पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) की नीतियों को लेकर अब टीम के पूर्व कप्तान मिस्बाह उल हक काफी बुरी तरह भड़क गए हैं। वनडे वर्ल्ड कप 2023 के बाद से पीसीबी के प्रबंधन में कई तरह के बड़े बदलाव देखने को मिले हैं। इसी को लेकर मिस्बाह ने अपने एक बयान में कहा कि बोर्ड में अनिश्चितता और उसकी अदूरदर्शिता की वजह से विदेशी और यहां तक कि स्थानीय कोच भी देश के क्रिकेट बोर्ड के साथ काम नहीं करना चाहते हैं, क्योंकि सभी को अपने भविष्य को लेकर लगातार चिंता बनी रहती है। साल 2019 से लेकर 2021 के बीच मिस्बाह ने पाकिस्तन टीम के लिए मुख्य कोच और चीफ सिलेक्टर की भूमिका के तौर पर कम किया था।
एक या दो सीरीज के आधार पर लोगों को बर्खास्त कर दिया जाता
मिस्बाह उल हक जो सिंध प्रांत में एक स्थानीय टूर्नामेंट में हैदराबाद फ्रेंचाइजी को कोचिंग दे रहे उन्होंने कहा कि अगर आप बोर्ड की नीतियों को देखें तो विदेशी कोच ही नहीं बल्कि हमारे देश के कोच भी पीसीबी के साथ काम नहीं करना चाहते हैं। पाकिस्तान क्रिकेट को इतने अव्यवस्थित तरीके से नहीं चलाया जाना चाहिए। हमें टीम प्रबंधन, चयनकर्ताओं और खिलाड़ियों को तैयार करने के लिए लंबी योजनाएं बनाने की जरूरत है। दुर्भाग्य से पाकिस्तान में बोर्ड नेतृत्व में बदलाव से सब कुछ बदल जाता है। मिस्बाह ने कहा कि अगर खिलाड़ी इस बात को लेकर आश्वस्त नहीं हैं कि बोर्ड में क्या हो रहा है तो वे कैसे खुद को सुरक्षित महसूस कर सकते हैं और बेहतर प्रदर्शन करने पर ध्यान दे पाएंगे।
हमें अन्य देशों से सीख लेने की जरूरत
पीसीबी की नीतियों को लेकर मिस्बाह उल हक ने अपने बयान में आगे कहा कि मेरा मानना है कि अगर इस प्रोसेस के लिए सही समय नहीं दे सकते तो एक बेहतर टीम तैयार करने की उम्मीद को छोड़ देना चाहिए, क्योंकि इसे अच्छे खिलाड़ी भी आप तैयार नहीं कर पाएंगे जो बड़े स्तर पर निरंतरता के साथ प्रदर्शन कर सके। हमें उन देशों की नीतियों को देखना चाहिए जो इस मामले में सफल हैं।
(PTI INPUTS)
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