Highlights
- मध्य प्रदेश की टीम ने पहली बार जीता रणजी ट्रॉफी का खिताब
- रणजी ट्रॉफी की सबसे बड़ी चैंपियन टीम को किया चारों खाने चित्त
- बल्लेबाजों और गेंदबाजों के बेहतरीन प्रदर्शन के बल पर जीती टीम
रणजी ट्रॉफी का फाइनल मध्य प्रदेश की टीम ने जीत लिया है। ये पहली बार है, जब मध्य प्रदेश की टीम ने रणजी ट्रॉफी का फाइनल अपने नाम किया है। हालांकि इससे पहले भी मध्य प्रदेश की टीम एक बार फाइनल तक का सफर तय कर चुकी है, लेकिन तब उसे कर्नाटक से हार का सामना करना पड़ा था। इस बार मध्य प्रदेश के सामने मुंबई की बड़ी चुनौती थी। मुंबई की टीम रणजी की सबसे बड़ी चैंपियन टीम है और सबसे ज्यादा खिताब भी इसी टीम के पास हैं। ऐसे में मध्य प्रदेश के लिए जीत आसान नहीं थी, लेकिन इसके बाद भी टीम के एकजुट प्रयास और कोशिश आखिरकार रंग लाई और टीम ने इतिहास रचने का काम किया। मध्य प्रदेश की इस जीत में वैसे तो सभी खिलाड़ियों ने बेहतरीन प्रदर्शन किया, लेकिन टीम के पांच खिलाड़ी ऐसे हैं, जिन्होंने कमाल का प्रदर्शन कर अपनी टीम को जीत के दरवाजे तक पहुंचा दिया।
सलामी बल्लेबाज यश दुबे ने खेली 133 रनों की पारी
मध्य प्रदेश की जीत में टीम की पहली पारी का बड़ा योगदान रहा। मध्य प्रदेश ने पहली पारी में 536 रनों का विशाल स्कोर बनाया था। यहां तक पहुंचने में टीम के सलामी बल्लेबाज यश दुबे का बड़ा योगदान रहा। यश दुबे ने 336 गेंदों का सामना किया और 133 रनों की शतकीय पारी खेली। इस दौरान यश दुबे ने 14 चौके मारे, लेकिन एक भी छक्का उनके बल्ले से नहीं निकला, इससे समझा जा सकता है कि उनकी पारी कितनी धैर्यपूर्ण थी। यश दुबे ने दूसरे सलामी बल्लेबाज हिमांशु मंत्री के साथ पहले विकेट के लिए 47 रनों की साझेदार की। हिमांशु आउट हो गए, लेकिन दूसरे छोर पर यश दुबे ने अपनी पारी जारी रखी।
शुभम शर्मा ने खेली 116 रन की शतकीय पारी
एक छोर पर यश दुबे टिके हुए थे। पहला विकेट 47 रन पर गिर चुका था, इसके बाद जरूरत एक ऐसे बल्लेबाज की थी, जो यश दुबे का साथ दे सके। हिमांशु मंत्री क आउट होने के बाद ये जिम्मेदारी शुभम शर्मा ने उठाई। एक छोर पर यश दुबे और दूसरे पर शुभम शर्मा। दोनों ने बिना गलती किए पारी को आगे बढ़ाया और मध्य प्रदेश को कोई झटका नहीं लगने दिया। पहला विकेट 47 रन गिरने के बाद ये दोनों टीम का स्कोर 269 तक लेकर गए। जब शुभम शर्मा 116 रन बनाकर आउट हुए तब तक टीम का स्कोर 269 तक पहुंच चुका था। शुभम शर्मा ने 215 गेंदों का सामना किया और 15 चौके और एक छक्का अपनी पारी के दौरान जड़ा।
रजत पाटीदार ने किया कमाल का प्रदर्शन
मध्य प्रदेश की जीत के हीरो रजत पाटीदार रहे। दूसरे विकेट के लिए जब यश दुबे और शुभम शर्मा की बीच की साझेदारी टूटी तो टीम को आगे ले जाने का काम रजत पाटीदार ने किया। नंबर चार पर बल्लेबाजी करने आए रजत पाटीदार ने 122 रन बनाए। इस दौरान रजत पाटीदार ने 219 गेदों का सामना किया। उन्होंने 20 चौके अपनी पारी के दौरान लगाए। रजत पाटीदार जब सातवें विकेट के रूप में आउट हुए तब तक टीम का स्कारे 483 रन हो चुका था और मध्य प्रदेश की टीम काफी मजबूत स्थिति में पहुंच चुकी थी। इसके बाद बाकी का काम लोअर आर्डर के बल्लेबाजों ने किया और टीम को बड़े स्कोर तक पहुंचाने में मदद की।
गौरव यादव ने झटके पहली पारी में चार विकेट
मध्य प्रदेश की ओर से केवल बल्लेबाजों ने ही नहीं, बल्कि गेंदबाजों ने भी कमाल का प्रदर्शन किया। पहली पारी में जब मुंबई की टीम बल्लेबाजी कर रही थी, तब मध्य प्रदेश के गौरव यादव ने चार विकेट झटकने का काम किया और मुंबई को बहुत बड़ा स्कोर नहीं टांगने दिया। गौरव यादव ने 35.4 ओवर गेंदबाजी की और केवल 106 रनर खर्च किए। उनकी इकॉनमी केवल तीन रन प्रति ओवर की रही। मुंबई का कोई भी बल्लेबाज उन्हें ठीक से खेल ही नहीं पाया। गौरव यादव ने दूसरी पारी में भी मुंबई के दो विकेट अपने नाम किए।
अनुभव अग्रवाल ने भी तीन विकेट झटके
केवल गौरव यादव ही नहीं, मध्य प्रदेश के अनुभव अग्रवाल ने भी कमाल की गेंदबाजी की। जहां गौरव यादव ने चार विकेट लिए, वहीं अनुभव अग्रवाल भी ज्यादा पीछे नहीं रहे और उन्होंने तीन विकेट लिए। इन दोनों ने ही मिलकर मुंबई के सात विकेट ले लिए और मुंंबई की टीम इनके झटकों से उबर नहीं सकी। अनुभव अग्रवाल ने 29 ओवर गेंदबाजी की और केवल 81 रन खर्च किए। उनका इकॉनमी 2.80 ही रहा।