Indian Cricket Team: 15 अगस्त 1947 को भारत को अंग्रेजों से आजादी मिली। ये आजादी लंबे संघर्ष और शहीदों के बलिदानों के बाद मिली। फिर भारत अपने पैरों पर खड़ा हुआ और हर क्षेत्र में आगे बढ़ा। खेलों की दुनिया में भी भारत ने विश्व पटल पर अपना नाम दर्ज करवाया है। कपिल देव की कप्तानी में वनडे वर्ल्ड कप 1983 का खिताब जीतने के बाद भारत में क्रिकेट घर-घर में फेमस हो गया है। आज क्रिकेट भारत में एक धर्म माना जाता है। भारत ने दुनिया को सौरव गांगुली, कपिल देव, सचिन तेंदुलकर, सुनील गावस्कर, महेंद्र सिंह धोनी और विराट कोहली जैसे सुपरस्टार्स प्लेयर्स दिए हैं, जिन्होंने हर मैदान पर अपना लोहा मनवाया है। पर आज से चार साल पहले 15 अगस्त 2020 को भारत के करिश्माई कप्तान महेंद्र सिंह धोनी और धाकड़ बल्लेबाज सुरेश रैना ने संन्यास ले लिया था।
धोनी ने लिए चौंकाने वाले फैसले
महेंद्र सिंह धोनी की गिनती दुनिया के बेहतरीन कप्तानों में होती है। उन्होंने अपने शांत दिमाग और विस्फोटक बैटिंग से टीम इंडिया को कई मैचों में जीत दिलाई। जब तक धोनी क्रीज पर होते भारतीय फैंस को जीत की बनी रहती। उनकी कप्तानी में ही भारतीय टीम ने टी20 वर्ल्ड कप 2007 के फाइनल में पाकिस्तान को 5 रन से धूल चटाई। फाइनल में धोनी ने आखिरी ओवर जोगिंदर शर्मा को दिया, जो बड़ा कारगर साबित हुआ और टीम इंडिया आसानी से मुकाबला जीत गई। धोनी हमेशा से ही हटकर फैसले लेने के लिए जाने जाते रहे। उनकी कप्तानी में ही टीम इंडिया को रोहित शर्मा, भुवनेश्वर कुमार, मोहम्मद शमी और रवींद्र जडेजा जैसे स्टार प्लेयर्स मिले। उन्होंने भारत के लिए 535 इंटरनेशनल मैचों में 17092 रन बनाए हैं।
वनडे वर्ल्ड कप 2011 का खिताब भारत ने श्रीलंका को हराकर अपने नाम किया था। एक समय टीम इंडिया ने सचिन तेंदुलकर, वीरेंद्र सहवाग और विराट कोहली के विकेट जल्दी गंवा दिए थे। क्रीज पर गौतम गंभीर डटकर बेहतरीन बैटिंग कर रहे थे। ऐसे में सभी को उम्मीद थी कि उनका साथ देने के लिए युवराज सिंह मैदान पर आएंगे। लेकिन तभी धोनी ने चौंकाने वाला फैसला लिया और खुद नंबर पांच पर बल्लेबाजी के लिए। उन्होंने फाइनल में तूफानी 91 रनों की पारी खेली और प्लेयर ऑफ द मैच बने। इसके बाद उनकी कप्तानी में ही टीम इंडिया ने चैंपियंस ट्रॉफी 2013 का खिताब जीता।
तीनों फॉर्मेट में शतक जड़ने वाले पहले प्लेयर
सुरेश रैना ने भी 15 अगस्त 2020 को क्रिकेट से संन्यास ले लिया था। वह भारत की वनडे वर्ल्ड कप 2011 और चैंपियंस ट्रॉफी 2013 जीतने वाली टीम के सदस्य रहे हैं। वह अपनी बेहतरीन स्पिन गेंदबाजी के लिए जाने जाते रहे हैं। रैना ने वनडे वर्ल्ड कप 2011 में अपनी छोटी, लेकिन अहम पारियों के दम पर टीम इंडिया को मुश्किल परिस्थितियों से निकाला है। उन्होंने भारत के लिए 322 इंटरनेशनल मैचों में कुल 7988 रन बनाए हैं। वह भारत के लिए तीनों ही फॉर्मेट में शतक जड़ने वाले पहले खिलाड़ी हैं।
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