भारतीय क्रिकेट टीम के लिए खेल चुके बंगाल के बल्लेबाज मनोज तिवारी ने क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से 3 अगस्त को संन्यास का ऐलान कर दिया था। लेकिन मंगलवार 8 अगस्त को इस खिलाड़ी ने अपना रिटायरमेंट वापस ले लिया। तिवारी ने 2015 के बाद से भारत के लिए कोई भी इंटरनेशनल मैच नहीं खेला था। उन्होंने अपने रिटायरमेंट वापस लेने की खबर ट्विटर पर देर रात फैंस को दी।
वापस लिया रिटायरमेंट का फैसला
बंगाल के कप्तान मनोज तिवारी ने मंगलवार को कहा कि उन्होंने अपना फैसला बदलने का मन बनाया है और वह रणजी ट्रॉफी का खिताब जीतने के लिए "एक और प्रयास" करना चाहते हैं। दो बार की चैंपियन बंगाल पिछले तीन सीजन में दो बार रणजी फाइनल में पहुंची है, लेकिन टीम 1989-90 की सफलता को दोहराने में विफल रही। तिवारी की अगुवाई वाली बंगाल पिछले सीजन में घरेलू मैदान पर खेले गए फाइनल में खिताब जीतने की प्रबल दावेदार थी, लेकिन सौराष्ट्र ने 2019-20 सीजन के फाइनल के परिणाम को दोहराते हुए उन्हें 9 विकेट से हराया था।
इसलिए वापस लिया रिटायरमेंट
तिवारी ने कहा कि पिछले सीजन में बंगाल की कप्तानी करके फाइनल में पहुंचना मेरे लिए गर्व का क्षण था। मैं खेल को अलविदा कहने से पहले एक बार और इस खिताब लिए जोर लगाना चाहता हूं। इस 37 वर्षीय खिलाड़ी ने कहा कि मैं अगले साल कोई और ‘यू-टर्न’ नहीं लू्ंगा। मैं बंगाल क्रिकेट को एक और साल देना चाहता हूं। मैं एक साल के लिए संन्यास से वापसी कर रहा हूं। बंगाल क्रिकेट ने मुझे सब कुछ दिया है। मैं एक आखिरी बार कोशिश करना चाहता हूं, चाहे वह एक खिलाड़ी के तौर पर हो या कप्तान के रूप में हो।
शानदार रहा है करियर
मनोज तिवारी फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 10,000 रन के ऐतिहासिक रिकॉर्ड (9,908 रन) तक पहुंचने से 92 रन पीछे हैं। उन्होंने अपने 19 साल के शानदार करियर में 29 शतकों के साथ 48.56 की औसत से रन बनाए हैं।