अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद के नए चेयरमैन के नाम का ऐलान 27 अगस्त को कर दिया जिसकी जिम्मेदारी एक दिसंबर 2024 से भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के मौजूदा सेक्रेट्री जय संभालेंगे। इस पद के लिए जय शाह निर्विरोध रूप से चुना गया जिसमें उनका पहला कार्यकाल 2 साल का होगा और फिर से आगे के दो और साल बढ़ने की पूरी उम्मीद जताई जा रही है। जय शाह को आईसीसी चेयरमैन की जिम्मेदारी के तौर पर लगातार कई बड़ी चुनौतियों का भी सामना करना पड़ेगा जिसमें सबसे बड़ी चुनौती साल 2025 के शुरुआत में होने वाली चैंपियंस ट्रॉफी है। वहीं हम आपको 5 ऐसी बड़े चैलेंज के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे जय शाह को आईसीसी चेयरमैन के तौर पर सामना करना होगा और उनसे निपटना भी।
पाकिस्तान की मेजबानी में होने वाली चैंपियंस ट्रॉफी
साल 2025 में होने वाली चैंपियंस ट्रॉफी के आयोजन पर इस समय सभी की नजरें टिकी हुई हैं, जिसमें ये पाकिस्तानी की मेजबानी में आयोजित किया जाना है। वहीं भारत ने पहले ही अपना रुख साफ कर दिया है कि वह चैंपियंस ट्रॉफी के मैच खेलने पाकिस्तान नहीं जाएगी। ऐसे में भारतीय टीम के मुकाबले या फिर चैंपियंस ट्रॉफी का ही आयोजन किसी अन्य वेन्यू पर सफलतापूर्वक कराना जय शाह के लिए एक अहम चुनौती रहने वाली है। हालांकि जय शाह जब तक पद को संभालेंगे उससे पहले ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि चैंपियंस के शेड्यूल का ऐलान कर दिया जाएगा।
टी20 की बढ़ती लोकप्रियता के बीच टेस्ट क्रिकेट को बचाना
क्रिकेट के सबसे पुराने फॉर्मेट टेस्ट को बचाना जय शाह के लिए आईसीसी चेयरमैन के तौर पर उनके कार्यकाल की सबसे बड़ी जिम्मेदारी रहने वाली है। टी20 क्रिकेट की लगातार बढ़ती लोकप्रियता और उसमें फ्रेंचाइजी आधारित लीग होने की वजह से कई बड़े खिलाड़ी टेस्ट क्रिकेट खेलने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे। ऐसे में टेस्ट खेलने वाले देशों में इस फॉर्मेट को बचाए रखना और इसे फिर से जीवित करने में जय शाह को काफी कड़ी बतौर आईसीसी चेयरमैन करनी होगी। पिछले कुछ सालों में टेस्ट क्रिकेट में देखा जाए तो भारत, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के अलावा अन्य कोई देश इसे खेलने में अधिक दिलचस्पी नहीं दिखा रहा है।
क्रिकेट को ग्लोबल स्तर पर पहचान दिलाना
टी20 क्रिकेट आने के बाद से इस खेल को छोटे देशों में बढ़ाने में काफी आसानी मिली है। आईसीसी की तरफ से जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार तीनों फॉर्मेट खेलने वाले 12 देशों सहित लगभग 104 देशों को टी20 इंटरनेशनल खेलने का दर्जा मिला हुआ है। इसमें हाल में हुए टी20 वर्ल्ड कप में भी यूगांडा, नेपाल, यूएसए और ओमान जैसी टीमें शामिल हैं। ऐसे में इसे विश्व के और देशों में पहुंचाना भी काफी जरूर ही ताकि क्रिकेट को भी फुटबॉल की तरह ग्लोबल खेल बनाया जा सके।
साल 2027 का वनडे वर्ल्ड कप आयोजन
भारत में साल 2023 में हुए वनडे वर्ल्ड कप के बाद से इस फॉर्मेट की लोकप्रियता को लेकर भी फैंस काफी संशय की स्थिति में हैं। अगले साल चैंपियंस ट्रॉफी होने के बावजूद भारतीय टीम ने साल 2024 में सिर्फ 3 ही वनडे मैच खेले हैं। ऐसे में साल 2027 में होने वाला वनडे वर्ल्ड का आयोजन आसान नहीं रहने वाला है। ये मेगा इवेंट तीन देशों की संयुक्त मेजबानी में आयोजित किया जाएगा जिसमें साउथ अफ्रीका और जिम्बाब्वे के अलावा नामीबिया भी शामिल है। जहां पहली बार आईसीसी के प्रमुख इवेंट की मेजबानी भी मिली है, ऐसे में वहां की पिच और स्टेडियम में मौजूद सुविधाओं को लेकर भी आईसीसी को पहले से तैयारी करनी ताकि मैचों के आयोजन में किसी तरह का व्यवधान ना देखने को मिले।
ओलंपिक 2028 में क्रिकेट के इवेंट का सफलतापूर्वक आयोजन
साल 2028 में लॉस एंजिल्स में ओलंपिक खेलों का आयोजन किया जाएगा और इसमें क्रिकेट की भी वापसी देखने को मिलेगी जिसमें महिला और पुरुष दोनों के टी20 फॉर्मेट में मुकाबले खेले जाएंगे। ऐसे में ओलंपिक में क्रिकेट के मैचों का आयोजन कराना और ओलंपिक समिति के साथ पूरा समन्वय रखना जय शाह के लिए एक बड़ी जिम्मेदारी रहने वाली है क्योंकि इससे खेल को ग्लोबल स्तर एक अलग पहचान मिलने में काफी मदद भी मिलेगी।
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