पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) के अंदर पिछले कुछ दिनों में काफी बदलाव देखने को मिले हैं। पूर्व चेयरमैन रमीज राजा और चीफ सेलेक्टर मोहम्मद वसीम को बर्खास्त कर दिया गया था। इसके बाद बोर्ड का कार्यभार संभालने के लिए पूर्व चेयरमैन नजम सेठी की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई गई है। यानी एक तरह से सेठी ही पीसीबी के कार्यकारी अध्यक्ष की भूमिका निभा रहे हैं। वहीं उनकी नियुक्ति के बाद शाहिद अफरीदी को बोर्ड का अंतरिम चीफ सेलेक्टर बनाया गया। उनकी सेलेक्शन कमेटी में अब्दुल रज्जाक और राव इफ्तिखार अंजुम भी शामिल हैं।
शाहिद अफरीदी ने चीफ सेलेक्टर का कार्यभार संभालते ही कई कड़े फैसले लेना भी शुरू कर दिया। उन्होंने न्यूजीलैंड टेस्ट सीरीज के लिए चुने गए स्क्वॉड में मैच के एक दिन पहले बदलाव किया। वहीं उन्होंने युवा खिलाड़ियों के एक्सपोजर को लेकर भी जोर देना शुरू कर दिया। इसके बाद पाकिस्तान के पूर्व कप्तान ने अब एक और बड़ा फैसला लिया है। उन्होंने भारतीय क्रिकेट टीम की नकल करते हुए अपने देश में भी एक समय पर दो टीमें तैयार रखने पर जोर दिया। आपको बता दें कि पिछले कुछ समय में टीम इंडिया को एक ही समय पर दो अलग-अलग टीम बनाते देखा गया है।
BCCI की राह पर शाहिद अफरीदी
शाहिद अफरीदी ने मीडिया से बात करने के दौरान इसको लेकर बयान दिया और कहा कि, बेंच स्ट्रेंथ में सुधारने के लिए मैं अपना कार्यकाल समाप्त होने से पहले पाकिस्तान के लिए दो टीमें तैयार करना चाहता हूं। अफरीदी ने यह भी बताया कि, पाकिस्तान क्रिकेट में कम्युनिकेशन गैप का एक बड़ा मुद्दा है। मैंने यहां जो बड़ी समस्या देखी है, वह प्रबंधन, डॉक्टरों और चयन समिति के बीच कम्युनिकेशन गैप की है। वह बोले कि, मैं हूं या कोई और एक मुख्य चयनकर्ता के लिए खिलाड़ियों के साथ सीधे संपर्क में रहना महत्वपूर्ण है। जब मैंने हारिस सोहेल और फखर जमां से बात की तो मुझे मुद्दे के बारे में का पता चला और फिर मैंने उन्हें फिटनेस टेस्ट के लिए बुलाया और खुद उनका टेस्ट लिया।
गौरतलब है कि साल 2021 में जब भारतीय टीम इंग्लैंड के दौरे पर थी और कोरोना के कारण आवाजाही के कई प्रोटोकॉल थे। उस समय बीसीसीआई ने एक सीनियर टीम विराट कोहली की कप्तानी में इंग्लैंड टेस्ट के लिए भेजी थी जिसके कोच रवि शास्त्री थे। वहीं उसके बाद श्रीलंका में वनडे व टी20 सीरीज के लिए शिखर धवन की कप्तानी में एक युवा टीम भेजी गई थी जिसका कोच तत्कालीन एनसीए चीफ राहुल द्रविड़ को बनाया गया था। यानी एक समय पर दो टीमें अलग-अलग दौरों पर थीं। उसके बाद इस प्रैक्टिस को खिलाड़ियों और सपोर्ट स्टाफ के भी वर्कलोड मैनेजमेंट का हिस्सा बना लिया गया।