Ranji Trophy: भारत और बांग्लादेश के बीच बुधवार (14 दिसंबर) से तीन मैचों की टेस्ट सीरीज की शुरुआत हो रही है। लेकिन उससे एक दिन पहले देश में प्रतिष्ठित घरेलू टूर्नामेंट रणजी ट्रॉफी का आगाज भी हो चुका है। करीब दो साल बाद देश में पूर्व रूप से आयोजित हो रहे इस प्रथम श्रेणी क्रिकेट टूर्नामेंट में टीम इंडिया से बाहर चल रहे कई भारतीय क्रिकेटर भी हिस्सा ले रहे हैं। इसमें एक नाम संजू सैमसन का भी है, जिनके टीम इंडिया में चयन को लेकर पिछले काफी समय से चर्चा हो रही है। केरल के इस विकेटकीपर बल्लेबाज के फैंस लगातार चयनकर्ताओं पर उन्हें नजरअंदाज करने का आरोप भी लगा रहे हैं। हालांकि इस बीच सैमसन ने अपने खेल से एक बार फिर से सभी को प्रभावित किया है।
सैमसन तीन साल के लंबे अंतराल के बाद प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेलने के लिए केरल की टीम से दोबारा से जुड़े हैं। वह इस बार की रणजी ट्रॉफी में अपनी टीम का नेतृत्व भी कर रहे हैं। अपनी विस्फोटक बल्लेबाजी के लिए मशहूर सैमसन ने अपने अंदाज को टूर्नामेंट के पहले मैच भी जारी रखा। उन्होंने झारखंड के खिलाफ रांची में खेले गए मैच में अर्धशतकीय पारी खेली और इसमें सिर्फ चौके और छक्के से ही 58 रन जड़ दिए। उन्होंने 108 गेंदों की अपनी पारी में कुल 7 छक्के और 4 चौके लगाए। उन्होंने आउट होने से पहले अपनी टीम के स्कोर में 72 रनों का योगदान दिया।
संजू ने अपनी पारी के दौरान टीम के सलामी बल्लेबाज रोहन प्रेम के साथ मिलकर चौथे विकेट के लिए 91 रनों की अहम साझेदारी भी निभाई। उनकी इस साझेदारी और अर्धशतक की बदौलत केरल की टीम ने पहले दिन का खेल खत्म होने पर 6 विकेट खोकर 276 रन बना लिए थे। उसकी तरफ से अक्षय चंद्रन (39*) और सिजोमोन जोसेफ (28*) रन बनाकर क्रीज पर हैं। केरल की तरफ से सैमसन के अलावा रोहन प्रेम ने सर्वाधिक 79 और रोहन कुन्नूमल ने 50 रन बटोरे। वहीं झारखंड की तरफ से भारतीय क्रिकेटर शाहबाज नदीम तीन विकेट के साथ सबसे सफल गेंदबाज रहे।