IPL Impact Player Rule: इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के अगले सीजन से ‘इंपैक्ट प्लेयर’ रूल लागू हो जाएगा। इस नियम से सबसे ज्यादा फायदा उन अनुभवी खिलाड़ियों को मिलेगा जो अपने करियर की आखिरी मोड़ के करीब पहुंच चुके हैं। आईपीएल के तमाम फ्रेंचाइजियों से जुड़ कोचों और एक्सपर्ट्स की मानें तो ‘इंपैक्ट प्लेयर’ रूल में कुछ ऐसे नियम हैं जो अनुभवी और ज्यादा उम्र के खिलाड़ियों को लाभ पहुंचाने वाले साबित होंगे। क्रिकेट पंडित और अलग अलग टीमों के कोच इसे उन खिलाड़ियों के लिए उनके करियर के अंत में ‘दूसरा मौका’ के रूप में देख रहे हैं।
क्या है इंपैक्ट प्लेयर रुल?
‘इंपैक्ट प्लेयर’ रूल एक टीम को मैच से पहले 15 खिलाड़ियों की टीम में 4 ऐसे खिलाड़ियों को रखने की अनुमति देता है जो टीम की पारी के दौरान 14वें ओवर तक किसी भी समय रिप्लेसमेंट के तौर पर आ सकते हैं। अगर फाइनल प्लेइंग इलेवन में 4 विदेशी खिलाड़ी मौजूद हैं तो बतौर रिप्लेसमेंट आने वाला खिलाड़ी भारतीय होना चाहिए। अगर फाइनल प्लेइंग इलेवन में 3 विदेशी खिलाड़ी हों तो 1 विदेशी खिलाड़ी ‘इंपैक्ट रिप्लेसमेंट’ के तौर पर दूसरे की जगह आ सकता है।
अनुभवी प्लेयर्स को मिलेगा इंपैक्ट प्लेयर रूल का फायदा
अब बात ऐसे प्लेयर्स की करते हैं जिन्हें आईपीएल 2023 में इस नियम का फायदा मिल सकता है। इसे महज एक संयोग कह सकते हैं कि 4 अनुभवी भारतीय खिलाड़ियों को नीलामी में 50 लाख रूपए के बेस प्राइस पर ही खरीदा गया है जबकि इन भारतीयों का करियर लगभग खत्म ही है। इन खिलाड़ियों में शामिल हैं 40 साल के अमित मिश्रा जिनके खाते में 166 विकेट शामिल हैं, 34 साल के पीयूष चावला जिन्होंने 157 विकेट चटकाए हैं, मोहित शर्मा 92 विकेट ले चुके हैं और ईशांत शर्मा के पास 84 विकेट हैं।
मिश्रा को लखनऊ सुपर जायंट्स ने खरीदा जिसमें गौतम गंभीर-विजय दहिया की कोच कम मेंटॉर की जोड़ी है। दिल्ली कैपिटल्स ने ईशांत को शामिल किया और गुजरात टाइटन्स के मुख्य कोच आशीष नेहरा ने चेन्नई सुपर किंग्स में मोहित के साथ गेंदबाजी करने के बाद उन्हें मौका देने का फैसला किया। वहीं मुंबई इंडियस ने चावला को खरीदा।
इंपैक्ट प्लेय रूल से अमित मिश्रा को तगड़ा फायदा
गंभीर के साथ काम कर चुके एक घरेलू कोच ने कहा, ‘‘अमित मिश्रा को गौतम और उनके कोचिंग स्टाफ द्वारा चुना जाना बेहतरीन फैसला है। आपको उसका कौशल देखना होगा, वह आईपीएल में सर्वाधिक विकेट चटकाने वाले टॉप 3 गेंदबाजों में शामिल है। हां, यह सही है कि वह 40 साल का हो चुका है, वह इतना अच्छा फील्डर नहीं है और अंत में छक्के नहीं जड़ सकता। लेकिन आपको पूरे समय के लिये फाइनल प्लेइंग में शामिल करने की जरूरत नहीं है।’’
तस्वीर काफी हद तक साफ है, अमित मिश्रा जैसे खिलाड़ी कुछ मैच में ‘इंपैक्ट’ प्लेयर के तौर पर इस्तेमाल किए जा सकते हैं। गंभीर जब जरूरी समझेंगे उन्हें 8 ओवर के लिए मैदान में रख सकते हैं।
पूर्व भारतीय खिलाड़ी और एक्सपर्ट दीप दासगुप्ता को लगता है कि ‘इंपैक्ट’ प्लेय नियम उन सभी खिलाड़ियों के लिये एक वरदान है जिनके आईपीएल कॉन्ट्रेक्ट खत्म हो रहे हैं क्योंकि खेल की मांग अब बदल रही है। उन्होंने कहा, ‘‘मुंबई इंडियंस को वानखेड़े में पीयूष की शायद बिलकुल भी जरूरत नहीं पड़े। लेकिन अगर वे चेपॉक में खेलेंगे तो उसकी जरूरत पड़ सकती है। वह अपनी गेंदबाजी से अंतर पैदा कर सकता है।’’