एमएस धोनी ने एक बार फिर से आईपीएल 2023 में दुनिया को दिखा दिया कि उनकी कप्तानी का क्यों लोहा माना जाता है। पिछले सीजन उन्होंने कप्तानी छोड़ दी थी और सीएसके का बुरा हाल हुआ। हालांकि, बीच सीजन वह बतौर कप्तान वापस आए लेकिन तब तक बात बिगड़ चुकी थी। उस सीजन 9वें स्थान पर रही चेन्नई सुपर किंग्स को एक बार फिर धोनी ने आईपीएल 2023 में संभाला और उसका परिणाम सामने है कि टीम रिकॉर्ड 10वीं बार फाइनल में पहुंची है। कोई भी माही की तारीफ किए बिना खुद को रोक नहीं पाता है। उन्हीं में से एक ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज ने भी दिल खोलकर धोनी की तारीफ की लेकिन इस दौरान उन्होंने कुछ ऐसा कह दिया जो शायद दूसरे क्रिकेटर्स को अच्छा ना लगे।
ऑस्ट्रेलिया के महान क्रिकेटर मैथ्यू हेडन ने यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नॉलॉजी सिडनी द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि, महेंद्र सिंह धोनी एक जादूगर हैं जो किसी और के कचरे को भी सोने में बदल देते हैं। एमएस धोनी की कप्तानी में सीएसके रिकॉर्ड दसवीं बार आईपीएल फाइनल में पहुंची है। टूर्नामेंट की शुरूआत में टीम की गेंदबाजी कमजोर थी लेकिन धोनी ने उसी से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करा लिया। बल्लेबाजी में भी अजिंक्य रहाणे और शिवम दुबे का जिस तरह से इस्तेमाल किया गया, उसकी हर जगह तारीफ हो रही है। लेकिन हेडन के बयान पर सवाल यह उठ रहा है कि, क्या वह रहाणे और दुबे जैसे खिलाड़ियों को कचरा मानते हैं। यह थोड़ा सा विवादास्पद हो सकता है।
एमएस धोनी अगला सीजन नहीं खेलेंगे!
आपको बता दें कि लगभग पूरे टूर्नामेंट में धोनी घुटने की चोट के साथ खेले हैं। लेकिन अभी भी शायद उन्होंने रिटायरमेंट का मन नहीं बनाया है। चेपॉक में इस सीजन के आखिरी मैच क्वालीफायर 1 के बाद उन्होंने कहा था कि वह, बतौर खिलाड़ी अपने भविष्य पर फैसला लेने के लिए खुद को आठ नौ महीने का समय देना चाहते हैं। इस पर मैथ्यू हेडन का हालांकि मानना है कि धोनी अगले आईपीएल में नहीं खेलेंगे। इसके बाद हेडन ने पीटीआई से भी बात की और कहा कि, एमएस एक जादूगर है। वह किसी और का कचरा लेकर उसे सोने में बदल देता है। वह काफी कुशल और सकारात्मक कप्तान है। हर लक्ष्य को पाने के लिये एक प्रक्रिया होती है और उसने पहले भारतीय टीम के साथ और अब सीएसके के साथ यह करके दिखाया।
फ्रेंचाइजी क्रिकेट है आने वाला कल!
मैथ्यू हेडन ने इसके बाद अन्य खिलाड़ियों पर भी बात की और कहा कि, दुनिया भर में टी20 क्रिकेट के बढते चलन से खिलाड़ियों के लिये तीनों प्रारूपों में खेलना कठिन हो गया है। तीनों फॉर्मेट में खेलने वाले खिलाड़ियों का समय खत्म होने वाला है। टेस्ट क्रिकेट खेलने को लेकर काफी उत्साह फिर से देखने को मिल रहा है और विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप उसका उदाहरण है। इसके अलावा देखें तो काफी टी20 क्रिकेट हो रहा है। दुनिया भर में फ्रेंचाइजी क्रिकेट खेलने के लिए नेशनल कॉन्ट्रैक्ट छोड़ने वाले खिलाड़ियों को दोष नहीं दिया जा सकता। यह तय है कि कल बच्चे क्रिकेट खेलना चाहेंगे तो फ्रेंचाइजी क्रिकेट ही खेलेंगे। उन्होंने देखा है कि कमजोर तबके के कई खिलाड़ी, खासकर वेस्टइंडीज के क्रिकेटर कितने एक्टिव हैं। मिसाल के तौर पर निकोलस पूरन क्या टेस्ट क्रिकेट खेलना चाहेंगे। उससे पहले ड्वेन ब्रावो ने टेस्ट क्रिकेट खेला लेकिन ज्यादातर दुनिया भर में फ्रेंचाइजी क्रिकेट ही उन्होंने बाद में खेली।