्पी तोड़ी।
नस्लवाद को लेकर रॉस टेलर के सनसनीखेज खुलासे
रॉस टेलर सामोन वंश से संबंध रखते हैं और उन्होंने न्यूजीलैंड के क्रिकेट टीम अधिकारियों पर ड्रेंसिंग रुम में अनौपचारिक बातचीत के दौरान रेसिस्ट कमेंट करने का आरोप लगाया। टेलर न्यूजीलैंड क्रिकेट के सबसे प्रभावशाली क्रिकेटर्स में से एक रहे हैं जहां उनकी काफी इज्जत की जाती है। टेलर ने जिस तरह से आरोप लगाए उससे उनके देश में कई लोगों को बेहद निराशा हुई और उन्होंने माना कि कीवी बल्लेबाज को बेहद खराब अनुभव से गुजरना पड़ा।
न्यूजीलैंड में क्रिकेट गोरों का खेल- रॉस टेलर
टेलर ने अपनी किताब में लिखा है, “न्यूजीलैंड में क्रिकेट काफी हद तक गोरे लोगों का खेल है। मैं अपने करियर में ज्यादा वक्त तक उनके लिए एक मिसफिट रहा, वनीला लाइन-अप में एक भूरा चेहरा। ये एक चुनौती थी जिसका अंदाजा आपके साथी खिलाड़ी या क्रिकेट देखने वाले लोग नहीं लगा सकते थे। ड्रेसिंग रूम में होने वाले हंसी मजाक इसका बैरोमीटर था। मेरा एक टीममेट मुझसे कहा करता था कि तुम आधे अच्छे इंसान हो रॉस लेकिन कौन सा आधा हिस्सा अच्छा है? आपको नहीं पता कि मैं किस चीज के बारे में बता रहा हूं। मुझे पता है मैंने क्या किया।”
देश का प्रतिनिधित्व करने के लिए हर दर्द सहे- रॉस टेलर
चूंकि टेलर सामोन वंश से संबंध रखते हैं, कई लोग उन्हें माओरी या भारतीय वंश का समझते थे। 38 साल के टेलर ने आगे खुलासा करते हुए बताया कि कुछ मौकों पर ड्रेंसिंग रूम में होने वाले हंसी मजाक दुख देने वाले और अपमानजनक होते थे पर उन्हें शांति बनाए रखना होता था ताकि वे इंटरनेशनल लेवल पर अपने देश का प्रतिनिधित्व कर सकें।