150 Years Of Test Cricket: क्रिकेट के इतिहास का सबसे पुराना फॉर्मेट टेस्ट है। यह पांच दिनों तक खेला जाता है और हर टीम को दो बार गेंदबाजी और बल्लेबाजी करने का चांस मिलता है। टेस्ट फॉर्मेट में ही प्लेयर्स की असली परीक्षा होती है। यहां प्लेयर्स की तकनीक, क्रिकेट कौशल और धैर्य का एग्जाम होता है। आईसीसी ने अभी तक सिर्फ 12 देशों को ही टेस्ट प्लेइंग नेशन की मान्यता दी है। क्रिकेट के इतिहास में पहला टेस्ट मुकाबला मार्च 1877 में मेलबर्न के मैदान पर इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेला गया था। साल 2027 में टेस्ट क्रिकेट के 150 साल पूरे हो रहे हैं।
टेस्ट फॉर्मेट के 150 साल पूरे होने पर होगा टेस्ट मैच
2027 में जब टेस्ट क्रिकेट के 150 साल पूरे होंगे। तब मेलबर्न (इस ग्राउंड पर पहला टेस्ट खेला गया था) के मैदान पर ही इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच एक टेस्ट मैच आयोजित किया जाएगा। टेस्ट क्रिकेट की 150वीं वर्षगांठ मनाने के लिए ये बड़ा ऐलान किया गया है। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने बताया है कि मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड अगले सात सालों तक 'बॉक्सिंग डे टेस्ट' की मेजबानी जारी रखेगा। वहीं सिडनी क्रिकेट ग्राउंड अगले सात साल 'न्यू ईयर टेस्ट' को आयोजित करेगा। एडिलेड ओवल क्रिकेट ग्राउंड अगले सात सालों तक 'क्रिसमस टेस्ट' की मेजबानी करेगा। ये टेस्ट मैच डे-नाइट या सिर्फ दिन में हो सकते हैं।
क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के सीईओ ने कही बड़ी बात
क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के सीईओ निक हॉकले ने कहा कि हमें दीर्घकालिक मेजबानी अधिकारों की पुष्टि करते हुए खुशी हो रही है, जो अगले सात सालों में कुछ शानदार क्रिकेट के स्थानों के बारे में निश्चितता प्रदान करता है। हमें विश्वास है कि यह कार्यक्रम सुनिश्चित करता है कि क्रिकेट देश भर में सही समय पर सर्वश्रेष्ठ स्थानों पर खेला जाएगा, जिसमें प्रतिष्ठित टेस्ट मैच शामिल हैं। हमारा मानना है कि यह योजना क्रिकेट फैंस के लिए एक शानदार कार्यक्रम प्रदान करती है।
पहले टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया ने दर्ज की थी जीत
उन्होंने कहा कि मार्च 2027 में एमसीजी में टेस्ट फॉर्मेट की 150वीं वर्षगांठ मनाने का मैच, दुनिया के महान खेलों में से एक के बेस्ट फॉर्मेट का अद्भुत जश्न होगा और हम उस अवसर पर इंग्लैंड की मेजबानी करने का इंतजार नहीं कर सकते। टेस्ट फॉर्मेट का पहला मुकाबला इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच हुआ था। तब ऑस्ट्रेलियाई टीम ने मुकाबला 45 रनों से जीता था। उस मैच में ऑस्ट्रेलिया के कप्तान डेव ग्रेगोरी (Dave Gregory) थे। वहीं इंग्लैंड की कमान जेम्स लिलिव्हाइट (James Lillywhite) के हाथों में थी।
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