इंग्लैंड के खिलाफ खेले जा रहे पांचवें मुकाबले में टीम इंडिया काफी अच्छी स्थिति में है। पहले दिन इंग्लैंड की टीम को 218 के स्कोर पर ऑलआउट करने के बाद टीम इंडिया रोहित शर्म और यशस्वी जयसवाल ने तीसरे सेशन में तेज अर्द्धशतक के साथ अपना दबदबा बनाया। इस मुकाबले में इंग्लिश टीम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसाल लिया था। इस दौरान भारतीय स्पिन गेंदबाजों ने कमाल का प्रदर्शन किया।
भारतीय तिकड़ी ने किया कमाल
कुलदीप यादव पांच बड़े विकेटों के साथ सबसे बेस्ट गेंदबाज बनकर उभरे और फिर अनुभवी रविचंद्रन अश्विन ने भी अपना कमला दिखाया और चार विकेट हासिल किए। रवींद्र जड़ेजा ने भी जो रूट के अहम विकेट के साथ योगदान दिया , जिससे स्पिनरों के लिए दस विकेट हो गए। पिछले 48 सालों में यह पहली बार है, जब भारतीय स्पिनर किसी टेस्ट पारी के पहले दिन ही सभी दस विकेट हासिल करने में सफल रहे। पिछली बार साल 1976 में ऑकलैंड में न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट के पहले दिन भारतीय स्पिनरों ने सभी दस विकेट लिए थे। वहीं भारतीय स्पिनरों ने आखिरी बार घरेलू टेस्ट के पहले दिन 1973 में चेन्नई में इंग्लैंड के खिलाफ दस विकेट लिए थे।
धर्मशाला में पहली बार हुआ ऐसा
इस बीच, 56 प्रथम श्रेणी टेस्ट मैचों में यह पहली बार है जब धर्मशाला के हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम में स्पिनरों ने एक पारी में सभी दस विकेट लिए। इस मुकाबले में कुलदीप ने 50 टेस्ट विकेट पूरे किए और इस उपलब्धि तक पहुंचने के लिए सबसे कम गेंद फेंकने वाले सबसे तेज भारतीय बन गए। मैच के बाद कुलदीप ने खुलासा किया कि उन्हें गुरुवार को एचपीसीए स्टेडियम में दोनों तरफ से ड्रिफ्ट मिल रही थी, जिससे उन्हें नियंत्रण हासिल करने में मदद मिली। पहले दिन स्टंप्स के बाद कुलदीप यादव ने कहा कि मैं दोनों तरफ ड्रिफ्ट का अच्छा इस्तेमाल कर रहा था। मुझे बहुत खुशी है कि हम उन्हें 218 रन पर आउट करने में सफल रहे क्योंकि यह एक अच्छा विकेट है।
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