भारतीय टीम 12 जुलाई से वेस्टइंडीज के खिलाफ दो मैचों की टेस्ट सीरीज से अपने WTC के अगले चक्र की शुरुआत करेगी। यह सीरीज कई मायनों में खास होने वाली है। इसके लिए जहां चेतेश्वर पुजारा जैसे अनुभवी खिलाड़ी को टीम से बाहर किया गया है। वहीं कप्तान रोहित शर्मा समेत कुछ खिलाड़ियों के लिए यह करियर डिसाइडर भी साबित हो सकती है। इसके अलावा युवा खिलाड़ी यशस्वी जायसवाल और रुतुराज गायकवाड़ को भी पहली बार टेस्ट टीम में एंट्री मिली है, तो इन दोनों के ऊपर भी सभी की नजरें टिकी होंगी। यह टीम मोहम्मद शमी और जसप्रीत बुमराह जैसे दो अनुभवी गेंदबाजों के बिना भी उतरेगी।
इस गेंदबाजी आक्रमण की अगुआई करेंगे मोहम्मद सिराज। उनका साथ देने के लिए मुकेश कुमार और नवदीप सैनी को मौका दिया गया है। बाएं हाथ के पेसर जयदेव उनादकट भी टीम का हिस्सा हैं और उनका खेलना आगामी दौरे पर लगभग तय मान सकते हैं। हालांकि, मुकेश कुमार और सैनी में से किसी एक को ही टीम में खेलता देखा जा सकेगा। जबकि स्पिन का विभाग रवींद्र जडेजा, रविचंद्रन अश्विन और अक्षर पटेल के जिम्मे पर होगा। फिलहाल अगर बात करें तो कौन से चार खिलाड़ियों के लिए यह सीरीज अंतिम मौका हो सकती है तो वो इस प्रकार हैं:-
रोहित शर्मा
कप्तान रोहित शर्मा का ग्राफ पिछले कई सालों में गिरता गया है। उनका प्रदर्शन बल्ले से तो खराब ही रहा साथ ही फील्ड पर उनकी फिटनेस और बढ़ती उम्र भी उनके करियर की बाधा बनती जा रही है। साल 2022 में उन्होंने टेस्ट की कप्तानी संभाली थी और उसके बाद से टीम इंडिया ने 10 टेस्ट मैच खेले जिसमें से रोहित तीन मैचों में हिस्सा नहीं ले सके। इस साल बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के नागपुर टेस्ट में उनकी एक शतकीय पारी के अलावा लगभग हर मौके पर वह फ्लॉप रहे हैं। सबसे बड़ा कारण यह भी है कि अगला WTC फाइनल 2025 में होगा और उस वक्त रोहित की उम्र 38 वर्ष हो चुकी होगी। टीम मैनेजमेंट अगले दो साल के विजन में उन्हें रखेगा या नहीं यह वेस्टइंडीज सीरीज के बाद ही तय हो पाएगा।
केएस भरत
रिद्दिमान साहा के बाद भारत की टेस्ट टीम में विकेटकीपर की भूमिका निभाने वाले केएस भरत अभी तक ऋषभ पंत की कमी को पूरा करते नहीं नजर आए हैं। इस साल बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में भी उन्होंने 6 पारियों में सिर्फ 101 रन बनाए थे और फिर वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में भी वह दोनों पारी मिलाकर सिर्फ 28 रन बना सके। उन्होंने अभी तक अपने टेस्ट करियर में कोई भी कमाल नहीं किया है और आगामी वेस्टइंडीज सीरीज उनके लिए भी करियर डिसाइडर साबित हो सकती है। क्योंकि इशान किशन अपनी बारी का लगातार इंतजार कर रहे हैं।
अजिंक्य रहाणे
हालांकि, वेस्टइंडीज सीरीज के लिए अजिंक्य रहाणे को उपकप्तान बनाया गया है। लेकिन यह नहीं भूलना चाहिए पिछले मुकाबले तक चेतेश्वर पुजारा भी उपकप्तान ही थे। इसके अलावा टेस्ट टीम में अभी उनको वापसी करे हुए सिर्फ एक ही मैच बीता है। अब उनके कंधों पर उपकप्तानी के साथ-साथ खुद को बल्लेबाजी में आगे ले जाने का प्रेशर भी होगा। उन्होंने वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में अपने प्रदर्शन से प्रभावित किया था और यही कारण रहा कि वह उपकप्तान बनाए गए। पर अब उनको अपना यह प्रदर्शन आगामी सीरीज में भी जारी रखना होगा। यदि वह फ्लॉप साबित हुए तो अब फिर से उनकी वापसी मुश्किल हो सकती है।