मुंबई इंडियंस की टीम को सीजन की शुरुआत में जसप्रीत बुमराह और जोफ्रा आर्चर के बिना एक कमजोर गेंदबाजी वाली टीम माना जा रहा था। जैसे-जैसे सीजन आगे बढ़ा वैसे बल्लेबाजों ने टीम की नैया को अपने कंधे पर उठा लिया। इसके बाद जेसन बेहेरेनडार्फ, पीयूष चावला और आकाश मधवाल जैसे गेंदबाजों ने भी टीम के लिए काम आसान करना शुरू कर दिया। यही कारण था कि टीम प्लेऑफ तक पहुंची। एलिमिनेटर में मुंबई ने लखनऊ सुपर जायंट्स को पीटा था उसके बाद क्वालीफायर 2 में टीम गुजरात टाइटंस से हार गई। बिना बुमराह और आर्चर के टीम ने शानदार प्रदर्शन किया। इसको लेकर अब मुंबई के हेड कोच ने बड़ा बयान दिया है।
हेड कोच ने दिया बड़ा बयान
मुंबई के हेड कोच मार्क बाउचर ने क्वालीफायर 2 में टीम की हार के बाद कहा कि, प्रमुख गेंदबाजों के समय रहते फिट नहीं होने पर उनकी टीम विकल्प तलाशेगी। पांच बार की चैम्पियन मुंबई इंडियंस तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह, जोफ्रा आर्चर और झाय रिचर्डसन के इस सत्र में नहीं खेलने के बावजूद प्लेआफ तक पहुंची। बाउचर ने इसे लेकर कहा कि, टीम के प्रदर्शन की समीक्षा बाद में की जाएगी क्योंकि वह अभी विवादों को जन्म नहीं देना चाहते। कई चीजों पर बात करनी होगी लेकिन अभी कुछ कहना बेवकूफी होगी। हमें आत्ममंथन करना होगा। जज्बाती हुए बिना कुछ अच्छे क्रिकेटिया फैसले लेने होंगे। लेकिन जब सब कुछ शांत हो जायेगा और हमें फिटनेस के मामले में कुछ खिलाड़ियों के भविष्य के बारे में पता चल जाएगा।
बुमरा और आर्चर के बिना हमने अच्छी कोशिश की...
बाउचर यहां ही नहीं रुके और उन्होंने आगे कहा कि, हमारे पास गेंदबाजी में दो स्टार खिलाड़ी नहीं थे। हमने इसकी भरपाई करने की भरसक कोशिश की। उम्मीद है कि वे फिट हो जाएंगे। अगर नहीं होते तो हमें विकल्प देखने होंगे। बुमराह और आर्चर के बिना मुंबई के लिए बहुत कठिन था। बुमराह उपलब्ध नहीं था। जोफ्रा भी नहीं और ये दोनों शानदार गेंदबाज हैं। ऐसे गेंदबाजों के बिना आक्रमण कमजोर तो होना ही था। मैं किसी पर दोष नहीं मढ़ रहा। खेल में चोट लगती रहती है और इसका सामना करना पड़ता है।
मुंबई इंडियंस के इस सीजन प्रदर्शन की बात करें तो लीग स्टेज में टीम 14 में से आठ मुकाबले जीतकर 16 अंकों के साथ प्लेऑफ में पहुंच गई। फिर वहां टीम ने एलिमिनेटर में लखनऊ सुपर जायंट्स को बुरी तरह हराया लेकिन क्वालीफायर 2 में टीम गुजरात टाइटंस से 62 रनों से हार गई। इस सीजन टीम के बल्लेबाज खासतौर से सूर्यकुमार यादव, नेहल वढेरा, टिम डेविड और कैमरन ग्रीन ने टीम को कई बार संकट से बाहर निकाला। इसके बाद अंतिम कुछ मैचों में आकाश मधवाल ने गेंदबाजी में कमाल किया। स्पिन की बागडोर पीयूष चावला ने संभाली और 22 विकेट झटके। टीम प्लेऑफ में 6 साल के बाद (2017 के बाद) हारी। आखिरी बार यहां टीम 2017 में हारी थी।