इंग्लैंड की टेस्ट टीम में पिछले साल जून के बाद एक अलग ही बदलाव देखने को मिला था। उससे पहले एशेज और फिर वेस्टइंडीज में शर्मनाक हार के बाद टीम मुश्किलों में थी। उसी वक्त तत्कालीन टेस्ट कप्तान जो रूट ने भी कप्तानी छोड़ दी थी। टीम मुश्किल में थी, उस वक्त ब्रेंडन मैकुलम को टीम का हेड कोच बनाया गया और बेन स्टोक्स ने कप्तानी संभाली। उसके बाद टीम ने अभी तक कुल 14 टेस्ट मैच खेले हैं जिसमें से 11 में उसे जीत मिली है और सिर्फ तीन में टीम को हार मिली। इन तीन हार में एशेज 2023 का पहला टेस्ट भी शामिल है। माहौल एशेज का है तो इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के दिग्गजों की बयानबाजियां भी आम बात हैं।
इसी कड़ी में ऑस्ट्रेलिया के विश्व कप विजेता कप्तान रिकी पोंटिंग ने एक बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने कहा है कि पिछले साल ब्रेंडन मैकुलम के हेड कोच बनने से पहले इंग्लैंड टेस्ट टीम के साथ कोच की भूमिका के लिए उनसे संपर्क किया गया था। गौरतलब है कि पिछले साल क्रिस सिल्वरवुड की जगह मैकुलम और मैथ्यू मॉट को लिमिटेड ओवरों की टीम का कोच बनाया गया था। पोंटिंग ने कहा कि उनसे रॉबर्ट की ने संपर्क किया था। बता दें कि रॉबर्ट को तब इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) के पुरुष क्रिकेट के नए निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया था।
क्या बोले रिकी पोंटिंग?
पोंटिंग ने एक क्रिकेट पोडकास्ट में बात करते हुए बताया कि, मैकुलम के कार्यभार संभालने से पहले मुझसे वास्तव में पूछा गया था। रॉबर्ट ने अपना कार्यभार संभालने के बाद मुझे फोन कॉल किया था। हालांकि, उन्होंने उस समय पूर्णकालिक कोच बनने के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था क्योंकि वह अपने परिवार के साथ अधिक समय बिताना चाहते हैं। उन्होंने बताया मैं इंटरनेशनल टीम के साथ फुलटाइम कोच की भूमिका निभाने के लिए तैयार नहीं था। मेरे बच्चे छोटे हैं और मैं उनसे ज्यादा समय तक दूर नहीं रहना चाहता।
गौरतलब है कि रिकी पोंटिंग मौजूदा वक्त में इंडियन प्रीमियर लीग की टीम दिल्ली कैपिटल्स के हेड कोच हैं। इससे पहले भी वह फ्रेंचाइजी के साथ सपोर्ट स्टाफ में शामिल थे। लेकिन उनके नेतृत्व में दिल्ली की टीम कुछ खास कर नहीं पाई। साल 2020 में दिल्ली कैपिटल्स फाइनल में पहुंची थी पर वहां मुंबई के हाथों उसे हार झेलनी पड़ी थी। उसके बाद साल 2021, 2022 और 2023 में टीम प्लेऑफ में भी नहीं पहुंच पाई थी। इसलिए फिलहाल बतौर कोच पोंटिंग का अनुभव उनके बतौर खिलाड़ी मिलने वाली सफलता के अनुभव के आगे कुछ नहीं है।