Highlights
- कीरोन पोलार्ड ने 15 साल के इंटरनेशनल करियर पर लगाया विराम
- वेस्टइंडीज के लिए खेले 123 वनडे और 101 टी20 मुकाबले
- आईपीएल के बीच ही पोलार्ड ने लिया रिटायरमेंट का बड़ा फैसला
वेस्टइंडीज के वनडे और टी20 के कप्तान कीरोन पोलार्ड ने बुधवार को इंटरनेशनल क्रिकेट से रिटायरमेंट का फैसला कर लिया है। हालांकि, वह अन्य फ्रेंचाइजी स्तर की टी20 और टी10 लीग खेलते रहेंगे। उन्होंने अपने ऑफिशियल इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक लेटर शेयर किया जिसमें अपने फैसले की जानकारी दी। इसके अलावा इस पोस्ट में पोलार्ड ने अपने कुछ यादगार पलों का वीडियो भी शेयर किया। पोलार्ड ने वेस्टइंडीज के लिए 2007 में डेब्यू किया था।
वर्ष 2007 में एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण करने वाले 34 साल के पोलार्ड ने अपनी आखिरी श्रृंखला भारत के खिलाफ खेली जो इंडियन प्रीमियर लीग में लंबे समय तक मुंबई इंडियंस से जुड़े रहने के कारण उनके दूसरे घर की तरह है। पोलार्ड ने अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम पेज पर घोषणा की। उन्होंने एक अपनी यादों का वीडियो और लेटर इस पोस्ट में शेयर किया।
पोलार्ड ने इसमें लिखा कि, ‘‘विस्तृत चर्चा के बाद मैंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने का फैसला किया है। दस साल की उम्र से वेस्टइंडीज के लिए खेलना मेरा सपना था और मुझे गर्व है कि खेल के टी20 और एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय प्रारूप में मैंने 15 साल से अधिक समय तक वेस्टइंडीज का प्रतिनिधित्व किया।’’
पोलार्ड के करियर पर एक नजर
टी20 के सबसे सफल क्रिकेटरों में से एक पोलार्ड वेस्टइंडीज के लिए उतने सफल नहीं रहे। उन्होंने 123 एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों में 26 से कुछ अधिक की औसत से 2706 रन बनाने के अलावा 55 विकेट चटकाए। उन्होंने 101 टी20 अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों में 1569 रन बनाए और 44 विकेट हासिल किए।
6 छक्के लगाकर जीता दिला
कीरोन पोलार्ड के अंतरराष्ट्रीय करियर का आकर्षण टी20 अंतरराष्ट्रीय मुकाबले में श्रीलंका के अकिला धनंजय के ओवर में छह छक्के रहे। वह हर्शल गिब्स और युवराज सिंह के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में एक ओवर में छह छक्के जड़ने वाले तीसरे बल्लेबाज थे। वह 2012 में आईसीसी टी20 विश्व कप जीतने वाली वेस्टइंडीज की टीम का भी हिस्सा थे। उन्हें कभी टेस्ट क्रिकेट खेलने का मौका नहीं मिला।
विश्व क्रिकेट में सबसे अधिक छक्के जड़ने वाले खिलाड़ियों की सूची में शामिल पोलार्ड जब अपने खेल के शीर्ष पर थे तो शायद ही कोई गेंदबाज होगा जो उन्हें फुल लेंथ गेंद फेंकने से नहीं डरा होगा। वह यॉर्कर पर भी छक्का मारने की क्षमता रखते हैं। पोलार्ड ने एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में तीन शतक जड़े लेकिन वह वेस्टइंडीज के लिए कभी वैसा प्रदर्शन नहीं कर पाए जैसा उन्होंने मुंबई इंडियंस या दुनिया भर की अन्य फ्रेंचाइजी के लिए किया।
वेस्टइंडीज के खस्ता वित्तीय हालत के कारण पोलार्ड ने संभवत: विदेशी लीग को अपनी प्राथमिकता बनाया और शायद यही कारण है कि वह राष्ट्रीय टीम का प्रतिनिधित्व करते हुए कभी अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं कर पाए। इसका साक्ष्य यह भी है कि उन्होंने 101 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच में 99 छक्के जड़े जो एक छक्का प्रति मैच से भी कम है। उनकी गेंदबाजी क्षमता में भी लगातार गिरावट आई। पोलार्ड 35 वर्ष के होने वाले हैं और उन्हें पता है कि उन्हें दुनिया भर की लीग में खेलकर अपनी आय को अधिकतम करना होगा।