भारत के युवा ओपनिंग बल्लेबाज पृथ्वी शॉ का करियर पिछले 1 साल से पूरी तरह पटरी से उतरा हुआ है। टीम इंडिया से 2021 के बाद से ही बाहर होने वाले शॉ अब घरेलू क्रिकेट में भी अच्छा प्रदर्शन करने में नाकाम ही रहे हैं। वहीं इस खिलाड़ी का आईपीएल 2023 भी बेहद खराब रहा। लेकिन इसके बावजूद शॉ ने एक बड़ा बयान दिया है।
शॉ ने दिया बड़ा बयान
अपने करियर की शानदार शुरुआत के बाद पृथ्वी शॉ अब भारतीय टीम में जगह बनना की दौड़ में काफी पिछड़ गए हैं लेकिन मुंबई के इस युवा खिलाड़ी ने कहा कि वह नेशनल टीम में अपनी जगह वापस हासिल करने के लिए अपने स्वाभाविक ‘आक्रामक’ खेल पर भरोसा करना जारी रखेंगे। शॉ ने भारत के लिए अपना पिछला मैच जुलाई 2021 में कोलंबो में श्रीलंका के खिलाफ टी20 अंतरराष्ट्रीय मुकाबले में खेला था। शॉ ने सेंट्रल जोन और वेस्टर्न जोन के बीच खेले गए दलीप ट्रॉफी के मैच के बाद कहा कि व्यक्तिगत तौर पर मैं ऐसा नहीं मानता हूं कि मुझे अपने खेल में बदलाव करने की जरूरत है। हां, मैं अपने खेल में समझदारी के साथ सुधार कर सकता हूं। मैं (चेतेश्वर) पुजारा सर की तरह बल्लेबाजी नहीं कर सकता या पुजारा सर मेरी तरह बल्लेबाजी नहीं कर सकते।
करता रहूंगा ऐसी ही बल्लेबाज
वेस्ट जोन के इस ओपनिंग बल्लेबाज ने कहा कि मैं उसी चीज को करने की कोशिश कर रहा हूं जिसकी मदद से यहां तक पहुंचा हूं। उदाहरण के तौर पर मेरी आक्रामक बल्लेबाजी। मैं इस में बदलाव नहीं करना चाहता हूं। शॉ ने कहा कि वह अपने करियर के इस चरण में अधिक से अधिक मैच खेलना चाह रहे हैं। इस 23 वर्षीय खिलाड़ी ने कहा कि भारतीय टीम में वापसी की कोशिश के तहत उनके लिए हर रन बहुत महत्वपूर्ण होगा। इस खिलाड़ी ने कहा कि मुझे लगता है कि इस समय मुझे जिस मैच में भी खेलने का मौका मिला रहा है वह मेरे लिए काफी अहम है। मैं दलीप ट्रॉफी में खेलूं या मुंबई के लिए मैच खेलूं, मुझे लगता है कि मेरे लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना बहुत महत्वपूर्ण है।
दलीप ट्रॉफी में भी रहे फेल
शॉ हालांकि दलीप ट्रॉफी के सेमीफाइनल की दोनों पारियों में अच्छी शुरुआत को बड़े स्कोर में बदलने में नाकाम रहे। उन्होंने 25 और 26 रन की पारी खेली। शॉ ने कहा कि यहां बल्लेबाजों के लिए परिस्थितियां चुनौतीपूर्ण थीं लेकिन उनके पास इससे निपटने के लिए योजना थी। उन्होंने कहा कि यह संभव नहीं है कि आप हमेशा परफेक्ट रहे। इस तरह की चीजें होने (रन नहीं बनने) के बाद मैं और अधिक मेहनत करने की कोशिश करता हूं। टी20 थोड़ा अधिक आक्रामक रवैया अपनाना होता है, लेकिन मानसिकता ऐसी ही होती है।