Highlights
- रणजी ट्रॉफी 2022 के फाइनल में 22 जून से भिड़ेंगी मुंबई और मध्यप्रदेश की टीमें
- सरफराज खान और शम्स मुलानी रहे अब तक इस सीजन में मुंबई के टॉप परफॉर्मर
- सरफराज ने बनाए सीजन में 803 रन तो शम्स ने झटके 37 विकेट
भारत के सबसे प्रतिष्ठित घरेलू टूर्नामेंट यानी रणजी ट्रॉफी 2022 का फाइनल (Ranji Trophy Final) मुकाबला 22 जून से बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम में खेला जाएगा। इस मुकाबले में मुंबई की नजरें जहां 42वें खिताब पर होंगी वहीं मध्यप्रदेश की टीम उसका सपना तोड़ पहली बार रणजी चैंपियन बनना चाहेगी। लेकिन एमपी की राह में सबसे बड़ी बाधा मुंबई के यह दो खिलाड़ी बन सकते हैं जिन्होंने पूरे सीजन विरोधी टीम को परेशान किया है। इनमें से एक ने जहां सीजन में 800 से अधिर रन बनाए हैं तो दूसरे ने अभी तक 37 विकेट अपने नाम कर लिए हैं।
मध्य प्रदेश को पहले खिताब से जुदा कर सकते हैं यह खिलाड़ी
मुंबई ने इस सीजन में अभी तक पांच में से तीन मैच जीते हैं तो एक मैच ड्रॉ रहा है और सेमीफाइनल मुकाबला उसने विशाल लीड के चलते अपने नाम कर लिया था। उधर मध्य प्रदेश की टीम पांच में से चार मुकाबले जीतकर आई है और एक मुकाबला उसने ड्रॉ खेला है। आंकड़ों में मध्य प्रदेश भले मुंबई से मजबूत हो लेकिन उसे मुंबई के बल्लेबाज सरफराज खान और गेंदबाज शम्स मुलानी से काफी सावधान रहना होगा।
कैसा रहा इस सीजन में सरफराज और मुलानी का प्रदर्शन?
अगर सरफराज खान की बात करें तो उन्होंने सौराष्ट्र के खिलाफ पहले मुकाबले से ही रन बनाना शुरू कर दिए थे। इस मुकाबले में उन्होंने 275 रनों की शानदार पारी खेली थी। इस पूरे सीजन की 7 पारियों में उन्होंने 3 शतक और दो अर्धशतक जड़े। जिन दो पारियों में वह इस मुकाम तक नहीं पहुंचने उनमें उनके बल्ले से 48 और 40 रन निकले। उन्होंने कुल मिलाकर 5 मैचों में 803 रन बनाए। उनका प्रदर्शन पूरे सीजन में शानदार रहा है।
दूसरी तरफ शम्स मुलानी एक नया नाम इस सीजन उभरकर आया। शायद इससे पहले उनका नाम कोई नहीं जानता होगा। उन्होंने इस सीजन लाजवाब गेंदबाजी की और 5 मैचों में 37 विकेट झटक लिए। इस दौरान उनका बेस्ट प्रदर्शन रहा सौराष्ट्र के खिलाफ पहले मैच की दूसरी पारी में जहां उन्होंने 115 रन देकर 7 विकेट अपने नाम कर लिए। हालांकि सेमीफाइनल मुकाबले में यूपी के खिलाफ मुलानी को एक भी विकेट नहीं मिला।
कुल मिलाकर मध्यप्रदेश की टीम को इन दो खिलाड़ियों से फाइनल मुकाबले में बहुत ज्यादा सावधान रहना होगा। यह दोनों ही खिलाड़ी अपने दम पर मैच पलट सकते हैं। मुंबई का जहां यह 47वां फाइनल मुकाबला होगा तो मध्यप्रदेश की टीम 1998-99 के बाद यानी 23 साल बाद पहली बार रणजी ट्रॉफी के फाइनल में पहुंची है। सरफराज और मुलानी की बाधा को पार कर एमपी की टीम पहला रणजी खिताब जीतना चाहेगी, वहीं मुंबई अगर 42वां खिताब जीतती है तो यह दो खिलाड़ी अहम कड़ी रहेंगे।