Indian Team: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच दूसरा टेस्ट मैच खेला जा रहा है। इस मैच में टीम इंडिया ने पहली पारी में कुल 180 रन बनाए थे। इसके बाद ऑस्ट्रेलिया ने ट्रेविस हेड के दमदार शतक की बदौलत 337 रन बनाए। हेड ने 140 रनों की पारी खेली है। उनकी वजह से ही ऑस्ट्रेलियाई टीम ड्राइविंग सीट पर पहुंचने में सफल रही है। पहली पारी के आधार पर ऑस्ट्रेलिया ने 157 रनों की बढ़त हासिल कर ली है। क्रिकेट में हमेशा ये कहा जाता है कि कैच पकड़ो मैच पकड़ो। लेकिन टीम इंडिया के प्लेयर्स ने शायद इस लाइन को सिरे से नकारने का फैसला किया है। मैच में भारतीय टीम के तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज ने एक अहम कैच छोड़ा, जिसका खामियाजा टीम इंडिया को भुगतना पड़ सकता है।
ट्रेविस हेड का छोड़ा कैच
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पारी का 62वां ओवर रविचंद्रन अश्विन ने फेंका। इस ओवर की तीसरी गेंद पर ट्रेविस हेड ने छक्का लगाया। चौथी गेंद पर भी वह छक्का लगाने के लिए गए। तब अश्विन ने गेंद को थोड़ा बाहर फेंका। इसी वजह से गेंद बल्ले पर लग कर ऊंची उठी। जो मोहम्मद सिराज की तरफ गई। वह इस कैच को लपक सकते थे, लेकिन ऐसा कर नहीं सके। तब हेड सिर्फ 76 रनों पर खेल रहे थे। इसके बाद जीवनदान का फायदा उठाकर उन्होंने दमदार शतक लगाया। अगर सिराज वह कैच पकड़ लेते, तो शायद ऑस्ट्रेलिया की लीड कम हो सकती थी।
पंत ने भी नहीं की कैच लेने की कोशिश
इसके बाद अगला ओवर हर्षित राणा ने किया। इस ओवर की पहली गेंद पर एलेक्स कैरी ने एक रन लिया। इसके बाद दूसरी और तीसरी गेंद पर कोई भी रन नहीं आया। फिर चौथी गेंद ट्रेविस हेड के बल्ले का किनारा लेकर चौके के लिए चली गई। लेकिन पंत के पास से गुजरी और उन्होंने कैच लेने की कोई कोशिश नहीं की। बल्कि जब गेंद निकल गई, तो वह सिर नीचे करके बैठे रहे। अगर वह थोड़ी सी भी कोशिश करते, तो यह कैच हो सकता था और ट्रेविस हेड को पवेलियन की राह पकड़नी पड़ती। पंत के कैच ना लेने की वजह से हर्षित राणा बहुत ही निराश दिखे।
डे-नाइट टेस्ट मैचों में लगाया सबसे तेज शतक
ट्रेविस हेड ने भारत के खिलाफ कुल 140 रन बनाए, जिसमें 17 चौके और चार छक्के शामिल थे। उन्होंने अपना शतक सिर्फ 111 गेंदों में ही पूरा कर लिया था। वह डे-नाइट टेस्ट मैचों में सबसे तेज शतक जड़ने वाले बल्लेबाज बने हैं। उन्होंने खुद का ही रिकॉर्ड तोड़ा है। इससे पहले साल 2022 में इंग्लैंड के खिलाफ डे-नाइट टेस्ट मैच में 112 गेंदों में शतक लगाया था। हेड की वजह से ही ऑस्ट्रेलियाई टीम 300 से ज्यादा रन बनाने में सफल रही है।
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