केएल राहुल लंबे वक्त से अपने खराब प्रदर्शन के चलते आलोचकों के निशाने पर रहे हैं। टीम में उनकी मौजूदगी कई एक्सपर्ट और फैंस को खटकने भी लगी। इन तमाम सरगर्मियों के बीच वह टीम में बने रहे और श्रीलंका के खिलाफ जारी सीरीज के दूसरे वनडे में अपने प्रदर्शन से जीत की एक नई इबारत लिख दी। उन्होंने इस पारी में मुश्किल में फंसी टीम इंडिया को न सिर्फ इससे बाहर निकाला, बल्कि लगभग सात ओवर बाकी रहते जीत भी दिला दी। खास बात ये कि वह आखिर तक आउट नहीं हुए। क्रीज पर लगातार घुटने टेक रहे राहुल की इस जूझारू पारी ने उनके बदले हुए एप्रोच का संकेत दिया।
एक नए अवतार में दिखे केएल राहुल
केएल राहुल ने इस मैच में नाबाद 64 रन बनाए। इसके लिए उन्होंने 103 गेंदें खेली और 156 मिनट यानी ढाई घंटे से ज्यादा लंबे वक्त तक क्रीज पर डटे रहे। भारत के सामने 216 का लक्ष्य था जो टॉप ऑर्डर के नाकाम होने के बाद काफी मुश्किल बन गया। भारतीय टीम 86 रन पर 4 विकेट गंवा चुकी थी, लेकिन पिछले कई महीनों से टीम में बोझ के तौर पर देखे जा रहे राहुल ने उसे मुसीबत से बाहर निकालकर जीत दिला दी। यह काफी हद तक इस गिफ्टेड बल्लेबाज का नया अवतार था।
विकेटकीपिंग करने से दूर हुई मुश्किल
इस शानदार पारी के बाद केएल राहुल ने अपनी बैटिंग के बदले हुए एप्रोच के रहस्य से पर्दा उठाया। उन्होंने कहा कि विकेटकीपिंग और नंबर 5 पर बल्लेबाजी करने की दोहरी भूमिका ने उन्हें अपने खेल को थोड़ा बेहतर समझने में मदद की है। राहुल की बातों को समझें तो बतौर विकेटकीपर उन्हें पिच की शायद बेहतर समझ मिलती है और गेंद पर ध्यान केंद्रित करने में उन्हें मदद हासिल होती है।
दरअसल राहुल पिछले कुछ वक्त से वनडे क्रिकेट में मिडिल ऑर्डर में बल्लेबाजी कर रहे हैं। साल 2022 में भी उन्होंने कुल 10 वनडे में से आधे से ज्यादा में नंबर 5 पर बल्लेबाजी की पर उनके बल्ले से आवाज नहीं आई। राहुल ने इस साल 10 वनडे की 9 पारियों में 27.88 के औसत से 251 रन बनाए। लेकिन श्रीलंका के खिलाफ मौजूदा वनडे सीरीज में उनका रूख बदला हुआ नजर आ रहा है। जैसा कि वह खुद बता रहे हैं, इसके पीछे की एक खास वजह उनका मैदान पर बतौर विकेटकीपर खड़ा होना भी है।