भारतीय टीम की पेस बैट्री में अब एक और नया नाम जुड़ गया है। लंबे समय से मुकेश कुमार को टीम इंडिया के रेड बॉल और व्हाइट बॉल स्क्वॉड में शामिल किया जा रहा था। पर इस बार वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट सीरीज के दूसरे मुकाबले में उन्हें अपनी इंटरनेशनल कैप मिली। अपने इंटरनेशनल डेब्यू मैच में मुकेश कुमार ने अपने 7वें ओवर में ही पहला टेस्ट और पहला इंटरनेशनल विकेट अपने नाम किया। पोर्ट ऑफ स्पेन में जारी दूसरे टेस्ट मैच के तीसरे दिन मुकेश कुमार ने कैरेबियाई डेब्यूटेंट कर्क मैकेंजी को आउट कर अपनी पहली सफलता हासिल की। वहीं भारत की इस प्लेइंग 11 में एक ऐसा गेंदबाज मौजूद है जिसने डेब्यू करने के बाद 12 साल अपने पहले टेस्ट विकेट का इंतजार किया था।
मुकेश कुमार ने जो किया है वो उपलब्धि शायद आम क्रिकेट फैंस के लिए कुछ नहीं होगी, लेकिन बतौर क्रिकेटर वह अब अपना पहला इंटरनेशनल विकेट पूरे करियर के दौरान और उसके बाद भी याद रखेंगे। मुकेश कुमार बिहार के गोपालगंज के रहने वाले हैं। आईपीएल 2023 में उन्होंने दिल्ली कैपिटल्स के लिए 7 विकेट लिए थे। इसके अलावा घरेलू क्रिकेट में भी उनका प्रदर्शन शानदार था जिसकी बदौलत एक साधारण से परिवार और छोटे शहर से आने वाले मुकेश ने टीम इंडिया तक का सफर तय किया। उन्हें इस मुकाबले में अनफिट शार्दुल ठाकुर की जगह शामिल किया गया था।
जयदेव उनादकट ने 12 साल किया था इंतजार
मुकेश कुमार को जहां अपने इंटरनेशनल करियर के पहले टेस्ट मैच और सातवें ओवर में ही पहला विकेट मिल गया। वहीं इस मैच में उनके साथ खेल रहे जयदेव उनादकट को 12 साल तक अपने पहले टेस्ट विकेट का इंतजार करना पड़ा था। दरअसल उनादकट ने साल 2010 में टेस्ट डेब्यू साउथ अफ्रीका के खिलाफ किया था। उस मैच में उन्होंने 26 ओवर गेंदबाजी की लेकिन एक भी विकेट वह नहीं ले पाए थे। उसके बाद वह टीम से बाहर हो गए और उनकी वापसी हुई दिसंबर 2022 में बांग्लादेश के खिलाफ टेस्ट सीरीज में। यहां उन्होंने एक मैच खेला और उसमें तीन विकेट अपने नाम किए। यानी डेब्यू के 12 साल बाद अपने दूसरे टेस्ट में उन्हें सफलता मिल पाई।
फिर विकेट को तरस रहे उनादकट
जयदेव उनादकट की वापसी तो हुई है लेकिन मोहम्मद शमी के रेस्ट के दौरान उनके पास अच्छा मौका था खुद को साबित करने का, लेकिन वह एक भी विकेट नहीं ले पाए। डोमिनिका टेस्ट में विंडीज के खिलाफ वह दोनों पारियों में एक भी विकेट नहीं ले पाए। वहीं पोर्ट ऑफ स्पेन में भी 9 ओवर की गेंदबाजी के बाद वह विकेट के लिए तरसते नजर आए। उनादकट के करियर का यह चौथा टेस्ट मैच है लेकिन वह सिर्फ तीन विकेट ही अभी तक ले पाए हैं। अगर इस बार वह टीम से बाहर हुए तो फिर उनकी वापसी लगभग नामुमकिन हो सकती है।