Highlights
- रवि शास्त्री ने कोचिंग रोल में लौटने से किया इनकार
- शास्त्री ने ग्रासरूट लेवल पर कोचिंग में दिखाई रुचि
- कोहली-शास्त्री युग में भारत ने टेस्ट क्रिकेट में किया बढ़िया प्रदर्शन
Ravi Shastri: 2021 टी20 वर्ल्ड कप के लीग स्टेज में भारत के बाहर होने के साथ ही कोहली-शास्त्री युग का अंत हो गया था। हेड कोच रवि शास्त्री और कप्तान विराट कोहली की जोड़ी भारतीय क्रिकेट में लंबे अरसे तक सुर्खियों में रही। हालांकि इस काल में टीम इंडिया के कैबिनेट में कोई बड़ी ट्रॉफी नहीं आई पर टेस्ट क्रिकेट में इन दोनों ने मिलकर जीत की कई नई इबारत लिखी। कोहली-शास्त्री की जोड़ी ने लाल गेंद से विदेशी जमीन पर कमाल का प्रदर्शन किया। 2018-19 में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को उसकी जमीन पर हराया और टेस्ट सीरीज जीतने वाली पहली एशियाई टीम बनने का गौरव हासिल किया। इस जोड़ी ने वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के पहले सीजन में भारत को फाइनल में पहुंचाया। इन दोनों की देखरेख में भारतीय टीम ने लगभग सात साल तक टेस्ट रैंकिंग्स में अपना प्रभुत्व कायम रखा। लेकिन लिमिटेड ओवर क्रिकेट में टीम इंडिया के पास ऐसी कोई उपलब्धि नहीं है जिसका जिक्र किया जा सके।
सात साल जितना करना था, मैंने कर लिया- रवि शास्त्री
शास्त्री जब तक टीम इंडिया के हेड कोच रहे, कमेंट्री बॉक्स में नजर नहीं आए। लगभग पांच साल के बाद आईपीएल 2022 में उन्होंने कमेंट्री की। अब वे फिर से अपने पुराने रोल में खुश हैं। उनका कोचिंग रोल में लौटने का फिलहाल कोई इरादा नहीं है।
उन्होंने भारतीय मीडिया से बात करते हुए कहा, “मेरा कोचिंग का हिसाब खत्म हो गया। सात साल जितना करना था, मैंने कर लिया। अगर मुझे कुछ कोचिंग करनी है, तो ये ग्रासरूट लेवल पर होगी, इसके लिए मेरे पास एक कंपनी है जो कर रही है। मैं उसी में हिस्सा लूंगा। अब बतौर कोच मेरा वक्त खत्म हो चुका है। अब मैं खेल को बाहर से देखूंगा और उसका आनंद लूंगा।”
बदलाव के दौर से गुजर रहा है क्रिकेट- रवि शास्त्री
शास्त्री फिलहाल लीजेंड्स लीग क्रिकेट में बतौर कमिश्नर काम कर रहे हैं। उनका मानना है कि ये खेल बदलाव के दौर से गुजर रहा है। टी20 क्रिकेट के बढ़ते प्रभाव की वजह से इसके नियमों में कई बदलाव हो रहे हैं और आने वाले वक्त में कई और होंगे।