शुक्रवार 16 दिसंबर का दिन क्रिकेट जगत में खास रहा। इन दिन दो ऐसे मुकाबले हुए जिसमें दूर-दूर तक कोई समानता नहीं थी। एक मुकाबला ऑस्ट्रेलिया में खेला गया तो दूसरा भारत में। एक मैच में मामूली टारगेट के आगे पूरी टीम नतमस्तक हो गई तो दूसरे में नामुमकिन से लक्ष्य को हासिल करने के लिए बल्लेबाजों ने फौलादी जिगर दिखाया। अंतरराष्ट्रीय बल्लेबाजों ने ऑस्ट्रेलिया में घुटने टेक दिए तो भारत में इंटरनेशनल स्टेज पर जगह तलाश रहे युवा सितारों ने अपने जोश और बल्ले के दम से बवाल मचा दिया। एक घटना ऑस्ट्रेलिया में होने वाली बिग बैश लीग की है तो दूसरी भारत के रणजी ट्रॉफी मैच की।
कहानी 2 अजीब मुकाबलों की
बात पहले ऑस्ट्रलियाई बिग बैश लीग की जिसके एक मैच में एडिलेड स्ट्राइकर्स और सिडनी थंडर्स के बीच मुकाबला हुआ। एडिलेड की टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए निर्धारित 20 ओवर में 9 विकेट पर 139 रन बनाए और सिडनी की टीम के सामने जीत के लिए 140 रनों का मामूली सा लक्ष्य रखा। जवाब में सिडनी थंडर्स की पूरी टीम महज 5.5 ओवर में 15 रन बनाकर आउट हो गई। साधारण लक्ष्य के आगे भी सिडनी के तमाम धुरंधरों ने महज आधे घंटे के खेल में घुटने टेक दिए। यह टी20 क्रिकेट के इतिहास का सबसे छोटा टोटल है।
नामुमकिन लक्ष्य के करीब तक आसानी से पहुंचा तमिलनाडु
हैदराबाद में रणजी ट्रॉफी का एक खास मैच खेला गया जिसमें आखिरी दिन जीत के लिए 13 ओवर में 142 रन की जरूरत थी। लक्ष्य का पीछा कर रही टीम ने 7 ओवर्स में 1 विकेट पर 108 रन बना भी लिए। अब अगले 6 ओवर में सिर्फ 36 रन बनाने थे। जीत मानो गोदी में खेल रही थी कि ठीक तभी मैदान में कुछ ऐसा हुआ जिसने देखते ही देखते पासा पलट दिया। इस मुकाबले का नतीजा नहीं आया। न बरसात हुई और न कोई इंजरी या हादसा, लेकिन मैच ड्रॉ पर खत्म हो गया।
बैड लाइट ने बिगाड़ा खेल
रणजी ट्रॉफी एलीट ग्रुप बी के एक मैच में हैदराबाद और तमिलनाडु के बीच एक मुकाबला हुआ। मैच के आखिरी दिन तमिलनाडु के सामने जीत के लिए 142 रन की जरूरत थी और ओवर सिर्फ 13 बचे थे। साई सुदर्शन और ई जगदीशन ने मिलकर पहले विकेट के लिए 6.1 ओवर में 93 रन ठोक दिए। तमिलनाडु ने 7 ओवर में 108 रन बना लिए और जीत सिर्फ 36 रन दूर थी कि ठीक तभी बैड लाइट की वजह से खेल रुक गया। टीम और अंपायर्स ने रोशनी के बेहतर होने का इंतजार किया पर उन्हें निराशा ही मिली। मैच ड्रॉ पर खत्म हुआ।