Ranji Trophy: अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मुकाबलों में खराब पिचों के इस्तेमाल को लेकर लगातार चर्चा हो रही है। पाकिस्तान की रावलपिंडी और ऑस्ट्रेलिया के गाबा की पिच को आईसीसी की तरफ से औसत से नीचे घोषित किए जाने के कुछ दिनों के अंदर ही भारत के एक स्टेडियम की पिच पर भी सवाल खड़े हो गए हैं। भारत के प्रतिष्ठित घरेलू टूर्नामेंट रणजी ट्रॉफी का एक अहम मुकाबला खराब पिच की वजह से ही रद्द करना पड़ा।
103 ओवर में गिरे 24 विकेट
रेलवे और पंजाब के बीच दिल्ली स्थित करनैल सिंह स्टेडियम में चल रहे रणजी ट्रॉफी मैच को अधिकारियों द्वारा पिच के 'खेलने के लिए खतरनाक और अनफिट' माने जाने के बाद निलंबित कर दिया गया। मैच अधिकारियों ने फैसला किया कि अब गुरुवार से दो दिवसीय मैच नई पिच पर होगा। दरअसल मैच अधिकारियों ने जब मुकाबले को रोकने का फैसला किया तब तक सिर्फ 103 ओवर में 24 विकेट गिर चुके थे जिसमें से 20 विकेट तेज गेंदबाजों के खाते में गए। इस समय पंजाब ने दूसरी पारी में चार विकेट पर 18 रन बनाए थे। टीम ने पहली पारी में रेलवे पर 12 रन की बढ़त हासिल की थी।
पिच पर खेलना मुश्किल
पंजाब के बल्लेबाज अभिषेक शर्मा ने पीटीआई से कहा, "मैंने रणजी ट्रॉफी में इससे पहले कभी इस तरह का विकेट नहीं देखा। पिच से गेंद के उछाल का अंदाजा नहीं लगाया जा सकता था जिसके कारण यह काफी असुरक्षित थी। हमें बताया गया है कि मैच नई पिच पर खेला जाएगा। अंपायरों और मैच रैफरी ने आज के दिन का खेल रद्द करने और कल नई शुरुआत करने का सही फैसला किया है। खिलाड़ियों ने इस मैच की तैयारी के लिए कड़ी मेहनत की थी इसलिए इस तरह की पिच देखकर निराश हैं।"
दूसरी पिच पर होगा मैच
दूसरे सत्र में ड्रिंक्स ब्रेक के दौरान यह फैसला किया गया जब मैदानी अंपायरों के मदनगोपाल और राजीव गोदारा ने मैच रैफरी योवराज सिंह के साथ इस मुद्दे पर चर्चा की। पंजाब के कप्तान मनदीप सिंह और रेलवे के कप्तान कर्ण शर्मा के साथ भी बात की गई। यह एलीट डी ग्रुप मैच अब सिर्फ दो दिन का होगा जिससे इसमें नतीजा निकलना मुश्किल है जिससे टूर्नामेंट में पंजाब और रेलवे दोनों की संभावनाओं को नुकसान होगा।
पहले भी विवादों में रहा स्टेडियम
गौरतलब है कि चंडीगढ़ के खिलाफ पंजाब का पहला मैच ड्रॉ रहा था जबकि रेलवे को विदर्भ के खिलाफ 194 रन से हार का सामना करना पड़ा था। वैसे यह पहला मौका नहीं है बल्कि अतीत में भी करनैल सिंह स्टेडियम की पिच गलत कारणों से खबरों में रही है। बीसीसीआई की तकनीकी समिति ने खराब पिच तैयार करने के कारण 2011 में इस स्थल को निगरानी सूची में डाला था। इसके एक साल बाद आयोजन स्थल के मैचों की मेजबानी करने पर दो साल का प्रतिबंध लगा दिया गया था क्योंकि तब समिति ने पाया कि स्थानीय क्यूरेटर रेलवे की मदद करने के लिए जानबूझकर ऐसे विकेट बनाते थे जो पूरी तरह से तैयार नहीं होता था। टीम को इसके कारण अपने घरेलू मैच भुवनेश्वर में कराने पड़े।