Indore Nehru Stadium IND vs SL ODI Match : टीम इंडिया न्यूजीलैंड के खिलाफ आखिरी वन डे मैच खेलने के लिए इंदौर में उतरने वाली है। ये मैच होल्कर स्टेडियम में खेला जाना है। साल 2006 में टीम इंडिया पहली बार इस मैदान पर खेलने के लिए उतरी थी। हालांकि क्रिकेट फैंस जानते ही होंगे कि इंदौर और इंटरनेशनल क्रिकेट का रिश्ता काफी पुराना है। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि होल्कर स्टेडियम से पहले इंदौर के एक और स्टेडियम में मैच हुआ करते थे, ये था नेहरु स्टेडियम। नेहरु स्टेडियम में साल 1983 में वेस्टइंडीज के खिलाफ पहला वन डे मुकाबला खेला गया था। ये वही साल है, जब टीम इंडिया ने इंग्लैंड में वेस्टइंडीज को हराकर पहला वन डे विश्व कप जीता था, उस वक्त भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान कपिल देव हुआ करते थे। इसके बाद नेहरु स्टेडियम पर लगातार मैच होते रहे। लेकिन साल 1997 में ऐसी घटना हुई, जिसने क्रिकेट फैंस के चेहरे पर मासूसी ला दी। खास बात ये है कि ये मैच तो अधूरा रह गया, लेकिन इसी मैच के बाद इंदौर में नए क्रिकेट स्टेडियम की कवायद शुरू हुई, जो बाद में होल्कर स्टेडियम के रूप में हमारे सामने है। लेकिन आपको ये भी आज जरूर जानना चाहिए कि आखिर साल 1997 में हुआ क्या था।
इंदौर के नेहरु स्टेडियम में तीन ओवर बाद ही मैच कर दिया गया था रद
साल था 1997 और तारीख 25 दिसंबर। यानी बड़ा दिन क्रिसमस। भारत और श्रीलंका के बीच खेली जा रही वन डे सीरीज के दूसरे मैच की मेजबानी इंदौर के नेहरु स्टेडियम को मिली। सब कुछ ठीकठाक था, भारतीय टीम की कमान सचिन तेंदुलकर के हाथ में थी और श्रीलंका की कप्तानी अर्जुन राणातुंगा कर रहे थे। श्रीलंकाई कप्तान ने टॉस जीता और पहले बल्लेबाजी का फैसला किया। मैच शुरू होता है और पहला ओवर लेकर आए भारत के तेज गेंदबाज जवागल श्रीनाथ। वहीं श्रीलंका की ओर से पारी की शुरुआत करने उतरे सनथ जयसूर्या और रोमेश कालुवितरणा। श्रीनाथ के पहले ओवर की चौथी ही गेंद पर रोमेश कालुवितरणा क्लीन बोल्ड हो गए। उन्होंने तीन ही गेंदें खेली और खाता भी नहीं खोल पाए थे। तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करने उतरे रोशन महानामा। इस बीच दूसरा ओवर लेकर आए राजेश चौहान। कप्तान सचिन तेंदुलकर ने दूसरे ही ओवर में स्पिनर से गेंदबाजी करवा दी। इस बीच सनथ जयसूर्या ने सात गेंद पर छह रन बनाए और रोशन महानामा ने नौ गेंद पर पांच रन बना दिए। तीसरा ओवर लेकर फिर से जवागल श्रीनाथ आए। लेकिन इसी बीच जब दूसरा और तीसरा ओवर चल रहा था, पिच में कुछ गड़बड़ी नजर आई। दोनों टीमों के कप्तानों के बीच बात होती है, अंपायर आपस में सलाह करते हैं। मैच रोक दिया जाता है और कुछ ही देर बाद रेफरी अहमद इब्राहिम एक बड़ा फैसला करते हैं। वे कहते हैं कि दोनों कप्तानों को लगा कि पिच खिलाड़ियों के खेलने के लिए खतरनाक है। इसके बाद मैच रैफरी ने मैच को रद्द कर दिया। ये एक बड़ा झटका था। इसके बाद इंदौर के इस स्टेडियम में मैच होने करीब करीब बंद हो गए। लेकिन नए स्टेडियम को बनाने की नींव पड़ने की कवायद शुरू हो गई। कुछ ही समय बाद ऐलान किया गया कि इंदौर में एक नया क्रिकेट स्टेडियम बनाया जाएगा।
इंदौर के होल्कर स्टेडियम में 2006 में खेला गया पहला वन डे इंटरनेशनल मैच
इस भारत बनाम श्रीलंका मैच के बाद साल 2001 में एक और मैच खेला गया, जब भारत और ऑस्ट्रेलिया की टीमें आमने सामने आईं। तब तक टीम इंडिया की कप्तनी सौरव गांगुली के हाथ में आ चुकी थी, वहीं ऑस्ट्रेलिया के कप्तान स्टीव वां थे। टीम इंडिया ने इस मैच में पहले बल्लेबाजी की और सचिन तेंदुलकर के शानदार 139 रनों की पारी की बदौलत आठ विकेट पर 299 रनों का स्कोर खड़ा किया। सचिन के अलावा वीवीएस लक्ष्मण ने भी अर्धशतक लगाया था। 300 रनों के टारगेट का पीछा करने के लिए जब ऑस्ट्रेलियाई टीम उतरी तो 35.5 ओवर में 181 रन पर आउट हो गई। भारत ने इस मैच को 118 रनों के भारी अंतर से जीता। भारत की ओर से अजीत अगरकर और हरभजन सिंह ने तीन तीन विकेट अपने नाम किए, वहीं जवागल श्रीनाथ ने दो खिलाड़ियों को आउट किया। एक विकेट कप्तान सौरव गांगुली को मिला। ये इस नेहरु स्टेडियम पर खेला गया आखिरी वन डे मैच था। इसके बाद करीब पांच साल तक इंदौर में कोई भी वन डे इंटरनेशनल मैच नहीं खेला गया। लेकिन इस बीच होल्कर स्टेडियम बनना शुरू हो गया था और जल्द ही तैयार भी हो गया। साल 2005 की 15 अप्रैल वो तारीख थी, जब इंदौर में फिर से इंटरनेशनल क्रिकेट की वापसी होती है और भारत बनाम इंग्लैंड पहला इंटरनेशनल मैच खेला जाता है। उस वक्त तक टीम इंडिया की कप्तानी की जिम्मेदारी राहुल द्रविड़ के पास आ जाती है। इस मैच में टीम इंडिया इंग्लैंड को सात विकेट से करारी शिकस्त देती है। तब से लेकर आज तक इंदौर में जो भी वन डे मैच हुए हैं, हर मैच में टीम इंडिया ने जीत दर्ज की और पांच वन डे मैच अपने नाम किए हैं। देखना होगा कि इस बार इंदौर के इस मैदान पर टीम इंडिया कैसा प्रदर्शन करती है।