पाकिस्तान 2025 में आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी की मेजबानी करने जा रहा है, जो पाकिस्तान के लिए वर्ल्ड क्रिकेट में वापसी का एक बड़ा मौका है। यह 1996 के बाद पहली बार है जब पाकिस्तान में कोई बड़ा आईसीसी टूर्नामेंट होने जा रहा है। दुनियाभर के क्रिकेट फैंस के लिए यह एक खास मौका है, लेकिन हाल ही में हुए कुछ घटनाक्रमों ने इस टूर्नामेंट में भारत की भागीदारी को लेकर अटकलों का बाजार गर्म कर दिया है।
आईसीसी के नए चेयरमैन के रूप में जय शाह का निर्विरोध चुनाव एक महत्वपूर्ण घटना है, जो 1 दिसंबर 2024 से आईसीसी चेयरमैन की भूमिका निभाएंगे। यह नियुक्ति कई क्रिकेट फैंस और विशेषज्ञों के बीच चर्चा का विषय बनी हुई है, खासकर जब बात भारत-पाकिस्तान के क्रिकेट संबंधों की हो। शाह की नियुक्ति को लेकर पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के पूर्व कप्तान राशिद लतीफ ने कॉट बिहाइंड यूट्यूब चैनल पर कहा कि अगर जय शाह निर्विरोध चुने गए हैं, तो इसका मतलब है कि पीसीबी ने भी अपनी मंजूरी दे दी है। लतीफ ने कहा कि भारत के पाकिस्तान यात्रा करने की 50% संभावना है।
पीसीबी का समर्थन और आगे की राह
लतीफ की ये बातें भारत-पाकिस्तान के क्रिकेट संबंधों में संभावित सकारात्मक बदलाव की ओर इशारा करती हैं। पीसीबी का समर्थन यह दर्शाता है कि दोनों देशों के क्रिकेट बोर्ड के बीच कूटनीतिक समझौता हो सकता है, जिससे टूर्नामेंट के वेन्यू पर बातचीत का रास्ता खुल सकता है। जय शाह के आईसीसी चेयरमैन बनने के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट संबंधों में सुधार की उम्मीदें बढ़ गई हैं।
जय शाह का नेतृत्व और संभावित सहयोग
राशिद लतीफ ने जय शाह के नेतृत्व की भी सराहना की, जो बीसीसीआई और आईसीसी दोनों के लिए लाभदायक रहा है। उन्होंने विश्वास जताया कि शाह का नेतृत्व भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट को लेकर एक अच्छा माहौल बना सकता है, जो द्विपक्षीय क्रिकेट की वापसी में सहायक हो सकता है। शाह के नेतृत्व में आईसीसी के फैसले भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट संबंधों को सुधारने में मददगार साबित हो सकते हैं।
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