Ranji Trophy 2022-23: रणजी ट्रॉफी 2022-23 के चौथे दिन कर्नाटक, मध्यप्रदेस और बंगाल की टीमों ने अपने-अपने क्वार्टरफाइनल मुकाबले जीतकर सेमीफाइनल में जगह बना ली है। वहीं अब सौराष्ट्र और पंजाब के बीच रोमांचक मुकाबला जारी है जो पांचवें दिन तक पहुंच गया है। इस मुकाबले में जीतने वाली टीम दूसरे सेमीफाइनल में कर्नाटक का सामना करेगी। वहीं पहले सेमीफाइल में भिड़ंत होगी बंगाल और मध्यप्रदेश के बीच। सेमीफाइनल मुकाबले 8 से 12 फरवरी तक खेले जाएंगे। वहीं 16 से 20 फरवरी तक फाइनल मैच खेला जाएगा।
पंजाब और सौराष्ट्र दोनों के पास जीत का मौका
कप्तान अर्पित वासवडा, चिराग जानी, प्रेरक मांकड और पार्थ भुत के अर्धशतकों की मदद से सौराष्ट्र ने पंजाब के खिलाफ चौथे दिन रणजी ट्राफी क्वार्टरफाइनल में वापसी की। पंजाब से पहली पारी की बढ़त गंवाने वाली सौराष्ट्र ने वापसी करते हुए दूसरी पारी में 379 रनों का स्कोर बनाया और प्रतिद्वंद्वी टीम को जीत के लिए 252 रनों का लक्ष्य दिया। पंजाब ने चौथे दिन के स्टंप तक दो विकेट गंवाकर 52 रन बना लिए थे जिससे पांचवें दिन उसे जीत के लिए 200 रन बनाने होंगे और उसके आठ विकेट बाकी हैं। पुखराज मान 17 और रात्रिप्रहरी सिद्धार्थ कौल दो रन बनाकर क्रीज पर मौजूद हैं। 2020 रणजी चैम्पियन सौराष्ट्र शनिवार को जीत के लिए पूरी कोशिश करेगा। वहीं पंजाब को सेमीफाइनल में पहुंचने के लिए विशेष बल्लेबाजी की जरूरत होगी। सौराष्ट्र ने पंजाब के सलामी बल्लेबाज प्रभसिमरन सिंह और नमन धीर को आउट कर सफलता हासिल की थी। इन दोनों ने पहली पारी में शतक जड़कर पंजाब को 431 रन बनाने में मदद की थी। बाएं हाथ के स्पिनर पार्थ भुत ने पहले धीर को आउट किया और फिर स्टंप से पहले अंतिम ओवर में प्रभसिमरन उनका दूसरा शिकार बने।
मध्यप्रदेश ने आंध्र को किया पस्त
सलामी बल्लेबाज यश दुबे और रजत पाटीदार के अर्धशतकों के दम पर गत चैम्पियन मध्य प्रदेश ने गजब का प्रदर्शन करते हुए आंध्र को पांच विकेट से हराकर रणजी ट्राफी सेमीफाइनल में प्रवेश किया। मध्य प्रदेश पहली पारी के हिसाब से 151 रन से पिछड़ रहा था और उसने गुरूवार को तीसरे दिन वापसी की तथा आंध्र को दूसरी पारी में महज 93 रन पर समेट दिया। इस तरह मध्य प्रदेश को जीत के लिए 245 रन का लक्ष्य मिला और उसने गुरुवार को बिना विकेट गंवाए 58 रन बना लिए थे। फिर शुक्रवार को उसने 61 ओवर में बचे हुए 187 रन बनाकर एक दिन पहले ही मैच जीत लिया। इस तरह आंध्र के कप्तान हनुमा विहारी की चोटिल कलाई के बावजूद एक हाथ से बल्लेबाजी करने की साहसिक पारी भी टीम के लिए काम नहीं आ सकी और मध्य प्रदेश ने 77 ओवर में पांच विकेट पर 245 रन बनाकर सेमीफाइनल में जगह बनाई। मध्य प्रदेश का सामना अब आठ फरवरी को बंगाल से होगा। पिछले सीजन भी सेमीफाइनल में यह दो टीमें भिड़ी थीं।
बंगाल ने झारखंड को दी करारी शिकस्त
बंगाल ने भी अपने क्वार्टरफाइनल मैच में झारखंड को नौ विकेट से करारी शिकस्त देकर लगातार तीसरी बार रणजी ट्रॉफी के सेमीफाइनल में प्रवेश किया। बंगाल 2019-20 में फाइनल में पहुंचा था। कोविड के कारण रणजी ट्रॉफी का एक सत्र नहीं होने के बाद वह पिछले सत्र में सेमीफाइनल में पहुंचा था जहां उसे बाद में मध्य प्रदेश ने हराया था। इस बार भी सेमीफाइनल में बंगाल का मुकाबला मध्य प्रदेश से ही होगा। झारखंड ने सुबह अपनी दूसरी पारी सात विकेट पर 162 रन से आगे बढ़ाई। सुप्रियो चक्रवर्ती (41) की अगुआई में उसके निचले क्रम के बल्लेबाजों ने 15 ओवर खेलकर बंगाल का इंतजार बढ़ाया। झारखंड की टीम आखिर में 221 रन पर आउट हो गई। बंगाल को इस तरह से 67 रन का लक्ष्य मिला जो उसने एक विकेट खोकर हासिल कर जीत अपने नाम की।
कर्नाटक ने उत्तराखंड को बुरी तरह धोया
आठ बार की चैम्पियन कर्नाटक की टीम ने क्वार्टरफाइनल में उत्तराखंड को पारी और 281 रन से हराकर रणजी ट्रॉफी के सेमीफाइनल में एंट्री की। फॉलोआन के बाद अपने कल के स्कोर तीन विकेट पर 106 रन से आगे खेलते हुए उत्तराखंड के बल्लेबाज 103 रन ही जोड़ सके। पूरी टीम चौथे दिन 73.4 ओवर में 209 रन पर आउट हो गई। कर्नाटक ने श्रेयस गोपाल के नाबाद 161 रन की बदौलत पहली पारी में 606 रनों का विशाल स्कोर खड़ा किया था। गोपाल ने उत्तराखंड की दूसरी पारी में 26 रन देकर तीन विकेट भी लिए थे। गोपाल के अलावा विजयकुमार विशाख ने तीन, वी कावेरप्पा और एम वेंकटेश ने दो-दो विकेट झटके थे। टॉस जीतकर गेंदबाजी का फैसला करने वाली कर्नाटक की टीम ने उत्तराखंड को पहली पारी में 116 रन पर समेट दिया था। वेंकटेश ने 36 रन देकर पांच विकेट लिए थे। कर्नाटक ने आखिरी बार 2014-15 में रणजी खिताब जीता था।