एशिया कप 2023 और 2024 की सूची जारी हो चुकी है। एशियन क्रिकेट काउंसिल के अध्यक्ष जय शाह ने एक बड़ा ऐलान करते हुए बताया कि इस साल होने वाले एशियाई टूर्नामेंट में एक बार फिर से भारत और पाकिस्तान एक ही ग्रुप में रहने वाले हैं। एशिया कप 2023 के आयोजन की जिम्मेदारी पाकिस्तान को सौंपी गई। लेकिन एसीसी के अध्यक्ष जय शाह पहले ही ये साफ कर चुके हैं कि भारतीय टीम पाकिस्तान नहीं जाएगी। अब पीसीबी के नए चीफ नजम सेठी ने शाह पर निशाना साधते हुए एक ट्वीट किया है।
पीसीबी और बीसीसीआई में गहराया तनाव
भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) और पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड) के बीच गहराता तनाव साफ नजर आ रहा है जब पीसीबी प्रमुख नजम सेठी ने एशियाई क्रिकेट परिषद (एसीसी) के दो साल के कैलेंडर की एकतरफा घोषणा करने के लिए बीसीसीआई सचिव जय शाह पर कटाक्ष किया। गुरुवार को शाह ने एसीसी अध्यक्ष के रूप में अपने ट्विटर हैंडल पर 2023 और 2024 कार्यक्रम की घोषणा की। इसमें प्रतिष्ठित एशिया कप को इस साल सितंबर में जगह दी गई है लेकिन विस्तृत कार्यक्रम और मेजबान देश की घोषणा अभी तक नहीं की गई है।
सेठी ने किया ट्वीट
बीसीसीआई के पूर्व अधिकारियों के करीबी माने जाने वाले सेठी ने हालांकि शाह द्वारा सुबह कार्यक्रम जारी करने के बाद तीखी प्रतिक्रिया दी। सेठी ने कटाक्ष करते हुए ट्वीट किया, ‘‘एसीसी पांच और कैलेंडर 2023-24 को एकतरफा रूप से पेश करने के लिए धन्यवाद जय शाह, विशेष रूप से एशिया कप 2023 से संबंधित जिस प्रतियोगिता का मेजबान पाकिस्तान है। जब आप इससे जुड़े हैं तो आप हमारे पीएसएल 2023 के ढांचे और कैलेंडर को भी प्रस्तुत कर सकते हैं।’’ एशिया कप 2023 6 टीमों के बीच खेला जाएगा जिसमें भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश, अफगानिस्तान और एक क्वालीफायर टीम होगी। श्रीलंका एशिया कप का मौजूदा चैंपियन है। उसने यूएई में पिछले साल टी20 फॉर्मेट में खेले गए टूर्नामेंट के फाइनल में पाकिस्तान को हराया था।
यूएई शिफ्ट हो सकता है टूर्नामेंट
भारत इस साल के अंत में वनडे विश्व कप की मेजबानी करेगा और इसी को ध्यान में रखते हुए एशिया कप को उसी फॉर्मेट में आयोजित किया जाएगा। समझा जाता है कि दोनों देशों के बीच मौजूदा जटिल सामाजिक-राजनीतिक परिदृश्य के कारण भारत टूर्नामेंट को यूएई में स्थानांतरित करना चाहता है लेकिन पाकिस्तान का तर्क है कि अगर ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और न्यूजीलैंड सुरक्षा के डर के बिना आकर खेल सकते हैं तो वे एक तटस्थ देश में टूर्नामेंट की मेजबानी क्यों करेंगे।