पाकिस्तान की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही। बाबर आजम की कप्तानी में पाकिस्तानी टीम इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज पहले ही गंवा चुकी है। मुल्तान में हुए दूसरे टेस्ट में उसे 26 रन से शिकस्त मिली जिसके बाद वह सीरीज में 0-2 से पिछड़ गई जहां से बराबरी करना नामुमकिन है। इस फैसले के आने के तुरंत बाद सीरीज से जुड़े पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के कारगुजारियों का भी पर्दाफाश हो गया है। उसने जिस तरह से सीरीज के आगाज की योजना बनाई उसे आईसीसी ने गलत बताया है। रावलपिंडी में हुए पहले टेस्ट में पाकिस्तान ने अपने मन मुताबिक खेल के लिए जिस तरह की योजना बनाई वह आईसीसी के रेफरी को नागवार गुजरी है। पाकिस्तानी टीम के लिए दोहरी मार यह है कि इसके बावजूद उसे पहले टेस्ट में हार मिली।
रावलपिंडी की पिच पर लगा जुर्माना
आईसीसी ने मंगलवार को इंग्लैंड और पाकिस्तान के बीच रावलपिंडी में खेले गए पहले टेस्ट की पिच को औसत से नीचे करार दिया है जिस पर गेंदबाजों को कोई मदद नहीं मिली। उस मैच में सात शतक लगे और इंग्लैंड ने पहले ही दिन चार विकेट पर 506 रन बनाने के बाद 74 रन से जीत दर्ज की। इंग्लैंड ने मैच में चार विकेट पर 657 रन बनाये। पाकिस्तानी क्यूरेटर के द्वारा बनाई गई इस पिच की आलोचना की जा रही है। रावलपिंडी स्टेडियम स्टेडियम को एक डिमेरिट अंक भी झेलना पड़ा है। बता दें कि आठ महीने के भीतर दूसरी बार स्टेडियम को डिमेरिट अंक दिया गया है।
रावलपिंडी स्टेडियम को दूसरी बार मिला डिमेरिट अंक
पाकिस्तान और आस्ट्रेलिया के बीच मार्च में हुए पहले टेस्ट में भी पिच को औसत से नीचे बताया गया था। आईसीसी द्वारा जारी मीडिया एडवाइजरी के मुताबिक, ‘‘आईसीसी एलीट पेनल के मैच रैफरी एंडी पायक्राफ्ट ने रावलपिंडी क्रिकेट स्टेडियम की पिच को औसत से नीचे करार दिया है। आईसीसी पिच और आउटफील्ड मॉनिटरिंग प्रोसेस के तहत इस पर एक डिमेरिट अंक लगायागया।” पायक्राफ्ट ने अपने आकलन में कहा, ‘‘इस पिच से गेंदबाजों को किसी तरह की मदद नहीं मिली। यही वजह है कि बल्लेबाजों ने तेजी से और काफी रन बनाए। मैच के दौरान पिच टूटी भी नहीं।’’
पीसीबी के सुझाव से बनी पिच पर हारा पाकिस्तान!
बता दें कि पिच के औसत से नीचे होने पर स्टेडियम को एक डिमेरिट अंक झेलना पड़ता है जबकि पिच खराब या अनफिट करार दिए जाने पर तीन और पांच डिमेरिट अंक लगाये जाते हैं। कुल पांच डिमेरिट अंक होने पर मैदान एक साल तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की मेजबानी नहीं कर सकता और 10 डिमेरिट अंक होने पर निलंबन दो साल का होता है। यह जानना जरूरी है कि किसी पिच को सिर्फ मेजबान देश का क्रिकेट बोर्ड तैयार करवाता है। जाहिर है रावपिंडी की पिच के मिजाज को पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के सुझाव के मुताबिक ही तैयार किया गया होगा। यानी पाकिस्तान की हार और स्टेडियम पर लगे डिमेरिट अंक के लिए पीसीबी को भी गुनहगार माना जा सकता है।