Highlights
- जसप्रीत बुमराह स्ट्रेस फ्रैक्चर के कारण भारत-द. अफ्रीका सीरीज से बाहर
- बुमराह की मैदान पर वापसी में लग सकता है वक्त
- वापसी पर बुमराह को बॉलिंग एक्शन में करना पड़ सकता है बदलाव
Jasprit Bumrah Medical Report: भारत के तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह फिटनेस इश्यू के चलते लगभग तीन महीने के आराम के बाद मैदान पर आए। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीन मैच की टी20 सीरीज में उन्होंने दो मैच खेले। इसके बाद, साउथ अफ्रीका के खिलाफ टी20 सीरीज की बारी आई पर बुमराह तिरुवनंतपुरम में हुए पहले मैच के लिए मैदान पर नहीं उतर सके। भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) ने बताया कि उन्होंने प्रैक्टिस के दौरान पीठ में दर्द की शिकायत की थी लिहाजा मेडिकल टीम ने उन्हें आराम करने की सलाह दी है और वह मौजूदा सीरीज में नहीं खेल सकेंगे। बाद में पता चला कि बुमराह एकबार फिर से स्ट्रेस फ्रैक्चर से पीड़ित हो गए हैं।
इंडिया टीवी ने जाना जसप्रीत बुमराह की मेडिकल रिपोर्ट का सच
इंडिया टीवी के स्पोर्ट्स एडिटर समीप राजगुरु ने इस मामले की पड़ताल करने के लिए डॉक्टर एल तोमर से खास बात की। डॉ तोमर मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पीटल, पटपड़गंज, दिल्ली के ऑर्थोपैडिक एंड ज्वॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी डिपार्टमेंट के सीनियर डायरेक्टर और यूनिट हेड हैं। इंडिया टीवी ने जाना कि टीम इंडिया के फास्ट बॉलर को हुई ये इंजरी कितनी गंभीर है और वह कब तक मैदान पर वापसी कर पाएंगे।
स्ट्रेस फ्रैक्चर क्या होता है?
डॉक्टर एल तोमर: अगर लगातार तनाव की वजह से लिगामेंट पर ज्यादा प्रेशर पड़ता है तो इससे ये इंजर्ड हो सकता है और इसकी वजह से स्ट्रेस फ्रैंक्चर हो सकता है। दरअसल कॉलर में जितने भी वर्टिब्रल होते हैं वे लिगामेंट से जुड़े होते हैं। पीठ के निचले हिस्से में कई मोटे लिगामेंट होते हैं। अगर उसपर लगातार तनाव पैदा होता है और उसमें इंजरी होती है तो उससे स्ट्रेस फ्रैक्चर हो सकता है। कई बार जन्म से ही उसका पूरा विकास नहीं होने के कारण भी ये दिक्कत होती है। खासकर खिलाड़ियों में आगे की ओर तेजी से झुकने और वर्क आउट करने के कारण इसके होने की आशंका ज्यादा होती है।
क्या एकबार स्ट्रेस फ्रैक्चर होने पर क्या इसकी सौ फीसदी रिकवरी संभव है? इसमें कितना वक्त लगता है?
डॉक्टर एल तोमर: स्ट्रेस फ्रैक्चर के पूरी तरह से ठीक होने में काफी वक्त लगता है। दरअसल ये इस बात पर निर्भर करता है कि लोअर बैक में किस लेवल की इंजरी हुई है। अगर आंशिक इंजरी है तो रेस्ट, रिहैबिलिटेशन और फिजियोथेरेपी से ठीक हो सकती है। अगर इंजरी पूरे हिस्से में है तो मैदान पर लौटने के लिए सर्जरी कराना जरूरी है।
स्ट्रैस फ्रैक्चर होता कहां पर होता है, हड्डियों में या लिगामेंट में?
डॉक्टर एल तोमर: ये लिगामेंट में होता है। बैक स्ट्रेस इंजरी कभी पीठ की हड्डियों में नहीं होती। ये ट्रॉमैटिक इंजरी हो सकती है। स्ट्रेस फ्रैक्चर हमेशा लिगामेंट में ज्वॉइंट्स पर होता है जो हड्डियों को जोड़ता है। स्ट्रेस फ्रैक्टर पैर की हड्डियों में संभव है। ज्यादा दौड़ने वाले एथलीट्स को पैर की हड्डियों में स्ट्रेस फ्रैक्चर होने का डर बना रहता है।
स्ट्रेस फ्रैक्चर से रिकवरी में कितना वक्त लग जाता है?
डॉक्टर एल तोमर: अगर इंजरी बिल्कुल फ्रेश है और अगर अच्छे से रेस्ट लिया जाए तो इसके ठीक होने में 6 से 8 हफ्ते का वक्त लग जाता है। वहीं बार-बार हो रही ऐसी इंजरी के मामले में सौ फीसदी रिकवरी नहीं हो पाती इसके लिए सर्जरी कराने की जरूरत पड़ती है। सर्जरी होने पर रिहैबिलिटेशन में कम से कम तीन महीने का वक्त लग जाता है।
क्या जसप्रीत बुमराह को वापसी के बाद अपने बॉलिंग एक्शन में बदलाव करने की जरूरत होगी?
डॉक्टर एल तोमर: स्वाभाविक है कि बदलाव तो करना ही पड़ेगा। कोई भी ऐसा मूवमेंट जो शरीर के उस हिस्से पर तनाव पैदा कर रहा हो उसे बदलने की जरूरत पड़ेगी। ऐसे में जसप्रीत बुमराह को अपने बॉलिंग एक्शन में बदलाव करने की जरूरत पड़ सकती है।