पाकिस्तान में अगले साल चैंपियंस ट्रॉफी का आयोजन होना है। इस टूर्नामेंट के जरिए पाकिस्तान लंबे समय बाद किसी ICC टूर्नामेंट की मेजबानी करेगा। ऐसे में पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड यानी PCB ICC चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के आयोजन के लिए पैसे जुटाने में लगा है। पाकिस्तान के क्रिकेट बोर्ड की हालत किसी से छुपी नहीं है। यही वजह है कि बोर्ड अलग-अलग तरीकों से पैसा इकट्ठा करने में लगा है ताकि चैंपियंस ट्रॉफी का आयोजन तय समय पर हो सके।
दरअसल, पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने अपने एक ऐतिहासिक स्टेडियम के नाम को बेचने का फैसला किया है। ये स्टेडियम कोई और नहीं बल्कि लाहौर का गद्दाफी स्टेडियम है जिसकी पाकिस्तान क्रिकेट में खास अहमियत है। PCB ने गद्दाफी स्टेडियम के नामकरण राइट्स एक प्राइवेट बैंक को 5 साल के लिए बेच दिए हैं। ये सौदा 1 बिलियन पाकिस्तानी रुपये में हुआ है। हालांकि PCB ने इस डील को लेकर अभी तक कोई आधिकारिक ऐलान नहीं किया है लेकिन ये साफ है कि अब गद्दाफी स्टेडियम भी कराची के नेशनल स्टेडियम की तरह बैंक के नाम से जाना जाएगा।
ऐसे पड़ा था लाहौर स्टेडियम का नाम
न्यूज एजेंसी पीटीआई को एक अंदरूनी सूत्र ने बताया कि यह डील एक अरब पाकिस्तानी रुपये में हुई है, जबकि कराची स्टेडियम के नामकरण राइट्स 450 मिलियन डॉलर में बेचे गए थे। बता दें, लाहौर के स्टेडियम का नाम साल 1974 में लीबिया के नेता मुअम्मर गद्दाफी के नाम पर रखा गया था। पाकिस्तान में स्टेडियम के नामकरण राइट्स बेचने की परंपरा पीसीबी के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व कप्तान रमीज राजा ने शुरू की थी। साल 2021 में राजा के कार्यकाल के दौरान कराची स्टेडियम का सौदा पूरा हुआ था। यही कारण है कि कराची के मशहूर नेशनल स्टेडियम को अब नेशनल बैंक क्रिकेट एरिना के नाम से जाना जाता है।
पीसीबी स्टेडियमों के नाम इसलिए बेच रहा है ताकि इसके बदले में मिले पैसे से ICC चैंपियंस ट्रॉफी 2025 तक देश के तीन मुख्य स्टेडियमों को इंटरनेशनल लेवल का बनाया जा सके। हालांकि अभी तक ये साफ नहीं हो पाया है कि चैंपियंस ट्रॉफी में हिस्सा लेने के लिए भारतीय टीम पाकिस्तान जाएगी या नहीं।
(Inputs- PTI)
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