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On This Day: नहीं भूल पाएंगे एमएस धोनी का वो सिक्स! 12 साल बाद भी अमर है टीम इंडिया की विजय गाथा

On This Day: टीम इंडिया ने 2 अप्रैल 2011 को एमएस धोनी की कप्तानी में वनडे वर्ल्ड कप का खिताब अपने नाम किया था।

Written By: Priyam Sinha @PriyamSinha4
Published on: April 02, 2023 7:28 IST
2011 वर्ल्ड कप विनिंग टीम...- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV 2011 वर्ल्ड कप विनिंग टीम इंडिया

भारतीय क्रिकेट के मॉडर्न इतिहास में 2 अप्रैल का दिन मानो अमर हो गया है। इस दिन टीम इंडिया ने 2011 में एमएस धोनी की कप्तानी वनडे वर्ल्ड कप का खिताब जीता था। 1983 में कपिल देव की कप्तानी में चैंपियन बनने के बाद देश ने 28 साल इंतजार किया फिर एमएस धोनी ने एक विजयी सिक्स लगाकर इसे खत्म किया था। नुवान कुलासेकरा की गेंद पर लॉन्ग ऑन के ऊपर से धोना का वो सिक्स आज भी सच्चे क्रिकेट फैन के रोंगटे खड़े कर देता है। 12 साल हो गए हैं और अभी तक वो पल हर भारतीय क्रिकेट फैन के दिल में जिंदा होगा। इसलिए हम भी कहते हैं कि, नहीं भूल पाएंगे वो दिन...!

भारतीय क्रिकेट के इतिहास में 2 अप्रैल 2011 की तारीख एक खास मुकाम रखती है। टीम इंडिया ने इस ऐतिहासिक दिन पर दूसरी बार ICC वर्ल्ड कप का खिताब अपने नाम किया था। महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी वाली टीम इंडिया ने फाइनल में श्रीलंका को 6 विकेट से हराते हुए अपनी सरजमीं पर पहली बार वर्ल्ड कप जीता था। इससे पहले टीम इंडिया साल 1983 में कपिल देव की कप्तानी में वर्ल्ड चैंपियन बनी थी लेकिन भारत को दूसरा खिताब जीतने में 28 साल का लंबा वक्त लग गया। 2011 वर्ल्ड कप कई वजहों से भारतीय फैंस के लिए खास रहा। पहला ये कि भारतीय टीम ने पहली बार घरेलू सरजमीं पर वर्ल्ड कप का खिताब अपने नाम किया। दूसरी खास बात ये रही कि भारत के महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर का वर्ल्ड कप जीतने का सपना आखिरकार साकार हो गया था।

फाइनल मैच की तस्वीर

Image Source : GETTY IMAGES
फाइनल मैच की तस्वीर

फाइनल में श्रीलंका से हुई टक्कर

वर्ल्ड कप का आगाज 19 फरवरी 2011 को मेजबान भारत और बांग्लादेश के बीच मैच के साथ हुआ था। इस टूर्नामेंट की संयुक्त मेजबानी भारत, बांग्लादेश और श्रीलंका ने की थी। बांग्लादेश के खिलाफ पहले मैच में भारतीय टीम ने जो विजयी शुरुआत की वह श्रीलंका के खिलाफ फाइनल मैच में खिताबी जीत पर आकर रुकी थी। वर्ल्ड कप फाइनल मुकाबला मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में खेला गया था। इस मैच में श्रीलंकाई टीम टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने मैदान पर उतरी। इस दौरान श्रीलंकाई टीम को भारतीय गेंदबाजों ने शुरुआती झटके दिए लेकिन अनुभवी बल्लेबाज महेला जयवर्धने एक छोर पर डटे रहे और उन्होंने 88 गेंदों में 103 रनों की शतकीय पारी खेली। जयवर्धने की इस शतकीय पारी की बदौलत ही श्रीलंका की टीम भारत के सामने निर्धारित 50 ओवरों में 274 रनों का स्कोर खड़ा कर पाई।

सचिन तेंदुलकर और वीरेंद्र सहवाग जल्दी आउट हुए

Image Source : GETTY IMAGES
सचिन तेंदुलकर और वीरेंद्र सहवाग जल्दी आउट हुए

सचिन-सहवाग की जोड़ी ने डराया

श्रीलंका के 275 रनों के स्कोर के जवाब में उतरी भारतीय टीम की शुरुआत लड़खड़ा गई और दोनों ओपनर सचिन तेंदुलकर(18) व वीरेंद्र सहवाग (0) को लसिथ मलिंगा ने वापस पवेलियन भेज दिया। इन दोनों के विकेट गिरने के बाद दर्शकों में मायूसी छा गई लेकिन दूसरे छोर पर गौतम गंभीर अपना खूंटा गाड़े रहे। इसके बाद गंभीर और विराट कोहली (35) ने तीसरे विकेट के लिए 83 रनों की साझेदारी कर भारतीय उम्मीदों को फिर से जगाया। फिर पारी के 22वें ओवर में कोहली भी आउट हो गए। इसके बाद पांचवें नंबर पर धोनी ने युवराज को ना भेजकर खुद आने का फैसला किया। गौतम गंभीर के साथ माही टीम इंडिया के संकटमोचक बने। दोनों ने चौथे विकेट के लिए 109 रनों की साझेदारी कर मैच को पूरी तरह से भारत की झोली में डाल दिया। गंभीर हालांकि शतक से चूक गए लेकिन उनका वो योगदान अविस्मरणीय हो गया। उन्होंने 122 गेंदों पर 97 रनों की शानदार पारी खेली थी। 

गौतम गंभीर का रहा महत्वपूर्ण योगदान

Image Source : GETTY IMAGES
गौतम गंभीर का रहा महत्वपूर्ण योगदान

फिर आया वो सुनहरा लम्हा...

इसके बाद वो सुनहरा लम्हा हर क्रिकेट फैन की आंखों के सामने आया जिसको याद करके आज भी कई खुश हो जाते होंगे तो कईयों की आंखें खुशी के कारण नम भी हो जाती होंगी। विश्व कप के फाइनल मैच में कमेंटेटर की वह आवाज जिसमें धोनी के छक्के का और टीम इंडिया के वर्ल्ड चैंपियन बनने का जिक्र था, शायद ही किसी भारतीय फैन के दिल और दिमाग से निकल पाई हो। पूरे वर्ल्ड कप में भारतीय कप्तान फ्लॉप रहे थे लेकिन फाइनल में धोनी ने 79 गेंदों का सामना करते हुए 91 रन बनाए थे जिसमें 8 चौके और दो छक्के शामिल रहे। इसमें धोनी का दूसरा छक्का भारतीय टीम के लिए वियजी शॉट था और इसी के साथ भारत ने 10 गेंद शेष रहते ही 6 विकेट से यह मैच अपने नाम कर लिया था। उनका वो विजयी सिक्स आज भी हर भारतीय क्रिकेट फैन को भाव-विभोर कर देता है।

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