CSK vs GT MS Dhoni : एमएस धोनी की कप्तानी वाली चेन्नई सुपरकिंग्स यानी सीएसके ने आईपीएल 2023 में शानदार खेल का प्रदर्शन करते हुए एक बार फिर से फाइनल में अपनी जगह पक्की कर ली है। सीएसके की दसवीं बार फाइनल में एंट्री करने में कामयाब रही है। अब सीएसके की खिताबी भिड़ंत किस टीम से होगी, ये अभी तय नहीं है, लेकिन इसके लिए तीन टीमें आपस में जोरआजमाश करेंगी। फाइनल की दूसरी टीम गुजरात टाइटंस होगी या फिर मुंबई इंडियंस, ऐसा भी हो सकता है कि लखनऊ सुपरजायंट्स की टीम भी फाइनल में एंट्री कर जाए। हालांकि एक से दो दिन के भीतर इसका खुलासा हो जाएगा। ऐसे में अब आईपीएल 2023 का रोमांच अपने पूरे शबाब पर है। इस बीच गुजरात टाइटंस और सीएसके के बीच जो मैच हुआ, उसमें चेन्नई सुपरकिंग्स के कप्तान एमएस धोनी से एक बड़ी चूक हो गई। अब इसे चूक कहा जाए या फिर चतुराई, लेकिन इतना तो है ही कि ये भारी पड़ सकती थी, लेकिन इससे पहले ही टीम के एक खिलाड़ी ने उन्हें बचाने का काम किया।
पथिराना को अंपायर ने गेंदबाजी से रोका, एमएस धोनी ने की बात
दरअसल गुजरात टाइटंस की पारी के 15 ओवर चुके थे। गुजरात टाइटंस तब तक छह विकेट के नुकसान पर 102 रन बना चुकी थी। गुजरात की टीम पीछे जरूर थी, लेकिन उसके लिए यहां से भी मैच जीतने का चांस था। इस बीच 16वां ओवर कप्तान एकएस धोनी ने पथिराना को थमाया, लेकिन इस बीच मैदानी अंपायर ने उन्हें गेंदबाजी से रोक दिया। पता चला कि पथिराना अभी कुछ ही देर पहले मैदान के बाहर गए थे। क्रिकेट के नियम के अनुसार अगर कोई खिलाड़ी बीच मैच में मैदान छोड़कर जाता है तो वो उतनी ही देर के लिए वापस मैदान पर रहेगा, उसके बाद ही गेंदबाजी कर पाएगा। लेकिन पथिराना उतनी देर के लिए मैदान में नहीं थे, कुछ मिनट का हेरफेर था। अंपायर जब पथिराना को गेंदबाजी करने से रोकते हैं तो धोनी स्क्वायर लेग अंपायर के पास जाते हैं, टीम के कुछ और खिलाड़ी वहां पहुंच जाते हैं। अंपायर और कप्तान के बीच बातचीत होती है। इस बीच कुछ देर के लिए मैच रोक दिया जाता है। टीवी पर मैच देख रहे दर्शकों की भी समझ में कुछ नहीं आता। इसी में करीब चार मिनट के लिए खेल नहीं होता। इसके बाद सब ठीक होता है और एमएस धोनी वापस गेंदबाजी पथिराना को ही सौंप देते हैं। पता चलता है कि पथिराना चार मिनट लेट थे, जो अब पूरा हो गया है। इसे एमएस धोनी का मास्टर स्ट्रोक कहा जाता है कि वे कुछ देर के लिए अंपायर को अपनी बातों में लगाए रहे और अंपायर को पता ही नहीं चला कि ये एक चाल है। लेकिन ये आगे चलकर भारी पड़ सकता था। क्योंकि नियम के अनुसार अगर निर्धारित समय के भीतर ओवर पूरे नहीं होते हैं तो गेंदबाजी करने वाली टीम के आखिरी के ओवर में कुछ ही खिलाड़ी बाउंड्री पर फील्डिंग कर पाते हैं, बाकी खिलाड़ी सीमा के अंदर ही रहेंगे।
पथिराना ने दो विकेट लेकर मोड़ दिया मैच का रुख
जब ये सब हुआ, उस वक्त विजय शंकर और राशिद खान क्रीज पर थे, जो आखिरी के ओवर में इस नियम का फायदा उठाकर तेजी से रन बनाकर अपनी टीम को जीत दिला सकते थे। पथिराना के उस 16वें ओवर में 13 रन गए और कोई विकेट भी नहीं मिला। इसके बाद 17वां ओवर लेकर आए तुषार देशपांडे, जिसमें उन्होंने 19 रन दे दिए। अब मुकाबला फंसता हुआ सा नजर आ रहा था। लेकिन 18वें ओवर में पथिराना ने ही विजय शंकर को आउट कर सीएसके लिए जीत की राह आसान कर दी। इसके बाद अगली ही गेंद पर दर्शन नालकंडे भी आउट हो गए, जो इस साल अपना पहला आईपीएल मैच खेल रहे थे। बस यही वो वक्त था, जब सीएसके ने मैच को पूरी तरह से अपनी पकड़ में ले लिया। इसके बाद गुजरात टाइटंस के पास इतना मौका नहीं था कि वे आखिरी ओवर में तेजी से रन बनाकर इस मैच को जीत पाते।