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अब क्यों नहीं हो रहे सचिन, सहवाग, गांगुली जैसे पार्ट टाइमर? राहुल द्रविड़ ने बताया इसका कारण

भारतीय टीम मैनेजमेंट पिछले कुछ सालों से ऑलराउंडर्स पर ज्यादा फोकस कर रहा है। ऐसे में अक्सर यह सवाल अब उठता है कि आखिर अब टीम इंडिया के अंदर सचिन, सहवाग, गांगुली और युवराज जैसे पार्ट टाइम गेंदबाज क्यों नहीं आ रहे?

Written By: Priyam Sinha @PriyamSinha4
Published on: September 21, 2023 23:35 IST
Rahul Dravid- India TV Hindi
Image Source : PTI Rahul Dravid

भारतीय क्रिकेट में पिछले कुछ समय से एक सवाल उठ रहा है। कई भारतीय फैंस, क्रिकेट एक्सपर्ट्स के मन में भी यह सवाल उमड़ता रहता है। यह सवाल है टीम इंडिया के अंदर विलुप्त होते जा रहे पार्ट टाइम गेंदबाजों को लेकर। एक समय टीम में सचिन तेंदुलकर, वीरेंद्र सहवाग, सौरव गांगुली, युवराज सिंह जैसे 5वें, छठे और 7वें गेंदबाज के विकल्प मौजूद रहते थे। पर इन दिनों टीम के पास ऐसे विकल्पों की कमी हो गई है। करियर के शुरुआती दौर में विराट कोहली और रोहित शर्मा जैसे खिलाड़ी भी गेंदबाजी करते थे, पर अब ऐसा देखने को नहीं मिलता है। इसको लेकर टीम इंडिया के मौजूदा कोच और पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ ने बयान दिया है।

भारतीय टीम मैनेजमेंट पिछले कुछ सालों से ऑलराउंडर्स पर ज्यादा फोकस कर रहा है। वहीं बीते सालों में गेंदबाजी के इतने विकल्प होते थे कि टीम की बल्लेबाजी में काफी गहराई देखने को मिलती थी। इन दिनों भारतीय टीम अक्षर पटेल या वाशिंगटन सुंदर जैसे खिलाड़ियों को लेकर इसलिए बेताब रहती है क्योंकि बल्लेबाज इतनी गेंदबाजी नहीं कर रहे हैं और पुछल्ले बल्लेबाज बल्ले से अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे में बैलेंस बनाने के लिए इन जैसे खिलाड़ियों को बढ़ावा दिया जा रहा है। टीम इंडिया के हेड कोच राहुल द्रविड़ ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले वनडे से पूर्व प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस मुद्दे के पीछे का एक बड़ा कारण बताया है।

इस कारण से नहीं मिल रहे पार्ट टाइम गेंदबाज

राहुल द्रविड़ इस मुद्दे को लेकर बोले कि, मुझे लगता है कि ऐसा नियम बदलने की वजह से शायद हुआ है। अचानक से ही आप सर्कल के अंदर चार फील्डर्स से पांच फील्डर्स को रखने लगे। मुझे लगता है कि इससे पार्ट टाइम गेंदबाज की मिडिल ओवर्स में गेंदबाजी करने की काबिलियत में बदलाव हुआ है। अगर आप याद करो और सचिन, सौरव, सहवाग, युवराज, रैना की गेंदबाजी का जिक्र इस चरण में करो तो इनमें से ज्यादातर खिलाड़ियों ने तब गेंदबाजी शुरु की जब सर्कल में केवल चार फील्डर होते थे। पर आज की परिस्थिति में आप पार्ट टाइम गेंदबाज गंवा सकते हैं और ऐसा हमारे साथ ही नहीं हुआ बल्कि काफी टीमों ने ऐसा किया। अगर आप ध्यान दें तो अन्य टीमों में भी पार्ट टाइम गेंदबाजों की संख्या में कमी आई है। ऐसा सिर्फ भारतीय टीम में ही नहीं हुआ है।

संदिग्ध गेंदबाजी एक्शन में फंसे थे यह बल्लेबाज

आपको बता दें कि कुछ वर्ष पहले सूर्यकुमार यादव को मुंबई इंडियंस के मैच के दौरान संदिग्ध गेंदबाजी एक्शन के लिए बुलाया गया था जिसके बाद से उन्होंने कभी गेंदबाजी नहीं की। उनसे पहले शिखर धवन कभी कभार ऑफ स्पिन किया करते थे लेकिन घरेलू क्रिकेट में उन्हें भी संदिग्ध एक्शन के लिए बुलाया गया और इसके बाद उन्होंने गेंदबाजी बिलकुल बंद ही कर दी। 

वहीं अगर बीते समय की बात करें तो सचिन तेंदुलकर ने 154 वनडे विकेट झटके। सौरव गांगुली ने भी 100 विकेट झटके और युवराज सिंह की गेंदबाजी ने भारत को 2011 विश्व कप जिताने में अहम भूमिका निभाई। युवी ने 111 विकेट वनडे में हासिल किए। ये सभी स्पेशलिस्ट बल्लेबाज भी थे जो टॉप फाइव में बल्लेबाजी करते थे। इसके अलावा वीरेंद्र सहवाग ने भी 96 विकेट झटके और सुरेश रैना ने 36 विकेट अपने नाम किए। 

(Input PTI)

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